Gorakhpur News: मदन मोहन मलवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) में पढ़ाई करने वाली एक नागालैंड की छात्रा को तमिलनाडु से डिजिटल तरीके से गिरफ्तार किया गया और उसके साथ धोखाधड़ी की घटना हुई। पुलिस ने आरोपी के आईपी पते को ट्रेस कर लिया है और यह पता चला है कि कॉल तमिलनाडु से की गई थी। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह कॉल किस जिले से की गई थी, और इसके बाद संबंधित जिले के पुलिस स्टेशन से संपर्क कर आरोपी तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा।
पुलिस की जांच
गोरखपुर के एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि इस मामले में बैंक डिटेल्स भी रिकवर की जा रही हैं, ताकि यह पता चल सके कि पैसे किसके खाते में गए हैं। एसबीआई से इस मामले में जानकारी मांगी गई है और जैसे ही डिटेल्स प्राप्त होती हैं, पुलिस उसे आगे की जांच के लिए इस्तेमाल करेगी। इसके अलावा, साइबर सेल भी इस मामले की जांच में जुटा हुआ है ताकि आरोपियों को पकड़ने और धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया जा सके।
कैसे हुई ब्लैकमेलिंग
छात्रा ने इस मामले में 12 अक्टूबर को पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई। उसने बताया कि वह नागालैंड के दीमापुर जिले की निवासी है और वर्तमान में गोरखपुर के मदन मोहन मलवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। 10 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे उसके मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को एसबीआई से बताया और कहा कि आपने एक लाख रुपये का लोन लिया है, जिसे आपने चुकता नहीं किया है और इसके कारण आपके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। इसके बाद तुरंत एक वीडियो कॉल आई।
वह व्यक्ति वीडियो कॉल में खुद को हैदराबाद पुलिस का अधिकारी बताने लगा। पुलिस अधिकारी ने कहा कि आपके खिलाफ हैदराबाद पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। इसके बाद आरोपी ने छात्रा से 38,132 रुपये की राशि बयानी के नाम पर ले ली। इसके बाद कुछ समय बाद फिर से एक और वीडियो कॉल आई और इस बार आरोपी ने छात्रा से कहा कि तुम्हारे शरीर पर एक टैटू है, उसे दिखाओ और उसे धमकाते हुए कहा कि तुम अपने कपड़े उतारो। इसके बाद उसने छात्रा को नग्न अवस्था में फोटो खींचने के लिए मजबूर किया। इस फोटो को लेने के बाद आरोपी ने छात्रा से एक और लाख रुपये की मांग की।
ब्लैकमेलिंग की दहशत
छात्रा ने पुलिस को बताया कि इस घटना ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। आरोपी ने उसे धमकाया कि यदि वह पैसे नहीं देती तो वह उसकी नग्न तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड कर देगा। ब्लैकमेलिंग का यह तरीका दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और युवाओं को इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है ताकि वे ऐसी स्थिति से बच सकें।
पुलिस का बयान और कार्रवाई
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस ने बताया कि साइबर सेल को भी इस मामले में शामिल किया गया है ताकि आरोपी तक जल्द पहुंचा जा सके। साथ ही, यह भी जानकारी मिल रही है कि आरोपी ने छात्रा के साथ जो फोटो ली हैं, उन्हें सोशल मीडिया पर डालने की धमकी दी थी। इस मामले में पुलिस ने पहले ही एसबीआई से डिटेल्स मांगी हैं ताकि बैंक ट्रांजेक्शन के जरिए आरोपी का पता लगाया जा सके। पुलिस ने इस मामले में संबंधित जिले के पुलिस स्टेशन से संपर्क किया है और जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की उम्मीद जताई जा रही है।
साइबर धोखाधड़ी से सतर्कता की आवश्यकता
यह घटना एक बार फिर साइबर धोखाधड़ी और ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग के बढ़ते मामलों को उजागर करती है। साइबर अपराधियों का तरीका अब बहुत ही चालाक और संवेदनशील हो गया है, जो लोगों को मानसिक रूप से परेशान करके पैसे ऐंठने का काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अब साइबर अपराधियों ने टेक्नोलॉजी का सही तरीके से इस्तेमाल करना सीख लिया है, जिससे वे लोगों को ठगने में सफल हो रहे हैं। इससे बचने के लिए लोगों को इंटरनेट के इस्तेमाल में सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी अजनबी व्यक्ति के साथ व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए।
शिकार की मानसिक स्थिति
ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी के इस मामले में शिकार हुई छात्रा ने बताया कि घटना के बाद वह बहुत डरी हुई थी और यह सोचने लगी थी कि अब उसे क्या करना चाहिए। छात्रा ने अपनी स्थिति को लेकर पुलिस से मदद की अपील की और शिकायत दर्ज करवाई। उसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और मामले की जांच शुरू की। यह भी बताया गया कि इस घटना के बाद छात्रा की मानसिक स्थिति काफी प्रभावित हुई थी, और वह सुसाइड जैसे ख्यालों से भी जूझ रही थी। ऐसे में यह भी आवश्यक है कि साइबर अपराधों के शिकार लोगों को मानसिक सहायता और समर्थन दिया जाए, ताकि वे इस प्रकार की घटनाओं से बाहर आ सकें।
यह घटना एक ओर उदाहरण है कि कैसे साइबर अपराधी युवाओं को अपनी जाल में फंसाकर उनसे पैसा ऐंठते हैं। पुलिस इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की दिशा में काम कर रही है और साइबर सेल की मदद से जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जा सकेगा। साथ ही, यह घटना समाज को यह संदेश देती है कि साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी भी प्रकार के संदिग्ध कॉल या संदेशों से बचना चाहिए। साथ ही, यदि किसी को साइबर अपराध का सामना करना पड़े तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें और उनकी मदद लें।