Gautam Adani Bribery Case: कांग्रेस के सीनियर नेता और चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने व्यवसायी गौतम अडानी पर बड़ा हमला बोला है। मनीष तिवारी ने बुधवार (21 नवंबर 2024) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक समाचार लिंक साझा करते हुए कहा, “अब इस मामले की जांच जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) से करवाई जानी चाहिए।”
इसके साथ ही मनीष तिवारी ने लिखा, “भारतीय अरबपति गौतम अडानी और अन्य अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत और धोखाधड़ी दी और इसे अमेरिकी निवेशकों से छुपाया।”
क्या है पूरा मामला?
गौतम अडानी और छह अन्य लोगों पर न्यू यॉर्क की एक अदालत में 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। इन सात लोगों पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर अगले 2 अरब डॉलर के सोलर पावर प्लांट प्रोजेक्ट को हासिल किया।
अमेरिका में अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच
अमेरिका के न्यू यॉर्क के अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि गौतम अडानी और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी निवेशकों से पैसे जुटाने के प्रयासों के दौरान झूठ बोला। अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अडानी और एमडी-सीईओ निवित जैन पर अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) के अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि अडानी ग्रुप ने इस प्रोजेक्ट को हासिल करने के लिए रिश्वत दी थी या नहीं।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने मचाई थी हलचल
पिछले साल, हिडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के लिए एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया था। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियों ने अनैतिक तरीके से काम किया और शेयरों में हेराफेरी की। इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर बुरी तरह से गिर गए थे, और उनका कुल मार्केट कैप करीब 150 बिलियन डॉलर घट गया था। इसके साथ ही अडानी ग्रुप को 20,000 करोड़ रुपये का FPO (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) वापस लेना पड़ा था।
मनीष तिवारी का बयान
मनीष तिवारी ने गौतम अडानी के खिलाफ उठे आरोपों को लेकर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी से जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है, और इसमें उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है ताकि यह पता चल सके कि भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में कोई उच्चस्तरीय साजिश तो नहीं हुई। उनका कहना था कि इस तरह के आरोपों से भारतीय राजनीति और व्यापार जगत की छवि पर बुरा असर पड़ता है।
अडानी के खिलाफ आरोप और भविष्य की संभावना
अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोप अगर साबित होते हैं तो यह भारतीय व्यापारिक इतिहास में एक बड़ा मामला बन सकता है। इससे न केवल अडानी ग्रुप की साख पर असर पड़ेगा, बल्कि भारत के व्यापारिक माहौल पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है। फिलहाल, अडानी ग्रुप के खिलाफ अमेरिका में जांच जारी है, और भारतीय राजनीतिक गलियारों में भी इस मामले को लेकर चर्चाएं तेज हैं।
भारत में अडानी ग्रुप का प्रभाव
अडानी ग्रुप ने भारत में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम किया है, जिनमें ऊर्जा, बंदरगाह, हवाईअड्डे और अन्य प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं शामिल हैं। हालांकि, इन परियोजनाओं के पीछे आरोपों के कारण अडानी ग्रुप की प्रतिष्ठा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अब यह देखना होगा कि क्या इस विवाद का असर भारत में अडानी ग्रुप की परियोजनाओं और उनके भविष्य पर पड़ेगा या नहीं।
गौतम अडानी पर लगे रिश्वत और धोखाधड़ी के आरोप भारत के व्यापारिक और राजनीतिक माहौल में एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं। मनीष तिवारी ने इस मामले की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) से जांच करवाने की मांग की है, जिससे मामले की निष्पक्ष जांच हो सके। अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या गौतम अडानी और उनके सहयोगियों को इस आरोप से मुक्त किया जाता है।