Gorakhpur के पादरी बाजार स्थित सरकारी बाल संरक्षण गृह में शनिवार देर रात दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई ने हिंसक रूप ले लिया। इस झगड़े में खिड़की के शीशे तोड़कर एक-दूसरे पर हमला किया गया, जिसमें 10 किशोर घायल हो गए। शोरगुल सुनकर सुरक्षा कर्मियों ने अधिकारियों को सूचना दी और घायलों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। इस दौरान तीन किशोर फरार हो गए। पुलिस ने रविवार सुबह उनमें से दो को पकड़ लिया, जबकि देवरिया जिले से संबंधित एक किशोर की तलाश जारी है।
कैसे शुरू हुई घटना
सरकारी बाल संरक्षण गृह को चार दिन पहले सूर्यकुंड से पादरी बाजार के अनाथालय में शिफ्ट किया गया था। इस केंद्र में क्षमता से अधिक, कुल 277 किशोरों को रखा गया है, जबकि इसकी क्षमता केवल 125 है। शनिवार रात करीब 12:30 बजे दो गुटों के बीच मामूली विवाद शुरू हुआ, जो देखते ही देखते हिंसक झगड़े में बदल गया।
शीशे तोड़े और ग्रिल उखाड़ी
झगड़े के दौरान किशोरों ने खिड़की के शीशे तोड़कर एक-दूसरे पर हमला किया। इस बीच तीन किशोर सुरक्षा व्यवस्था की खामियों का फायदा उठाकर ग्रिल तोड़कर फरार हो गए। जानकारी मिलते ही सीओ गोरखनाथ रवि सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और घायलों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। इलाज के बाद नौ किशोरों को उसी रात बाल संरक्षण गृह में वापस भेज दिया गया, जबकि एक गंभीर रूप से घायल किशोर को रविवार सुबह डिस्चार्ज किया गया।
दो गुटों के बीच पुरानी दुश्मनी
पुलिस जांच में पता चला है कि कुशीनगर जिले के एक किशोर, जो हत्या के आरोप में पिछले 26 महीने से बाल संरक्षण गृह में है, और गोरखपुर जिले के एक अन्य किशोर के बीच पिछले छह महीने से वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। इससे पहले सूर्यकुंड में भी इनके बीच झगड़ा हो चुका था। इसी दुश्मनी के चलते शनिवार रात यह झगड़ा हुआ।
सुरक्षा जांच में लापरवाही
बाल संरक्षण गृह के शिफ्टिंग के दौरान अधिकारियों ने सुरक्षा जांच की अनदेखी की। खिड़कियों में लगे कांच और कमजोर ग्रिल पर किसी का ध्यान नहीं गया। झगड़े के दौरान किशोरों ने कांच तोड़कर हमला किया और फिर ग्रिल उखाड़कर भागने की कोशिश की।
रसोई में तोड़फोड़
झगड़े के बाद किशोरों ने परिसर में तोड़फोड़ भी शुरू कर दी। रसोईघर में जाकर बर्तनों और अन्य चीजों को इधर-उधर फेंक दिया। इसके बाद सुरक्षा में तैनात होमगार्ड परिसर से बाहर निकलकर गुलरिया थाना पुलिस को सूचना दी। आधे घंटे के भीतर गुलरिया और शाहपुर थाने के प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को काबू में किया।
जांच में सामने आई अन्य खामियां
- शिफ्टिंग में जल्दबाजी: बाल संरक्षण गृह को शिफ्ट करने के निर्णय में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई।
- सुरक्षा कर्मियों की कमी: बाल संरक्षण गृह में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती नहीं की गई थी।
- अधिकारियों की अनदेखी: खिड़कियों की सुरक्षा और किशोरों के व्यवहार की नियमित मॉनिटरिंग नहीं की गई।
प्रमुख तथ्य
- स्थान: सरकारी बाल संरक्षण गृह, पादरी बाजार, गोरखपुर।
- घटनाकाल: शनिवार रात 12:30 बजे।
- घायलों की संख्या: 10 किशोर।
- फरार किशोर: 3 (2 पकड़े गए, 1 की तलाश जारी)।
- पुलिस कार्रवाई: मौके पर पहुंचकर स्थिति नियंत्रित की।
पुलिस और प्रशासन का बयान
सीओ रवि सिंह ने बताया कि घटना में शामिल किशोरों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। फरार किशोरों को पकड़ने के लिए विशेष टीम बनाई गई है। जिला प्रशासन ने बाल संरक्षण गृह में सुरक्षा के प्रबंधों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है।
आगे की कार्रवाई
- सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती।
- बाल संरक्षण गृह में CCTV कैमरे लगाने का प्रस्ताव।
- किशोरों के व्यवहार और गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग।
इस घटना ने बाल संरक्षण गृह की सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन की गंभीर खामियों को उजागर किया है। प्रशासन को चाहिए कि वह सुरक्षा मानकों को मजबूत करे और किशोरों के पुनर्वास कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करे ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हो।