Gorakhpur में तैनात कांस्टेबल पंकज कुमार और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनुज सरकार के बीच अल्ट्रासाउंड शुल्क को लेकर हुए विवाद ने एक नई दिशा ले ली है। भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने रविवार को रामगढ़ झील के किनारे से नाव पर सवार होकर जन जागरूकता अभियान की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने डॉ. सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और उनके सामाजिक बहिष्कार की अपील की।
विवाद की पृष्ठभूमि
यह मामला उस समय शुरू हुआ जब कांस्टेबल पंकज कुमार, जो बलिया जिले में तैनात हैं, अपनी बीमार पत्नी को डॉ. अनुज सरकार के पास इलाज के लिए ले गए। वहां पर अल्ट्रासाउंड शुल्क को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि डॉ. सरकार के गार्ड और अन्य लोगों ने कथित तौर पर कांस्टेबल पंकज कुमार पर हमला कर दिया, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आईं। इस घटना के बाद कांस्टेबल पंकज कुमार को जेल भेज दिया गया, जबकि डॉक्टर और उनके सहयोगियों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई। इसी के खिलाफ भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने इस मुद्दे को उठाते हुए जन जागरूकता अभियान शुरू किया।
एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह का जन जागरूकता अभियान
भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने रविवार को रामगढ़ झील के किनारे सैकड़ों लोगों के साथ मिलकर नाव पर सवार होकर जन जागरूकता अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनता को इस घटना के बारे में जागरूक करना और डॉक्टर डॉ. अनुज सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करना था। उन्होंने डॉक्टर और उनके गार्डों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की उचित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
डॉ. सरकार के सामाजिक बहिष्कार की अपील
इस अभियान के दौरान भाजपा के पूर्व विधायक शीतल पांडे ने भी डॉ. सरकार के सामाजिक बहिष्कार की अपील की। उन्होंने कहा कि लोग डॉ. सरकार से इलाज के लिए न जाएं और न ही अपने रिश्तेदारों और मित्रों को वहां भेजें। शीतल पांडे का मानना है कि डॉक्टर का व्यवहार मानवता के प्रति शर्मनाक है और ऐसे व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए।
कांस्टेबल पंकज कुमार की रिहाई
डॉक्टर के गार्डों द्वारा किए गए हमले के बावजूद कांस्टेबल पंकज कुमार पर मामला दर्ज किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। हालांकि, इस जन जागरूकता अभियान के दौरान कांस्टेबल पंकज कुमार को मंडलीय जेल से रिहा कर दिया गया। भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कांस्टेबल की रिहाई को न्याय की पहली जीत बताया और कहा कि अब डॉक्टर और उनके सहयोगियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
डॉक्टर पर मामला दर्ज करने की मांग
एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जिस तरह से एक पुलिसकर्मी, जो अपनी बीमार पत्नी को दिखाने के लिए डॉक्टर के पास गया था, उस पर हमला हुआ, वह मानवता के लिए शर्मनाक है। उन्होंने डॉक्टर पर गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए कहा कि एक संवेदनशील पेशे से जुड़े व्यक्ति का इस प्रकार का व्यवहार माफी के लायक नहीं है। उन्होंने डॉक्टर और उनके गार्डों के खिलाफ उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने और उन्हें जेल भेजने की मांग की।
घटनास्थल पर समर्थन में जुटे लोग
इस जन जागरूकता अभियान के दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह के साथ थे। इस दौरान राधेश्याम सिंह, श्यामजी त्रिपाठी, ओम नारायण पांडे, बेतियाहाता के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी, धर्मेंद्र त्रिपाठी, भानु प्रताप पांडे, गिरिजेश मणि त्रिपाठी, पूर्व मंत्री धीरेंद्र द्विवेदी, अधिवक्ता रामाकांत पांडे, आलोक शुक्ला, राजेश तिवारी और राधेश्याम सेहरा सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित थे। सभी ने मिलकर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और जनसमर्थन जुटाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में इस मुद्दे को उठाने की बात कही।
जनता से अपील
इस अभियान के दौरान एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह और अन्य नेताओं ने जनता से अपील की कि वे इस घटना के प्रति सजग रहें और डॉक्टर डॉ. अनुज सरकार का सामाजिक बहिष्कार करें। उन्होंने कहा कि डॉक्टर का यह बर्ताव न केवल मानवता के खिलाफ है, बल्कि यह चिकित्सा पेशे की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है। ऐसे में जनता को इस मुद्दे पर एकजुट होकर डॉक्टर के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।