Gorakhpur: गोरखपुर जिले के देवराड़तुला गांव में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों से ग्रुप लोन दिलाने का झांसा देकर 1.50 करोड़ रुपये की ठगी करने के मामले में बंगाली डॉक्टर रूपा विश्वास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रूपा और उनके पति दिनेश चंद ने इस धोखाधड़ी में 15 से अधिक महिलाओं को फंसाया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू कर दी है।
ठगी की कहानी
रूपा विश्वास पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के दिगंबरपुर गांव की रहने वाली हैं। वह अपने परिवार के साथ गोरखपुर के देवराड़तुला गांव में किराए के मकान में रह रही थीं। वह खुद को डॉक्टर बताकर गांव की महिलाओं से संपर्क करती थीं और उन्हें माइक्रोफाइनेंस कंपनियों से ग्रुप लोन दिलाने का भरोसा देती थीं।
महिलाओं को विश्वास दिलाया गया कि ये लोन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करेगा। रूपा ने महिलाओं से लोन के लिए आवेदन करवाया और लोन की राशि मिलते ही धोखाधड़ी से पैसे निकाल लिए। इसके बाद उनका महिलाओं से संपर्क टूटने लगा। जब महिलाओं को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने रूपा से पैसे वापस मांगने की कोशिश की, तो उन्होंने बहाना बनाया कि उनकी बेटी का मेडिकल में एडमिशन होना है और वह जल्द ही पैसे लौटा देंगी। लेकिन कुछ समय बाद रूपा अपने परिवार के साथ घर में ताला लगाकर फरार हो गईं।
महिलाओं का विरोध और प्रदर्शन
इस ठगी के बाद पीड़ित महिलाएं परेशान हो गईं। जब बैंक कर्मचारियों ने बकाया राशि के लिए महिलाओं से मांग की, तो महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने एसएसपी कार्यालय में शिकायत की और गोरखपुर में विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं ने रूपा और उनके पति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
हरपुर-बुदहट थाने की पुलिस ने रूपा और उनके पति दिनेश चंद के खिलाफ धोखाधड़ी, बैंक फ्रॉड और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और जल्द ही शेष आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस के अनुसार, रूपा के पति भी इस ठगी में शामिल थे। दोनों ने मिलकर महिलाओं को लोन दिलाने का झांसा देकर यह अपराध किया। पुलिस इस साजिश में शामिल सभी लोगों का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है।
पीड़ित महिलाओं की स्थिति
इस ठगी के बाद पीड़ित महिलाएं भारी दबाव में हैं क्योंकि अब उन्हें माइक्रोफाइनेंस कंपनियों को लोन की राशि चुकानी है। कई महिलाएं इस स्थिति से बेहद परेशान हैं क्योंकि उनके पास रूपा से अपने पैसे वापस पाने की कोई उम्मीद नहीं बची है। महिलाएं अब पुलिस और प्रशासन से मदद मांग रही हैं ताकि उन्हें उनका पूरा पैसा वापस मिल सके।
पुलिस का बयान
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह एक गंभीर धोखाधड़ी का मामला है और उन्होंने पूरे मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस पीड़ित महिलाओं का पैसा जल्द से जल्द वापस दिलाने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने यह भी कहा कि रूपा और उनके पति की यह गैंग बड़े पैमाने पर फैली हुई है और इसे अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी में से एक माना जा रहा है।
समाज में विश्वासघात का उदाहरण
गोरखपुर की इस घटना ने यह दिखाया है कि कैसे लोगों का विश्वास जीतकर उन्हें ठगा जा सकता है। माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के जरिए महिलाओं को धोखा देकर पैसे हड़पना एक गंभीर अपराध है, जो केवल पीड़ित महिलाओं को ही नहीं, बल्कि समाज को भी प्रभावित करता है।
पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी
हालांकि पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तारी कर ली है, लेकिन यह जरूरी है कि पीड़ित महिलाओं का पैसा वापस दिलाया जाए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
गोरखपुर की यह घटना हमारे समाज में मौजूद आर्थिक धोखाधड़ी के खतरों को उजागर करती है। महिलाओं के भरोसे को तोड़कर उनके साथ धोखा करना न केवल एक कानूनी अपराध है, बल्कि यह नैतिकता के भी खिलाफ है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।