Gorakhpur: गोरखपुर शहर में स्थित मोटी पोखरा, जो कई वर्षों से खराब स्थिति में था, अब साफ-सुथरा हो रहा है। गुजरात की कंपनी वैलियंट इनटेक प्राइवेट लिमिटेड ने 24 सितंबर से इस पोखरे के पानी को साफ करने की पहल की है। यह कंपनी पहले से ही दक्षिण अफ्रीका में तालाबों और झीलों का पानी शुद्ध कर रही है और अब इसे अपने खर्च पर गोरखपुर के मोटी पोखरा के लिए भी लागू कर रही है।
पानी की गुणवत्ता में सुधार
लगभग एक महीने की मेहनत के बाद, मोटी पोखरा का पानी काफी हद तक साफ हो चुका है। इस प्रक्रिया में कंपनी ने अपनी पेटेंटेड तकनीक ‘REGAL’ (Radical Enhancement Using Gas Assisted Liquid Dispersion) का उपयोग किया है, जिससे पोखरे के नीचे डूबी नाव भी दिखाई देने लगी है। केवल यही नहीं, बल्कि पोखरे में BOD (biochemical oxygen demand) स्तर 65 ppm से घटकर 09 ppm और COD (chemical oxygen demand) स्तर 170 ppm से घटकर 10.1 ppm तक पहुँच गया है। इसके अलावा, अमोनिया का स्तर भी 1.8 ppm से घटकर 0.01 ppm हो गया है, जो कि एक सुरक्षित स्तर है।
तकनीकी उपाय
वैलियंट इनटेक प्राइवेट लिमिटेड के CEO परम देसाई ने बताया कि इस परियोजना में नैनो बबल, अल्ट्रासाउंड और फ्री रेडिकल्स का उपयोग किया जा रहा है। अल्ट्रासाउंड मशीन 20,000 से 30,000 मेगाहर्ट्ज की ध्वनि उत्पन्न कर रही है, जिससे E-coli बैक्टीरिया की कोशिकाएं नष्ट हो रही हैं। यह प्रक्रिया निरंतर चल रही है, जिससे E-coli बैक्टीरिया की मृत्यु हो रही है।
दूसरी ओर, नैनो बबल तकनीक का उपयोग ‘एरेटर’ की मदद से किया जा रहा है। एरेटर पानी के तल तक ऑक्सीजन पहुंचाता है, जिससे लाभकारी बैक्टीरिया की वृद्धि और तेजी से फैलने में मदद मिलती है, साथ ही पानी में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ती है।
साफ-सफाई के कार्य का विस्तार
मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि इस तकनीक का उपयोग करके झील और पोखरे की सफाई के लिए खुदाई की आवश्यकता नहीं है। पानी में ऑक्सीजन का निर्माण होने के साथ-साथ मछलियों, जलीय जीवन और वनस्पति के लिए उपयुक्त वातावरण भी प्रदान किया जा रहा है।
आगे की योजना
जब पोखरे का पानी पूरी तरह से साफ हो जाएगा, तब उसके किनारे पर बैठने के लिए रास्ते और बेंच लगाने की योजना है। इससे न केवल लोगों को इस क्षेत्र का आनंद लेने का अवसर मिलेगा, बल्कि यह स्थान शहरवासियों के लिए एक सुंदर पिकनिक स्पॉट भी बन जाएगा।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका मानना है कि पोखरे की सफाई से क्षेत्र में न केवल जलवायु में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी को भी बढ़ावा मिलेगा। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम मोटी पोखरा को साफ होते हुए देखकर खुश हैं। यह हमारे क्षेत्र की सुंदरता को बढ़ाएगा और बच्चों के खेलने के लिए भी एक सुरक्षित स्थान होगा।”
पर्यावरण के प्रति जागरूकता
इस सफाई कार्य ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई है। कई स्थानीय संगठन इस पहल का समर्थन कर रहे हैं और लोगों को तालाबों और झीलों की सफाई के महत्व के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
एक पर्यावरण कार्यकर्ता ने कहा, “यह एक प्रेरणादायक कदम है। हमें अपने जल स्रोतों को साफ रखने के लिए जिम्मेदार होना चाहिए। हम इस प्रकार की और पहलों की आशा करते हैं।”
गोरखपुर के मोटी पोखरा की सफाई एक सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक है। यह न केवल स्थानीय जल स्रोतों के पुनर्निर्माण में मदद करेगा, बल्कि इसे समुदाय के लिए एक आकर्षक स्थान में बदल देगा। वैलियंट इनटेक प्राइवेट लिमिटेड की यह पहल अन्य क्षेत्रों के लिए एक उदाहरण बन सकती है, जहाँ जल गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता है।
समुदाय और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता के साथ, मोटी पोखरा अब एक नई पहचान की ओर बढ़ रहा है। इससे न केवल शहर की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और स्वच्छ पर्यावरण भी सुनिश्चित होगा।
मोटी पोखरा की यह सफाई अभियान सभी के लिए एक उदाहरण है कि कैसे तकनीक और जागरूकता का सही उपयोग कर हम अपने प्राकृतिक संसाधनों को बचा सकते हैं।