Gorakhpur News: पहलागाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों के वीजा पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद गोरखपुर में रह रहे पांच पाकिस्तानियों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि उन्हें अब भारत छोड़ने की जरूरत नहीं होगी। यह निर्णय वर्तमान में लांग टर्म वीजा (LTV) और कूटनीतिक व सरकारी व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा।
गोरखपुर में रह रहे पाकिस्तानियों की स्थिति
गोरखपुर में पांच पाकिस्तानियों की स्थिति अब कुछ खास है। इनमें से दो हिंदू भाई-बहन, रामा देवी और बसंत कुमार, जो पीपीगंज क्षेत्र के निवासी हैं, भारत में धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए 1981 में पाकिस्तान से आए थे। इसके अलावा तीन मुस्लिम परिवार भी गोरखपुर में रहते हैं। इन परिवारों को LTV पर भारत में रहने की अनुमति दी गई है।
पहलागाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के वीजा सेवा को पूरी तरह से रोकने की घोषणा की गई थी। इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी और LTV धारकों को भी पाकिस्तान लौटने के लिए कहा गया था। लेकिन गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि LTV धारकों को इस आदेश से बाहर रखा गया है और वे भारत में रह सकते हैं।
गोरखपुर में रह रहे पाकिस्तानियों की पहचान और स्थिति
गोरखपुर में रह रहे पांच पाकिस्तानियों की जांच की गई है और यह पाया गया है कि उनके पाकिस्तान से कोई संपर्क नहीं है। इनमें से राइसा खातून, निगहत अनीस और नसरा खातून जैसे लोग 1980 के दशक में पाकिस्तान से भारत आए थे और आज भी गोरखपुर में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं। इनका पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं है।
भारतीय सरकार ने 25 अप्रैल को गृह मंत्रालय के माध्यम से यह निर्णय लिया था कि LTV धारकों को भारत में रहने की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद से गोरखपुर में रह रहे ये पांच पाकिस्तानियों को राहत मिली है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इन परिवारों की लगातार निगरानी कर रही हैं।