Gorakhpur news: दीेंदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DUGGU) जल्द ही एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है, जिसमें अत्याधुनिक ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस हॉल और प्रदर्शनी हॉल का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का कुल बजट 39.25 करोड़ रुपये रखा गया है। विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर पूनम तिवारी के नेतृत्व में इस प्रोजेक्ट का कार्य प्रगति पर है, जो विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे में एक नई दिशा देने वाला साबित होगा।
नई सुविधाओं का निर्माण और सुधार
इस प्रोजेक्ट के तहत विश्वविद्यालय के हेलिपैड क्षेत्र में नई सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा, जो छात्रों और फैकल्टी के लिए आने-जाने में आसानी सुनिश्चित करेगा। यह स्थान विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है ताकि विश्वविद्यालय परिसर में आने वाले छात्रों और शोधकर्ताओं को सुविधा मिले।
ऑडिटोरियम और सम्मेलन हॉल की भव्यता
नया ऑडिटोरियम 2596.52 वर्ग मीटर में फैला हुआ होगा, जिसमें बड़ी घटनाओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। यह ऑडिटोरियम बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उपयुक्त होगा, जिसमें हजारों लोग बैठ सकते हैं। इसके अलावा, दो सम्मेलन हॉल भी बनाए जाएंगे, जिनका कुल क्षेत्रफल 960.06 वर्ग मीटर होगा। ये सम्मेलन हॉल मध्य आकार की संगोष्ठियों और कार्यशालाओं के लिए उपयुक्त होंगे।
प्रदर्शनी हॉल और अतिरिक्त सम्मेलन स्पेस
इस प्रोजेक्ट में एक प्रदर्शनी हॉल भी शामिल होगा, जिसमें मुख्य स्तर का क्षेत्रफल 1172.76 वर्ग मीटर और ऊपरी स्तर का क्षेत्रफल 894.35 वर्ग मीटर होगा। यह प्रदर्शनी क्षेत्र अतिरिक्त सम्मेलन स्पेस और अन्य आयोजनों के लिए उपयोगी होगा, जो विश्वविद्यालय की आयोजन क्षमता को और बढ़ाएगा।
आधुनिक तकनीकी सुविधाओं का समावेश
इस प्रोजेक्ट में आधुनिक तकनीकी सुविधाओं को शामिल किया जाएगा, ताकि परिसर में सभी कार्य सुचारू रूप से चल सकें और पर्यावरण को भी नुकसान न पहुंचे। खास तौर पर, विश्वविद्यालय परिसर को निरंतर पावर सप्लाई (UPS) की सुविधा दी जाएगी, साथ ही सौर ऊर्जा (solar power generation) से बिजली का उत्पादन भी होगा। इसके अलावा, परिसर में CCTV सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा सके।
नया युग: विश्वविद्यालय के लिए एक नई शुरुआत
इस प्रोजेक्ट को लेकर उपकुलपति प्रोफेसर पूनम तिवारी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट विश्वविद्यालय के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य छात्रों, फैकल्टी और शोधकर्ताओं को एक ऐसा वातावरण प्रदान करना है, जहां वे बिना किसी रुकावट के अपनी अकादमिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बेहतर ढंग से संपन्न कर सकें। यह प्रोजेक्ट न केवल एक भव्य संरचना का निर्माण करेगा, बल्कि यह विचारों और संस्कृति के आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र भी बनेगा।”
शिक्षा और संस्कृति का संगम
प्रोफेसर पूनम तिवारी ने इस प्रोजेक्ट के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में इन नए सुविधाओं के निर्माण से छात्रों को न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक आदान-प्रदान के लिए भी बेहतर मंच मिलेगा। यह सुविधाएं विश्वविद्यालय में हो रहे समृद्ध सांस्कृतिक आयोजनों, विचार-मंथन और शैक्षिक कार्यक्रमों को एक नया आयाम देंगी।
प्रोजेक्ट का महत्व
इस प्रोजेक्ट से विश्वविद्यालय का इंफ्रास्ट्रक्चर काफी सुधारने की उम्मीद जताई जा रही है। जहां पहले केवल क्लासरूम और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं थीं, अब इन नए ऑडिटोरियम, हॉल्स और प्रदर्शनी क्षेत्रों के साथ विश्वविद्यालय के शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गुणात्मक सुधार आएगा। इस प्रोजेक्ट से विश्वविद्यालय का आकर्षण भी बढ़ेगा, और देश-विदेश के शोधकर्ताओं, छात्रों और विशेषज्ञों को अपने शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगा।
समाज और शिक्षा क्षेत्र में योगदान
इस परियोजना से न केवल विश्वविद्यालय का विकास होगा, बल्कि यह पूरे समाज और शिक्षा क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसके माध्यम से न सिर्फ विश्वविद्यालय की शैक्षिक क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के विद्यार्थियों, विद्वानों और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों के बीच सहयोग और नेटवर्किंग का अवसर भी मिलेगा।
दीेंदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का यह नया इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, जो 39.25 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा, विश्वविद्यालय को आधुनिकतम सुविधाएं देने में मदद करेगा। प्रोफेसर पूनम तिवारी के नेतृत्व में यह प्रोजेक्ट न केवल विश्वविद्यालय के विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में एक नई मिसाल भी कायम करेगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र समुदाय इस प्रोजेक्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो आने वाले समय में शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बन जाएगा।