Gorakhpur शहर में इलेक्ट्रिक बसों से यात्रा करने वाले छात्रों, व्यापारियों, कर्मचारियों, मरीजों और आम लोगों के लिए राहत भरी खबर है। आज से, इलेक्ट्रिक बसों का किराया कम हो जाएगा। महानगर इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति ने दिवाली के उपहार के रूप में किराए में दो से पांच रुपये की कमी की है। सुबह से संशोधित किराए को टिकट मशीन में फीड करने की तैयारी भी पूरी कर ली गई है।
महानगर इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति ने शहरवासियों को इलेक्ट्रिक बसों की ओर आकर्षित करने और किराए को गोल आंकड़ों में चार्ज करने के उद्देश्य से किराए में संशोधन किया है। अब न्यूनतम किराया दस रुपये होगा। अधिकतम तीन किलोमीटर के लिए किराया 12 रुपये के बजाय 10 रुपये, तीन से छह किलोमीटर के लिए 20 रुपये के बजाय 15 रुपये और छह से दस किलोमीटर के लिए 25 रुपये के बजाय 20 रुपये होगा।
नया किराया संरचना
यात्रियों को अधिकतम दस किलोमीटर की यात्रा के लिए केवल 20 रुपये का भुगतान करना होगा। धरमशाला से स्टूडेंट्स यूनियन, गोरखनाथ और रोडवेज से कचहरी के लिए किराया केवल 10 रुपये होगा। यह सुविधा केवल महानगर में अधिकतम दस किलोमीटर की यात्रा के लिए उपलब्ध होगी। यदि आप इस दूरी से अधिक यात्रा करते हैं, तो आपको पूर्व निर्धारित किराया चुकाना होगा।
इस किराए में एक रुपये का दुर्घटना बीमा भी शामिल है। शहर के विभिन्न मार्गों पर 25 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। प्रतिदिन लगभग 12 हजार लोग इन बसों से यात्रा करते हैं। 100 बसें चलाने की योजना है और 25 और नई बसों को बेड़े में शामिल करने की तैयारियाँ चल रही हैं।
प्रमुख मार्गों के लिए संशोधित किराया
- अधिकतम तीन किलोमीटर: 10 रुपये (12 रुपये के बजाय)
- तीन से छह किलोमीटर: 15 रुपये (20 रुपये के बजाय)
- छह से दस किलोमीटर: 20 रुपये (25 रुपये के बजाय)
किसी प्रमुख मार्ग पर संशोधित किराया इस प्रकार है:
- महुआतर से बरगदवा – 10 रुपये
- महुआतर से गोरखनाथ – 15 रुपये
- महुआतर से रेलवे स्टेशन – 20 रुपये
- धरमशाला से स्टूडेंट्स यूनियन – 10 रुपये
- धरमशाला से गोरखनाथ – 10 रुपये
- रोडवेज से कचहरी – 10 रुपये
यात्रियों की सेवा में ईमानदारी
इलेक्ट्रिक बसों में अक्सर यात्रियों का सामान खो जाता है। बस के स्टाफ द्वारा यात्रियों को फोन करके उनका सामान लौटाया जाता है। शनिवार को ही, तीन लगातार बसों में महिलाओं के पर्स खो गए थे। वरिष्ठ डिपो प्रभारी किशन जायसवाल के अनुसार, ड्राइवर और कंडक्टर की मदद से यात्रियों को महेसरा डिपो में बुलाया गया और उनके पर्स लौटाए गए।
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि इलेक्ट्रिक बसों का स्टाफ यात्रियों की सेवा के प्रति कितना समर्पित है। बसों की संचालन समिति ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोपरि रखा है, और यही कारण है कि इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग बढ़ रहा है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम
इलेक्ट्रिक बसों का संचालन केवल सस्ती यात्रा की सुविधा नहीं प्रदान कर रहा, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। पारंपरिक डीजल बसों की तुलना में, इलेक्ट्रिक बसें वायु प्रदूषण को कम करने में मददगार हैं।
महानगर इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति का उद्देश्य न केवल बसों की संख्या बढ़ाना है, बल्कि यात्रियों को सुविधाजनक, सुरक्षित और सस्ती यात्रा की पेशकश करना भी है। इससे शहर की यातायात व्यवस्था को भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
भविष्य की योजनाएं
इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के साथ-साथ, महानगर इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति अन्य सुविधाओं को भी जोड़ने की योजना बना रही है। इनमें बस स्टॉप पर सुरक्षित बैठने की व्यवस्था, बसों में वाई-फाई सेवा और सौर ऊर्जा का उपयोग शामिल हैं।
शहर के लोगों की मांगों के अनुसार, समिति आने वाले समय में और अधिक इलेक्ट्रिक बसें जोड़ने की योजना बना रही है, ताकि हर क्षेत्र में परिवहन की सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
गोरखपुर में इलेक्ट्रिक बस यात्रा का सस्ता होना यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है। यह पहल न केवल दिवाली के मौके पर एक उपहार है, बल्कि यह शहर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में एक नई जान डालने का काम कर रही है।
जैसे-जैसे लोग इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग बढ़ाएंगे, हम एक स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और पर्यावरण संरक्षण के लिए यह कदम एक नई दिशा दिखाता है।
आशा है कि इस तरह के और भी कदम उठाए जाएंगे, ताकि सार्वजनिक परिवहन को और बेहतर बनाया जा सके और सभी वर्गों के लोगों को सस्ती और सुरक्षित यात्रा का अवसर मिल सके।