Gorakhpur: हाल ही में महाराजगंज में ऋण माफी की अफवाह के चलते पुलिस ने कार्रवाई की, और अब गोरखपुर में भी इस मामले में FIR दर्ज की गई है। गोरखनाथ पुलिस स्टेशन में बुधवार को अम्बेडकर जन मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा और संयोजक श्रवण निराला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि उन्होंने माइक्रो फाइनेंस कंपनी के ऋण माफी की झूठी जानकारी देकर महिलाओं से पैसे वसूले।
मामले का विवरण
इस मामले की शिकायत माइक्रो फाइनेंस कंपनी की डिविजनल हेड ऋतु साहू ने की है। मंगलवार को महाराजगंज के फरेन्दा पुलिस स्टेशन में भी दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में श्रवण निराला को गिरफ्तार भी किया गया है।
आरोप है कि अम्बेडकर जन मोर्चा के अधिकारी गाँव-गाँव जाकर ऋण माफी की फर्जी सूचना फैलाते थे। इसके बाद यह जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। महिलाओं से ऋण माफी के नाम पर फॉर्म भरने के लिए 500 रुपये भी वसूले गए।
महिलाओं को गुमराह करना
यह भी आरोप है कि महिलाओं को मुख्यमंत्री कार्यालय गोरखनाथ मंदिर में ऋण माफी फॉर्म जमा करने के लिए कहा गया। इसके चलते बड़ी संख्या में महिलाएं गोरखनाथ मंदिर पहुँचने लगीं। पुलिस को उन्हें गोरखनाथ मंदिर के गेट से ही लौटाना पड़ रहा था, जब वे उन्हें स्थिति के बारे में समझाने का प्रयास करते थे।
पुलिस की कार्रवाई
ज्यादातर महिलाएं महाराजगंज से आई थीं, इसलिए गोरखपुर पुलिस ने महाराजगंज पुलिस को इस मामले की सूचना दी। इसके बाद, फरेन्दा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया और निराला को गिरफ्तार किया गया। इस बीच, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के डिविजनल हेड ने भी गोरखनाथ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है।
गोरखनाथ पुलिस स्टेशन में सीमा गौतम और श्रवण निराला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस अब जांच कर रही है। शहर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक त्यागी ने कहा कि शिकायत के आधार पर गोरखनाथ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस जांच के आधार पर कार्रवाई करेगी।
सामाजिक प्रभाव
इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि महिलाएं अपनी मेहनत की कमाई को इस उम्मीद में गंवा रही थीं कि उन्हें ऋण माफी का लाभ मिलेगा। अब जब यह सब फर्जी निकला, तो कई महिलाओं ने अपनी मेहनत से कमाए गए पैसे खो दिए। इसके चलते क्षेत्र के लोगों में पुलिस और प्रशासन के प्रति नाराजगी भी देखी जा रही है।
लोगों का विश्वास
इस घटना ने लोगों के मन में एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वे अब भविष्य में किसी भी प्रकार की योजनाओं पर विश्वास कर पाएंगे। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने इस योजना के बारे में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से सुना था, और इसी आधार पर उन्होंने अपने पैसे दिए।
यह घटना हमें यह सिखाती है कि हमें किसी भी योजना या जानकारी को बिना पुष्टि के नहीं लेना चाहिए। खासकर जब यह किसी सरकारी योजना के बारे में हो, क्योंकि इसके पीछे संभावित धोखाधड़ी का खतरा हो सकता है।