Gorakhpur: डीएम ने सुलझाया भूमि विवाद, 25 हजार लोगों को मिलेगा निर्बाध बिजली आपूर्ति – अब नहीं होगी ‘फॉल्ट’

Gorakhpur: डीएम ने सुलझाया भूमि विवाद, 25 हजार लोगों को मिलेगा निर्बाध बिजली आपूर्ति - अब नहीं होगी 'फॉल्ट'

Gorakhpur: जनपद में बिजली आपूर्ति के लिए राहत की खबर आई है। प्रशासन ने अब खलीलाबाद और मगहर में नए पावर सबस्टेशन बनाने के लिए भूमि विवाद को सुलझा लिया है। इन नए सबस्टेशनों के निर्माण से इन क्षेत्रों के लगभग 25 हजार लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलेगी और पुराने लाइनों पर दबाव कम होगा। इसके साथ ही स्थानीय फॉल्ट की समस्या भी दूर होगी।

खलीलाबाद में पावर सबस्टेशन के लिए भूमि का विवाद हल

पिछले लगभग आठ महीनों से खलीलाबाद में पावर सबस्टेशन के लिए भूमि की तलाश चल रही थी। शुरू में इस भूमि को लेकर विवाद हुआ और मामला अदालत में चला गया। इस पर आपत्ति दर्ज किए जाने के बाद पावर सबस्टेशन के निर्माण में बाधा आ गई थी। लेकिन अब प्रशासन ने यह मामला सुलझा लिया है और खलीलाबाद में मौलाना आजाद इंटर कॉलेज के पास भूमि का चयन कर लिया है। यहां पावर सबस्टेशन के निर्माण का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।

यह पावर सबस्टेशन खलीलाबाद और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगा। पुराने बिजली लाइनों पर दबाव कम होगा और स्थानीय फॉल्ट की समस्या भी हल हो जाएगी। इसके निर्माण से खलीलाबाद और आसपास के क्षेत्रों के लोग बिना किसी रुकावट के बिजली का उपयोग कर सकेंगे।

Gorakhpur: डीएम ने सुलझाया भूमि विवाद, 25 हजार लोगों को मिलेगा निर्बाध बिजली आपूर्ति - अब नहीं होगी 'फॉल्ट'

मगहर में पावर सबस्टेशन का निर्माण

मगहर क्षेत्र में भी पावर सबस्टेशन बनाने के लिए भूमि का चयन किया गया है। यह पावर सबस्टेशन दुर्गा मंदिर के पास बनाया जाएगा, जिसके निर्माण कार्य के लिए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। इस नए सबस्टेशन के बनने से मगहर क्षेत्र के निवासियों को भी लंबे समय से चली आ रही बिजली आपूर्ति की समस्या से राहत मिलेगी।

मगहर क्षेत्र में पुराने बिजली लाइनों पर अधिक लोड होने के कारण लगातार बिजली की ट्रिपिंग की समस्या आ रही थी। नए पावर सबस्टेशन के बनने से इन समस्याओं का समाधान होगा। अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि यहां के लोग निर्बाध बिजली आपूर्ति का लाभ उठा सकेंगे।

पुराने बिजली लाइनों पर अधिक लोड

खलीलाबाद और मगहर क्षेत्रों में पहले से चल रही बिजली लाइनों पर अत्यधिक लोड होने की वजह से इन इलाकों में अक्सर बिजली कटौती और ट्रिपिंग की समस्या सामने आती रही है। खासकर गर्मी के मौसम में जब बिजली की खपत अधिक होती है, तब यह समस्या और भी बढ़ जाती है। पुराने बिजली सबस्टेशनों के द्वारा दिए गए सप्लाई सिस्टम में आए दिन फॉल्ट्स की शिकायतें आम थीं।

इसके कारण स्थानीय निवासियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब नए पावर सबस्टेशनों के निर्माण से इन समस्याओं का समाधान होने की उम्मीद जताई जा रही है। इन सबस्टेशनों के निर्माण के बाद पुराने लाइनों पर दबाव कम होगा और क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी।

प्रशासन की सक्रियता

गोरखपुर प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर लगातार सक्रियता दिखाते हुए भूमि विवादों को सुलझाया गया है और अब दोनों क्षेत्रों में निर्माण कार्य की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने भी इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भूमि के आवंटन से लेकर सबस्टेशन के निर्माण तक की सभी प्रक्रियाओं में तेजी लाई गई है।

इलेक्ट्रिकिटी डिपार्टमेंट अब भूमि आवंटन के बाद यहां पावर सबस्टेशनों के निर्माण के लिए अपनी तैयारी पूरी कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा और यह परियोजना समय सीमा के भीतर पूरी होगी। एक बार जब यह सबस्टेशन काम करने लगेगा, तो इन क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं आएगी।

स्थानीय लोगों को मिलेगी बड़ी राहत

नए पावर सबस्टेशनों के निर्माण से न केवल खलीलाबाद और मगहर के लोग लाभान्वित होंगे, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी निर्बाध बिजली आपूर्ति का फायदा मिलेगा। इन क्षेत्रों में बिजली की ट्रिपिंग और फॉल्ट की समस्या हमेशा से ही एक बड़ी समस्या रही है, लेकिन अब इसका समाधान होगा और लोग बिना किसी रुकावट के बिजली का इस्तेमाल कर सकेंगे।

क्या कहते हैं अधिकारी?

खलीलाबाद और मगहर में नए पावर सबस्टेशनों के निर्माण पर गोरखपुर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी के अधिकारी भी आशान्वित हैं। उन्होंने बताया कि यह दोनों सबस्टेशन न केवल इन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पूरे इलाके के लिए बिजली की आपूर्ति को स्थिर बनाने में मददगार साबित होंगे। नए सबस्टेशनों के जरिए पुराने लाइनों पर दबाव कम होगा और लोगों को स्थानीय फॉल्ट्स से मुक्ति मिलेगी।

गोरखपुर में खलीलाबाद और मगहर क्षेत्रों में नए पावर सबस्टेशनों का निर्माण इन क्षेत्रों के लिए एक सकारात्मक कदम है। प्रशासन की सक्रियता से भूमि विवाद हल हुआ है और निर्माण कार्य जल्दी शुरू होने की संभावना है। यह परियोजना बिजली की आपूर्ति में सुधार लाएगी और लोगों को पुराने सबस्टेशनों से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाएगी। अब यह देखना होगा कि यह परियोजना समय पर पूरी होती है और लोगों को इसका लाभ कब से मिलना शुरू होगा।

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