Gorakhpur News: गोरखपुर के चिलुआताल क्षेत्र में एक मर्चेंट नेवी कैप्टन के साथ धोखाधड़ी की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहाँ एक पिता और उसके पुत्र ने मिलकर जीडीए द्वारा अधिगृहीत भूमि दिखाकर कैप्टन से 36 लाख रुपये की ठगी की। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
ठगी का पूरा मामला
कैप्टन अखिलेश सिंह, जो आनंद विहार कॉलोनी, राप्तिनगर फेज 1 के निवासी हैं, ने इस घटना के बारे में पुलिस को जानकारी दी। उनके अनुसार, मई 2024 में उन्होंने चिलुआताल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि फत्तेपुर निवासी शबान और मोहम्मद आलमगीर ने उन्हें 2019 में जीडीए द्वारा अधिगृहीत भूमि दिखाकर पैसे देने के लिए मजबूर किया।
कैप्टन ने कहा, “मैंने उन्हें पैसे दिए और उसके बाद ड्यूटी पर चला गया। जब मैं एक साल बाद लौटा, तो मुझे पता चला कि जिन जमीनों को दिखाया गया था, वे 2005 में ही जीडीए द्वारा अधिगृहीत हो चुकी थीं।” इस जानकारी के बाद जब उन्होंने दोनों से अपना पैसा वापस मांगा, तो दोनों ने उन्हें टालना शुरू कर दिया।
चार साल का लंबा इंतजार
कैप्टन ने बताया कि चार साल बीत गए, लेकिन आरोपी पैसे लौटाने में आनाकानी करते रहे। “जब मैंने फिर से अपने पैसे मांगने का प्रयास किया, तो दोनों ने मुझे जान से मारने की धमकी भी दी।” इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए, कैप्टन ने पुलिस से संपर्क किया और इस धोखाधड़ी के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
पुलिस की कार्रवाई
चिलुआताल पुलिस ने कैप्टन की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया और आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने दोनों आरोपियों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया और अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी, धन की हेराफेरी और अन्य गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाया है।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
यह घटना समाज में बढ़ती ठगी और धोखाधड़ी के मामलों की गंभीरता को उजागर करती है। विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए जो अपने पेशेवर जीवन में व्यस्त हैं। कैप्टन के साथ हुए इस घोटाले ने यह साबित कर दिया है कि कैसे ठग लोग अपने जाल में फंसाते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में जागरूकता बेहद महत्वपूर्ण है। “हमेशा भूमि सौदों में सावधानी बरतें और सभी दस्तावेजों की पूरी तरह से जांच करें,” एक कानूनी विशेषज्ञ ने सुझाव दिया। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी लेन-देन पारदर्शी हों और किसी भी प्रकार के संदेह को तत्काल पुलिस को सूचित किया जाए।
कैप्टन अखिलेश सिंह का यह मामला हमें याद दिलाता है कि भूमि सौदों में हमेशा सतर्क रहना चाहिए और सभी दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई से धोखाधड़ी करने वालों को सजा दी जा सकती है।
नागरिकों को ऐसे मामलों में सजग रहना चाहिए और पुलिस को तुरंत सूचित करना चाहिए ताकि अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सके। गोरखपुर में हुई इस घटना ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर किया है कि हमारे आस-पास क्या चल रहा है और हमें अपने अधिकारों की रक्षा कैसे करनी चाहिए।
एक सकारात्मक संकेत के रूप में, पुलिस की सक्रियता ने यह दिखाया है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई संभव है। उम्मीद है कि इस मामले के माध्यम से समाज में जागरूकता बढ़ेगी और लोग ठगी के मामलों से बचने के लिए सजग रहेंगे।