गोरखपुर भालोटिया मार्केट: शहर की थोक दवा मंडी भालोटिया मार्केट में शुक्रवार देर शाम उस समय हड़कंप मच गया जब केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) की टीम अंबर फार्मा के संचालक की तलाश में पहुंची। नशीली दवाओं के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े मामले में टीम ने अंबर फार्मा के संचालक और उनके पिता से पूछताछ की। टीम को पता चला कि संचालक सुल्तानपुर में है, जिसके बाद उनके पिता अरुण गुप्ता को समन जारी किया गया। समन में उन्हें दो हफ्ते के भीतर लखनऊ स्थित सीबीएन कार्यालय में आवश्यक कागजातों के साथ पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।
अंबर फार्मा पर गंभीर आरोप
अंबर फार्मा पर नशीली दवाओं के अवैध व्यापार का आरोप है। जानकारी के मुताबिक, अंबर फार्मा के लाइसेंस पर लाखों की संख्या में नशीली दवाओं के टैबलेट खरीदे गए थे, जबकि यह फर्म करीब छह महीने पहले बंद हो चुकी थी। जिस पते पर अंबर फार्मा का लाइसेंस था, वहां अब दूसरी फर्म संचालित हो रही है। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब नारकोटिक्स टीम ने इस फर्जीवाड़े की तहकीकात के लिए छापा मारा।
संचालक की गैरमौजूदगी और पिता से पूछताछ
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के इंस्पेक्टर अनूप गैरोला और सब-इंस्पेक्टर रविरंजन की अगुवाई में टीम ने सबसे पहले पशुपति मार्केट स्थित अंबर फार्मा के ठिकाने की तलाश की, लेकिन वहां दूसरी फर्म संचालित मिली। इसके बाद टीम संचालक के पिता अरुण गुप्ता के पास पहुंची, जिनकी थोक दवा की दुकान “गुप्ता मेडिकल एजेंसी” उसी मार्केट में स्थित है। पूछताछ में यह सामने आया कि अंबर फार्मा का संचालक सुल्तानपुर में है।
टीम ने अरुण गुप्ता को उनके बेटे के लिए समन सौंपा, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उन्हें दो हफ्ते के भीतर लखनऊ स्थित केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के ऑफिस में आवश्यक कागजातों के साथ पेश होना होगा।
देवरिया में भी दुकानदार की तलाश
सूत्रों के अनुसार, सीबीएन की एक अन्य टीम देवरिया में भी एक संदिग्ध दवा विक्रेता की तलाश में गई थी। वहां से एक दुकानदार को पूछताछ के लिए ले जाने की चर्चा है। यह भी बताया जा रहा है कि सीबीएन को कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि नशीली दवाओं की खरीदारी फर्जी लाइसेंस के आधार पर की गई थी।
दवा विक्रेता समिति के पदाधिकारियों का हस्तक्षेप
अंबर फार्मा पर नारकोटिक्स ब्यूरो की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही दवा विक्रेता समिति के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। अध्यक्ष योगेंद्र दुबे, महासचिव आलोक चौरसिया, राजेश अग्रवाल और आलोक चतुर्वेदी सहित कई अन्य सदस्य भी इस मामले को जानने के लिए वहां उपस्थित हुए। उन्होंने नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों से मामले की स्थिति और आगे की कार्रवाई के बारे में जानकारी प्राप्त की।
समन के बाद क्या होगा आगे?
अरुण गुप्ता को सौंपे गए समन के अनुसार, अंबर फार्मा के संचालक को दो हफ्ते के भीतर लखनऊ स्थित सीबीएन कार्यालय में उपस्थित होकर मामले से संबंधित सभी कागजात जमा करने होंगे। अगर वे ऐसा करने में असफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
इस घटना से भालोटिया मार्केट के दवा व्यापारियों के बीच दहशत का माहौल है। नारकोटिक्स टीम की छापेमारी के बाद से दवा कारोबारियों में इस बात की चर्चा है कि बाजार में नशीली दवाओं का अवैध व्यापार किस हद तक फैला हुआ है। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि आने वाले दिनों में नारकोटिक्स ब्यूरो इस मामले में क्या कदम उठाता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।
नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर शिकंजा कसने के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की इस कार्रवाई से दवा व्यापारियों में हड़कंप मच गया है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि अंबर फार्मा के संचालक पर आगे क्या कानूनी कदम उठाए जाएंगे।