ब्राजील में G-20 शिखर सम्मेलन, भारत करेगा विकासशील देशों की कर्ज राहत और हरित ऊर्जा पर सहमति बनाने में मदद

ब्राजील में G-20 शिखर सम्मेलन, भारत करेगा विकासशील देशों की कर्ज राहत और हरित ऊर्जा पर सहमति बनाने में मदद

G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन अगले सप्ताह ब्राजील में होने जा रहा है, जिसके बाद जारी होने वाले डिक्लरेशन को लेकर वही चुनौतियां उत्पन्न होने की उम्मीद है जो पिछले साल नई दिल्ली डिक्लरेशन में थीं। उस समय, भारत को ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया जैसे देशों ने सहमति बनाने में मदद की थी। इस बार भारत ब्राजील डिक्लरेशन पर आम सहमति बनाने के लिए अपनी विशेष कूटनीतिक ताकत का उपयोग करेगा।

पर्यावरण और कर्ज माफी पर जोर

भारत इस बार गरीब देशों के ऊपर भारी बकाया कर्ज को कम करने और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बजाय पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक फंड जुटाने जैसे मुद्दों पर सहमति बनाने में मदद करेगा। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल इस शिखर सम्मेलन में भाग लेगा। जी-20 में भारत का लक्ष्य एक ऐसी भूमिका निभाना है, जो वैश्विक मुद्दों को सुलझाने में योगदान दे सके और विकासशील देशों के हितों को प्राथमिकता दे सके।

16 नवंबर से पीएम मोदी का तीन देशों का दौरा

प्रधानमंत्री मोदी 16 नवंबर से तीन देशों की यात्रा पर जा रहे हैं। पहले वे नाइजीरिया का दौरा करेंगे (16-17 नवंबर), इसके बाद वे 18-19 नवंबर को ब्राजील का दौरा करेंगे और फिर गुयाना जाएंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, यह पिछले 17 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की नाइजीरिया की पहली यात्रा होगी, जबकि कैरेबियन देश गुयाना में वे 56 वर्षों बाद दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे।

गुयाना में प्रधानमंत्री मोदी भारत और कैरीकॉम (कैरिबियन समुदाय और साझा बाजार) की बैठक भी करेंगे। यह भारत की कैरीकॉम के साथ दूसरी बैठक होगी। इस बैठक का पहला आयोजन न्यूयॉर्क में पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुआ था।

G-20 शिखर सम्मेलन का मुख्य मुद्दा: भूख, गरीबी, और सतत विकास

विदेश मंत्रालय के सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि “ब्राजील द्वारा इस वर्ष रखी गई शिखर सम्मेलन की थीम पिछले साल भारत की अध्यक्षता में हुए शिखर सम्मेलन की भावना को आगे बढ़ाती है। इस वर्ष की थीम भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन, सतत विकास और ऊर्जा परिवर्तन तथा वैश्विक संस्थाओं में सुधार पर केंद्रित है।”

ब्राजील में G-20 शिखर सम्मेलन, भारत करेगा विकासशील देशों की कर्ज राहत और हरित ऊर्जा पर सहमति बनाने में मदद

भारत ने पिछले साल अपने जी-20 शिखर सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, जो भूख समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस वर्ष भी भारत वैश्विक स्तर पर भूख और गरीबी के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका को मजबूत करना चाहता है।

वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें

G-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जैसे विश्व के शीर्ष नेता भाग लेंगे। उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

वैश्विक संस्थाओं में सुधार और गरीब देशों पर कर्ज माफी पर ध्यान

कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, वैश्विक संगठनों में सुधार और गरीब तथा विकासशील देशों पर भारी कर्ज का मुद्दा ऐसा है जिस पर जी-20 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों (शेरपाओं) की बैठक में विशेष सहमति नहीं बन सकी है। लेकिन ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर डिक्लरेशन जारी होने तक बातचीत जारी रहेगी।

भारत इस संदर्भ में विकासशील देशों के साथ खड़ा है। पिछले साल भारत के प्रयासों के चलते अफ्रीकी संघ को जी-20 में सदस्यता प्रदान की गई थी। इस साल, पहली बार अफ्रीकी संघ के नेता इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

भारत का उद्देश्य: वैश्विक सहयोग को बढ़ावा

जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत का उद्देश्य सिर्फ अपने राष्ट्रहित तक सीमित नहीं है बल्कि वैश्विक विकास, गरीबी उन्मूलन, ऊर्जा परिवर्तन, और आर्थिक सुधार के मुद्दों पर भी फोकस है। भारत एक बार फिर दुनिया के सामने यह साबित करना चाहता है कि वह केवल एक कूटनीतिक शक्ति नहीं बल्कि एक ऐसा देश है जो समूची मानवता के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

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