Gorakhpur: कोहरे ने मचाई हलचल, रात को ठंड का अहसास, न्यूनतम तापमान में गिरावट

Gorakhpur: कोहरे ने मचाई हलचल, रात को ठंड का अहसास, न्यूनतम तापमान में गिरावट

Gorakhpur: नवंबर के महीने में जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, वैसे-वैसे उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सर्दी का प्रकोप महसूस होने लगा है। इस बार का मौसम सामान्य से कुछ अलग दिखाई दे रहा है, क्योंकि अधिकतम तापमान के साथ-साथ न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आई है। इसके साथ ही, घना कोहरा और सर्द हवाएं इस समय राज्य पर हावी हो चुकी हैं।

पूरी हवा ने बढ़ाई ठंड की मार

राज्य में ठंड का असर अब दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इस बार ठंड का मुख्य कारण पूरब से आने वाली नम हवा (Moist Purua wind) है, जो अब सर्दी और कोहरे को साथ लेकर आ रही है। गुरुवार को गोरखपुर सहित आसपास के जिलों में घना कोहरा छा गया, जबकि मेरठ, आगरा, बागपत, बुलंदशहर और कानपुर जैसे बड़े शहरों में भी कोहरा छाया रहा।

पश्चिमी हवा और प्रदूषण का असर

मौसम विभाग के मुताबिक, इस समय उत्तर-पश्चिमी भारत से आने वाली पश्चिमी हवा (Westerly Winds) का प्रभाव उत्तर प्रदेश में देखा जा रहा है। यह हवा, प्रदूषण से बनी बादलों के साथ मिलकर सूरज की किरणों को जमीन तक नहीं पहुँचने देती। इसके चलते सुबह और शाम को ठंड में वृद्धि हो रही है और दिन के समय में तापमान में गिरावट देखी जा रही है।

न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना

मौसम वैज्ञानिक कैलाश पांडे के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान में और भी गिरावट आएगी। उनका कहना है कि नवंबर के अंत तक अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुँच सकता है। इस समय, हवा में 80 से 90 प्रतिशत तक नमी है, जो ठंड को और बढ़ाने का कारण बन रही है। नमी के कारण सुबह और शाम को घना कोहरा देखने को मिल सकता है, जिससे दृश्यता पर असर पड़ सकता है।

Gorakhpur: कोहरे ने मचाई हलचल, रात को ठंड का अहसास, न्यूनतम तापमान में गिरावट

आवश्यक वायु गति का अभाव, प्रदूषण का बढ़ता असर

मौसम विभाग ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में ऊपर की हवा में पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, जिनकी गति कम है। इन हवाओं के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है और यह प्रदूषण बर्फीली हवा के साथ मिलकर शहरों में फैल रहा है। पिछले एक सप्ताह में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर 170 से नीचे नहीं जा पाया है। इस स्थिति में प्रदूषण की रोकथाम के लिए हवा की गति बढ़ने की जरूरत है। यदि हवा की गति तेज होती है तो प्रदूषण को नीचे खींचने में मदद मिल सकती है और इससे तापमान में तेजी से गिरावट हो सकती है।

गोरखपुर का तापमान: पिछले कुछ दिनों का डेटा

गोरखपुर शहर में पिछले कुछ दिनों के तापमान में भी गिरावट आई है, जो अब ठंड की ओर इशारा कर रहा है। गोरखपुर के तापमान का डेटा इस प्रकार रहा:

  • 13 नवंबर: अधिकतम तापमान 30.2°C, न्यूनतम तापमान 18.2°C
  • 12 नवंबर: अधिकतम तापमान 29.5°C, न्यूनतम तापमान 18.6°C
  • 11 नवंबर: अधिकतम तापमान 29.6°C, न्यूनतम तापमान 19.0°C
  • 10 नवंबर: अधिकतम तापमान 30.4°C, न्यूनतम तापमान 19.4°C
  • 09 नवंबर: अधिकतम तापमान 31.1°C, न्यूनतम तापमान 19.3°C
  • 08 नवंबर: अधिकतम तापमान 32.0°C, न्यूनतम तापमान 19.4°C
  • 07 नवंबर: अधिकतम तापमान 32.4°C, न्यूनतम तापमान 19.3°C

जैसा कि आप देख सकते हैं, गोरखपुर में तापमान में लगातार गिरावट आई है, और इस गिरावट के साथ ठंड की दस्तक भी हो गई है।

प्रदूषण की स्थिति और स्वास्थ्य पर असर

इस समय, उत्तर प्रदेश में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक स्थिति में है। प्रदूषण के कारण हवा में गंदगी और धुंआ बढ़ रहा है, जिससे श्वास संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मौसम में खासतौर पर सांस की बीमारी वाले लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए। साथ ही, दिन में बाहर निकलते समय मास्क पहनने और हवा की गुणवत्ता को देखते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

वातावरणीय नमी और कोहरे का प्रभाव

राज्य में इस समय 80 से 90 प्रतिशत तक नमी रिकॉर्ड की जा रही है, जिसका मुख्य कारण बंगाल की खाड़ी से लगातार बहने वाली नम पूरबी हवाएं हैं। इन हवाओं की वजह से न केवल ठंड बढ़ रही है, बल्कि कोहरा भी छा रहा है। कोहरे के कारण सुबह और शाम के समय शहरों में दृश्यता पर असर पड़ सकता है। इस समय सुबह के समय यात्रा करते वक्त वाहन चालकों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।

नवंबर का महीना आते ही उत्तर प्रदेश में सर्दी की शुरुआत हो गई है। जहां एक ओर प्रदूषण और नमी ने ठंड को बढ़ाया है, वहीं दूसरी ओर पश्चिमी हवाओं के कारण तापमान में गिरावट देखी जा रही है। आने वाले दिनों में तापमान में और भी गिरावट आने की संभावना है, जिससे ठंड का असर और भी बढ़ सकता है। नागरिकों को प्रदूषण और ठंड से बचने के लिए स्वास्थ्य सावधानियों का पालन करना चाहिए, साथ ही कोहरे के कारण सड़क सुरक्षा भी महत्वपूर्ण हो गई है।

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