Gorakhpur News: रामगढ़ताल में क्रूज संचालन पर संकट, संचालक की असमर्थता और जीडीए की प्रतिक्रिया

Gorakhpur News: रामगढ़ताल में क्रूज संचालन पर संकट, संचालक की असमर्थता और जीडीए की प्रतिक्रिया

Gorakhpur News: गोरखपुर के रामगढ़ताल  में क्रूज संचालन को लेकर एक संकट उत्पन्न हो गया है, जिसने स्थानीय प्रशासन और पर्यटन उद्योग को चिंतित कर दिया है। अप्रैल 2024 में, क्रूज के संचालक ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को एक पत्र भेजकर अनुबंध समाप्त करने की मांग की थी। इसके बाद, उन्होंने कई बार किराए में कटौती करने की अपील की, लेकिन जीडीए ने उनकी मांग को नकार दिया है।

वित्तीय संकट का सामना

हाल ही में, जीडीए ने संचालक को लगभग 90 लाख रुपये की बकाया राशि का नोटिस भेजा है, जिसके बाद संचालक ने क्रूज के संचालन में असमर्थता व्यक्त की है। संचालक राजन राय का कहना है कि उन्होंने जीडीए को 15-20 दिन पहले एक और पत्र दिया था, लेकिन जीडीए के अधिकारियों ने इसकी जानकारी से इनकार किया है। इसके बावजूद, इस संकट के बीच क्रूज का संचालन जारी है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है।

Gorakhpur News: रामगढ़ताल में क्रूज संचालन पर संकट, संचालक की असमर्थता और जीडीए की प्रतिक्रिया

जब रामगढ़ताल  में क्रूज संचालन की योजना बनाई गई थी, तब M/s राजकुमार राय ने इसे संचालित करने का अधिकार प्राप्त किया था। उन्होंने उच्चतम बोली लगाकर लगभग 7.5 लाख रुपये का मासिक किराया निर्धारित किया था। संचालक का दावा है कि क्रूज की स्थापना में लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। लेकिन, पर्यटकों की कमी के कारण उन्हें निरंतर वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

पर्यटकों की कमी

क्रूज के लिए योजना बनाने के समय, यह उम्मीद की गई थी कि रामगढ़ताल  में पर्यटकों की संख्या अधिक होगी, लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत रही है। वर्तमान में झील में पानी की कमी भी एक बड़ी समस्या बन गई है। इससे पर्यटकों को आकर्षित करने में कठिनाई हो रही है। संचालक ने बताया कि पहले क्रूज का किराया 3000 रुपये था, जिसे अब घटाकर 300 रुपये कर दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद पर्यटकों की संख्या में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है।

संचालक राजन राय ने जीडीए अधिकारियों से कई बार मुलाकात की है, लेकिन हर बार किराए में कटौती की मांग को नजरअंदाज किया गया। वे अब जीडीए से मासिक किराए को तीन लाख रुपये करने की मांग कर रहे हैं। हाल ही में जारी नोटिस में जीडीए ने संचालक से लगभग 89 लाख रुपये की बकाया राशि जमा करने का निर्देश दिया है, जो संचालक के लिए एक और चुनौती बन गया है।

जीडीए की प्रतिक्रिया

गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन का कहना है कि अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के बाद किराए में कमी नहीं की जा सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि बकाया राशि के संबंध में नोटिस जारी किया गया है और संचालक के साथ बातचीत की जाएगी। उनका यह भी कहना था कि जीडीए ने संचालक को हर संभव सहयोग दिया है और आगे भी देने के लिए तत्पर है।

हालांकि, संचालक का मानना है कि जीडीए की यह स्थिति और कार्रवाई उनके लिए संतोषजनक नहीं है। यदि इस स्थिति का समाधान नहीं किया गया, तो इससे न केवल क्रूज संचालन प्रभावित होगा, बल्कि गोरखपुर के पर्यटन क्षेत्र को भी गंभीर नुकसान उठाना पड़ेगा।

समाधान की दिशा में कदम

इस संकट को सुलझाने के लिए जीडीए और संचालक को एक ठोस योजना बनानी होगी। यदि जीडीए सही कदम उठाएगा और संचालक की मांगों को सुनने के लिए तैयार होगा, तो शायद रामगढ़ताल  में क्रूज संचालन को सफल बनाया जा सकता है।

संचालक ने जीडीए से अनुरोध किया है कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कुछ नई पहल की जाएं, जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ सके। इसके साथ ही, उचित किराया और प्रबंधन की व्यवस्था भी एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसे जीडीए को समझना होगा।

भविष्य की संभावनाएँ

रामगढ़ताल  में क्रूज संचालन के भविष्य पर अनिश्चितता की छाया बनी हुई है। यदि जीडीए संचालक की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेता है, तो यह पर्यटन क्षेत्र में एक बड़ी गिरावट का कारण बन सकता है। इसके अलावा, स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

स्थानीय प्रशासन और जीडीए को मिलकर इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए ताकि रामगढ़ताल  में पर्यटन के नए अवसरों का सृजन हो सके। यदि सही कदम उठाए जाते हैं, तो न केवल संचालक को सहायता मिलेगी, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनेगा।

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