Gorakhpur murder case: गोरखपुर के गीडा थाना क्षेत्र में मंगलवार को हुई हत्या के मुख्य आरोपी शशि शंकर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस हत्याकांड में प्रयोग किया गया लाइसेंसी बंदूक भी बरामद की गई है। वहीं, मृतक शिवधनी के घर बुधवार तड़के 5:30 बजे शव पहुंचने पर परिवार और आसपास के लोगों में कोहराम मच गया। मृतक के परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से साफ इंकार कर दिया और प्रशासन के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर विरोध शुरू कर दिया।
मृतक के परिवार की मांगें
शिवधनी निषाद के परिवार वालों ने कई अहम मांगें रखी हैं। वे चाहते हैं कि उन्हें एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि, सरकारी नौकरी, घर, भूमि पट्टा और गीडा पुलिस स्टेशन के प्रभारी को बर्खास्त किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी मांग की है कि हत्या के आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाया जाए। परिवार की इन मांगों को लेकर गुस्साए परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया था।
अधिकारियों की पहल
मृतक के परिजनों के विरोध को देखकर मौके पर एसपी नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव और एसडीएम साहजनवा दीपक गुप्ता पहुंचे। उन्होंने परिजनों से बातचीत की और उनकी मांगों को गंभीरता से सुना। इसके बाद परिजनों को डीएम से फोन पर बात करने का आश्वासन दिया गया। डीएम से बात करने के बाद परिवार ने अंतिम संस्कार के लिए हामी भर दी।
परिजनों ने जो प्रमुख मांगें रखी, वे इस प्रकार थीं:
- मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी।
- परिवार की सुरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस।
- मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा।
- मृतक के परिवार को सरकारी आवास।
- आरोपी के घर पर बुलडोजर कार्रवाई।
- मृतक की बेटी सुमन की शादी के सभी खर्चे सरकारी खर्च पर किए जाएं।
- गीडा पुलिस स्टेशन के प्रभारी को बर्खास्त किया जाए।
राजनीतिक हलचल
घटना की सूचना मिलते ही राजनीति भी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष बृजेश गौतम, पूर्व जिलाध्यक्ष रामनागिनी साहनी सहित कई नेता मौके पर पहुंचे और इस घटना पर सवाल उठाए। बृजेश गौतम ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए और कहा कि आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने गीडा पुलिस स्टेशन के प्रभारी के कृत्यों पर भी प्रश्नचिह्न उठाया।
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी
घटनास्थल पर पहुंचने के बाद प्रशासन ने यह जानकारी दी कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी शशि शंकर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई लाइसेंसी बंदूक भी बरामद की है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच तेजी से चल रही है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों की सुरक्षा और निगरानी
आरोपी के घर के बाहर पीएसी (प्रांतीय आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी) को तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी तरह की हिंसा या अशांति को रोका जा सके। पुलिस और प्रशासन की टीमें दोनों पक्षों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं ताकि यह मामला साम्प्रदायिक रंग न ले सके।
एसडीएम साहजनवा का बयान
एसडीएम साहजनवा दीपक गुप्ता ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि मृतक के परिवार के सभी प्रमुख आरोपों को गंभीरता से लिया गया है और परिजनों को आश्वस्त किया गया है कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की जाएगी और आरोपी को कड़ी सजा दिलवाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
गोरखपुर में हिंसा की आशंका
गोरखपुर जिले के गीडा थाना क्षेत्र में इस घटना के बाद तनाव बना हुआ है। पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। पुलिस और प्रशासन दोनों ही चाहते हैं कि यह मामला शांतिपूर्ण तरीके से हल हो और क्षेत्र में शांति बनी रहे।
मृतक के परिवार का दुख
शिवधनी निषाद के परिवार का कहना है कि उनके घर का इकलौता सहारा चला गया है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें सरकारी मदद और मुआवजे के अलावा कुछ और नहीं चाहिए। परिवार का कहना है कि आरोपी को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर से न हों।
समाजवादी पार्टी का रुख
समाजवादी पार्टी के नेता इस घटना को लेकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने गीडा पुलिस स्टेशन के प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है। वहीं, भाजपा नेताओं ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है और कहा कि दोषियों को कड़ी सजा दिलवाना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
अंतिम संस्कार के बाद स्थिति
मृतक के परिवार ने प्रशासन की मांगों को स्वीकार करने के बाद शव का अंतिम संस्कार करने की सहमति दी। अंतिम संस्कार के बाद स्थिति कुछ हद तक शांत हुई, लेकिन प्रशासन और पुलिस लगातार इस मामले की जांच कर रहे हैं और आरोपी को न्याय दिलवाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं।
गोरखपुर के गीडा थाना क्षेत्र में हुई यह हत्या एक जघन्य अपराध है जिसने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। मृतक के परिवार की मांगें और आरोपी के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को लेकर स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने मामले की जांच को प्राथमिकता दी है और इस मुद्दे को शांतिपूर्वक हल करने की पूरी कोशिश की जा रही है।
यह मामला गोरखपुर के कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है, जिसके कारण राजनीति में भी हलचल मच गई है। आगामी दिनों में इस मामले पर और भी घटनाक्रम सामने आ सकते हैं।