Gorakhpur murder: गोरखपुर के शिवपुर चकदाहा गांव में 29 मार्च को हुई मां-बेटी की हत्या ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी थी। हत्यारे ने दोनों को धारदार हथियार से मारा था और हत्या इतनी बर्बर थी कि दोनों की हड्डियां चूर-चूर हो गईं। अब 29 दिन बाद भी असली हत्यारा पकड़ा नहीं गया है।
पुलिस की जांच और संदेह
इस मामले में मृतका की बड़ी बेटी ने आरोप लगाया था कि वह हत्यारों को पहचान सकती है। उसने शुरू में आरोप लगाया था कि वह आवाज से हत्यारे को पहचान सकती है और इसके आधार पर संजय कुमार को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि पुलिस के पास संजय के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले और अब मामला ठंडा पड़ा हुआ है।
मुख्य आरोपी संजय के परिवार का कहना है कि वह निर्दोष है और उसे बेवजह जेल भेज दिया गया है। उनका कहना है कि पुलिस ने उनके साथ गलत व्यवहार किया और कोई ठोस साक्ष्य नहीं होने के बावजूद उसे जेल भेजा गया। संजय की पत्नी ने कहा कि पुलिस ने उनके पति को उनके कमरे से उठा लिया था, यह पूरी तरह से गलत था।
मृतका की बेटी का बयान
मृतका की बड़ी बेटी ने कई बार अपना बयान बदला है। पहले उसने कहा था कि उसने हत्यारों को उनकी आवाज से पहचाना था, फिर उसने कहा कि उसने उनके पैरों को खिड़की से देखा था। अब वह कह रही है कि उसने हत्यारों को खिड़की से देखा था। इस पर उसने आरोप लगाया कि पुलिस के दबाव में उसने ये बयान दिए थे और पुलिस ने उसे पीटा भी था।
पुलिस मामले की जांच में गंभीरता नहीं दिखा रही है और इस पर राजनीतिक दबाव का आरोप भी लगाया जा रहा है। गांव के कुछ बड़े नेता इस मामले में शामिल हो गए हैं और गांव के लोग भी पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और जल्द ही हत्यारा पकड़ा जाएगा, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है।