Gorakhpur: शुद्ध प्लस पान मसाला कंपनी के मालिक के नाम पर साइबर ठगों ने की करोड़ों की ठगी, 2.7 करोड़ रुपये का हुआ फ्रॉड

Gorakhpur: शुद्ध प्लस पान मसाला कंपनी के मालिक के नाम पर साइबर ठगों ने की करोड़ों की ठगी, 2.7 करोड़ रुपये का हुआ फ्रॉड

Gorakhpur: गोरखपुर में एक बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें शुद्ध प्लस पान मसाला कंपनी के मालिक अमर तुलस्यान के नाम पर ठगों ने करोड़ों रुपये की ठगी की। यह मामला 2.7 करोड़ रुपये की ठगी का है, जिसमें ठगों ने कंपनी के सामान्य प्रबंधक को धोखे से पैसे ट्रांसफर करवाए। ये ठग इतने चालाक थे कि उन्होंने कंपनी के मालिक का फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर इस ठगी को अंजाम दिया। पुलिस ने फिलहाल 45 लाख रुपये को ब्लॉक कर लिया है और मामले की जांच जारी है।

ठगी कैसे हुई?

शुद्ध प्लस पान मसाला कंपनी के जनरल मैनेजर रमेश कुमार ने बताया कि गुरुवार को काम के दौरान उन्हें एक अनजान व्हाट्सएप नंबर से संदेश मिला। उस नंबर पर कंपनी के मालिक अमर तुलस्यान की डीपी (प्रोफाइल पिक्चर) थी। संदेश में लिखा था कि यह उनका नया नंबर है और तुरंत पैसे ट्रांसफर कर दिए जाएं। बिना किसी संदेह के, रमेश कुमार ने पहले 90 लाख रुपये ट्रांसफर किए और फिर उसके बाद 1.80 करोड़ रुपये और भेज दिए।

जब बाद में उन्होंने असली मालिक से संपर्क किया, तो यह पता चला कि उन्होंने कोई भी संदेश नहीं भेजा था और यही कारण था कि यह ठगी का खुलासा हुआ।

पुलिस कार्रवाई और सतर्कता की अपील

इस धोखाधड़ी के बारे में जानकारी मिलने के बाद, साइबर थाना पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। जीएम की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया और पुलिस ने कुल राशि में से 45 लाख रुपये को एक खाते में रोक दिया है। एसपी क्राइम सुधीर जयस्वाल ने बताया कि जांच जारी है और अन्य खातों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है। साथ ही, बाकी 2.25 करोड़ रुपये को वापस लाने की कोशिशें भी की जा रही हैं।

Gorakhpur: शुद्ध प्लस पान मसाला कंपनी के मालिक के नाम पर साइबर ठगों ने की करोड़ों की ठगी, 2.7 करोड़ रुपये का हुआ फ्रॉड

साइबर ठगों की बढ़ती चालाकी

यह घटना बताती है कि साइबर ठगों ने कितनी चालाकी से इस ठगी को अंजाम दिया। वे व्हाट्सएप के जरिए ऐसे फर्जी संदेश भेजते हैं, जो पूरी तरह से वास्तविक लगते हैं। अगर ध्यान नहीं दिया जाए, तो इससे बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है, जैसे इस घटना में हुआ। अब पुलिस की ओर से यह चेतावनी दी जा रही है कि लोग किसी भी प्रकार के वित्तीय लेन-देन से पहले पूरी तरह से जांच-पड़ताल करें। साइबर ठगों के नए-नए तरीके हर दिन सामने आ रहे हैं और किसी भी छोटी सी गलती से बड़ी परेशानी हो सकती है।

पुलिस की अपील: सतर्कता बरतें

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान नंबर से आने वाले संदेशों को नजरअंदाज करें और बिना पुष्टि किए किसी को भी पैसे ट्रांसफर न करें। खासकर जब कोई संदिग्ध संदेश आए, तो पहले उस संदेश की सत्यता की जांच करें। ठग अपनी चालाकी से लोगों को धोखा देने के लिए नए-नए तरीके इजात करते रहते हैं। इसके लिए सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा उपायों को और मजबूत करना बेहद जरूरी है।

इस तरह के मामलों से बचने के उपाय

  1. व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया पर अकाउंट की पहचान करें: किसी भी संदेश के जरिए यदि आपको पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा जाता है, तो पहले संबंधित व्यक्ति से संपर्क करके सत्यता की जांच करें। इस तरह के फर्जी अकाउंट आसानी से बनाए जा सकते हैं।
  2. बैंक विवरण को कभी साझा न करें: अगर किसी से बैंक खाता विवरण या ओटीपी मांगने के लिए कहा जाए, तो उसे तुरंत नकारें। कोई भी कानूनी संस्था आपको ऐसा नहीं पूछेगी।
  3. सीधे संपर्क करें: अगर आपके पास किसी कंपनी या व्यक्ति का संदेश आता है तो सीधे उनके कार्यालय या आधिकारिक नंबर से संपर्क करें और सत्यता की जांच करें।
  4. साइबर सुरक्षा उपायों का पालन करें: अपने स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर अच्छे एंटीवायरस और साइबर सुरक्षा सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें।

डिजिटल सुरक्षा में सावधानी आवश्यक

यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षा के उपायों को नजरअंदाज करना बहुत भारी पड़ सकता है। साइबर ठगों के तरीकों में निरंतर बदलाव हो रहे हैं और उनके द्वारा किए गए धोखाधड़ी के मामलों की संख्या भी बढ़ रही है। इसलिए, यह अत्यंत आवश्यक है कि लोग अपने डिजिटल लेन-देन के दौरान सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध संदेश से बचें।

पुलिस प्रशासन ने इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए कई उपायों को अपनाया है, लेकिन फिर भी नागरिकों को अपनी सुरक्षा के लिए सजग और जागरूक रहना चाहिए। साथ ही, सरकार और संबंधित विभागों को इस दिशा में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार के अपराधों को रोका जा सके।

गोरखपुर में हुई इस बड़ी साइबर ठगी ने यह साबित कर दिया है कि डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसलिए, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रकार के लेन-देन से पहले पूरी तरह से जांच-पड़ताल करनी चाहिए। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है और कुछ राशि को ठगों के हाथों से वापस रोक लिया है, लेकिन अभी भी बाकी पैसे की वापसी की कोशिश जारी है। इस घटना से हम सभी को यह सिखने को मिलता है कि डिजिटल लेन-देन के दौरान पूरी सतर्कता बरतना अत्यंत आवश्यक है।

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