Dr. Sanjay Maheshwari: मध्य प्रदेश बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चिकित्सा निदेशक और विश्व प्रसिद्ध कैंसर सर्जन डॉ. संजय महेश्वरी ने कहा है कि किसी भी डॉक्टर की सफलता का मानदंड मरीज का विश्वास जीतना है। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मरीज डॉक्टर को भगवान की तरह मानता है। उनका मानसिक अवस्था ऐसे होती है जैसे एक बच्चा अपनी मां की गोद में सुरक्षित महसूस करता है। ऐसे में डॉक्टर की जिम्मेदारी होती है कि वह इस विश्वास को बनाए रखे।
डॉ. महेश्वरी मंगलवार को श्री गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर के पहले बैच के 15 दिवसीय उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु गोरखनाथ की महिमा है कि आप सभी छात्र इस विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने जा रहे हैं।
मरीज का विश्वास बनाए रखना
डॉ. महेश्वरी ने अपने चिकित्सा जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि मरीज के विश्वास को बनाए रखने के लिए डॉक्टर को अपनी पढ़ाई और चिकित्सा अनुभव के आधार पर उन्हें आश्वस्त करना चाहिए कि वे सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा, “आपको मरीज को यह विश्वास दिलाना चाहिए कि कुछ नहीं होगा, सब कुछ ठीक होगा।” इसके लिए डॉक्टरों को बिना थके काम करना चाहिए।
उन्होंने नए छात्रों को पारंपरिक अध्ययन के महत्व के साथ-साथ आधुनिक चिकित्सा में आधुनिक अनुसंधान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के उपयोगों के बारे में विस्तार से समझाया।
जनहित का लक्ष्य
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के उपकुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य जन कल्याण है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे इस लक्ष्य को अपनाएं और इसे अपने कार्यों में शामिल करें। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद जन कल्याण की भावना के साथ गुणवत्ता चिकित्सा और शिक्षा सेवाएं प्रदान कर रहा है।
अनुशासन का महत्व
एमपी बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की सर्जन डॉ. रेखा महेश्वरी, जो विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थीं, ने छात्रों को अनुशासन का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि अनुशासन हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। यह आपकी दिशा और भविष्य को निर्धारित करेगा।
डॉ. महेश्वरी ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों और कार्यों को बोझ के रूप में नहीं लेना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने चुनाव के रूप में देखना चाहिए। इससे कोई भी काम बोझ नहीं लगेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि छात्र भविष्य में बहुत कुशल डॉक्टर बनेंगे।
चिकित्सा के प्रति प्रतिबद्धता
श्री गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर के प्राचार्य डॉ. अरविंद कुशवाहा ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र को अपनाना एक आजीवन कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता का मतलब है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा केवल प्रिस्क्रिप्शन लिखने की कला नहीं है, बल्कि समाज को एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन देने की कला है।
गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने कहा कि हमें सभी को एक साथ आकर स्वास्थ्य शिक्षा को आगे बढ़ाना होगा। यह आज के युग की मांग है। उन्होंने इस क्षेत्र में नई अनुसंधान और जांच को अध्ययन और चिंतन के माध्यम से अपनाने की आवश्यकता बताई।
चारक की शपथ
कार्यक्रम के दौरान, डॉ. देवी नायर ने चिकित्सा सेवा के प्रति छात्रों की निष्ठा के लिए चारक की शपथ दिलाई। कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाने और मां सरस्वती की तस्वीर पर फूल अर्पित करने से हुई। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शांतिभूषण ने आयुर्वेद कॉलेज से दिया और कार्यक्रम का संचालन आशीष और नितेश ने किया।
इस अवसर पर डॉ. प्रदीप कुमार राव, डॉ. गोपी कृष्ण, डॉ. दीपु मनोहर, डॉ. प्रियंका, डॉ. प्रिया, डॉ. साध्वी नंदन पांडे, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के साथ कई शिक्षक, सभी नए BAMS और MBBS छात्र तथा उनके माता-पिता उपस्थित थे।
उद्घाटन समारोह के बाद की चर्चा
उद्घाटन समारोह के बाद, विश्वविद्यालय के उपकुलपति और रजिस्ट्रार ने छात्रों के माता-पिता के साथ बातचीत की और उन्हें सभी व्यवस्थाओं, कैम्पस संस्कृति, चिकित्सा कॉलेज के अनुशासन के सभी पहलुओं से अवगत कराया और उनकी शंकाओं का समाधान किया।
6 से 9 नवंबर के बीच, विभिन्न सत्रों में नए MBBS छात्रों को विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया जाएगा। जबकि नए BAMS छात्रों के लिए यह कार्यक्रम पंद्रह दिन का होगा।
इस उद्घाटन समारोह ने नए छात्रों को एक नई दिशा दिखाई है, जहां उन्हें न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में अपने ज्ञान को बढ़ाना है, बल्कि समाज की भलाई के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी समझना है। डॉ. संजय महेश्वरी और अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों ने जो मार्गदर्शन प्रदान किया है, वह उन्हें एक सफल और प्रभावशाली डॉक्टर बनने में मदद करेगा। छात्रों को चाहिए कि वे इन शिक्षाओं को ध्यान में रखकर अपने भविष्य का निर्माण करें।
चिकित्सा केवल एक पेशा नहीं है, बल्कि यह मानवता की सेवा का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना, सभी नए छात्रों के लिए एक चुनौती है, लेकिन एक बेहद महत्वपूर्ण और सम्मानजनक कार्य भी है।