Gorakhpur News: गोरखपुर के गीडा क्षेत्र स्थित एक फास्ट फूड फैक्ट्री में हुए भयानक हादसे के बाद झुलसे मजदूर हज़रत बिलाल ने शनिवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हज़रत बिलाल बिहार के अररिया जिले के रहने वाले थे और पिछले तीन दिनों से बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बर्न वार्ड में भर्ती थे। डॉक्टरों के मुताबिक हज़रत बिलाल करीब 95 प्रतिशत जल चुके थे और उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी। परिवार वालों को उम्मीद थी कि चमत्कार होगा लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था।
सिलेंडर और बॉयलर फटने से मचा था हड़कंप
यह हादसा बुधवार को उस समय हुआ जब फैक्ट्री में काम चल रहा था। अचानक सिलेंडर और बॉयलर में भीषण विस्फोट हो गया जिससे पूरे परिसर में अफरा तफरी मच गई। हादसे के वक्त कई मजदूर फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे थे। विस्फोट इतना तेज था कि अंदर मौजूद सात मजदूर बुरी तरह झुलस गए थे। चीख पुकार के बीच सभी को तत्काल बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया था। हादसे के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी।
कुछ मजदूरों की हालत में सुधार
हादसे के बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सभी घायल मजदूरों का इलाज शुरू हुआ। शुरुआती दौर में सभी की हालत नाजुक बताई गई थी लेकिन शुक्रवार को तीन मजदूरों की हालत में सुधार आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। हालांकि चार मजदूर अब भी अस्पताल में भर्ती हैं जिनमें से एक की हालत अब भी बेहद चिंताजनक बनी हुई है। बर्न वार्ड के प्रभारी डॉक्टर नीरज नाथानी ने बताया कि बाकी दो मजदूरों की तबीयत धीरे धीरे बेहतर हो रही है। अस्पताल प्रशासन ने पूरी निगरानी में इलाज जारी रखा है।
फैक्ट्री की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
हादसे के बाद मजदूरों के परिजनों और आम लोगों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि फैक्ट्री में पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए थे जिससे इतना बड़ा हादसा हुआ। मजदूरों के परिजन गहरे आक्रोश में हैं और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। फिलहाल प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं और गीडा थाना पुलिस ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया है। फैक्ट्री प्रबंधन से पूछताछ जारी है और दोषियों पर कार्रवाई के संकेत दिए जा रहे हैं।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
हज़रत बिलाल की मौत से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बताया जा रहा है कि हज़रत बिलाल ही अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। जैसे ही परिवार को उनकी मौत की खबर मिली वैसे ही सभी लोग मेडिकल कॉलेज पहुंचे और वहां का माहौल बेहद गमगीन हो गया। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था और हर आंख नम थी। परिवार अब गहरे सदमे में है और आने वाले दिनों में उनके सामने आर्थिक संकट का भी खतरा मंडरा रहा है। हज़रत बिलाल के जाने से एक घर उजड़ गया।