Deoria News: देवरिया के खेल स्टेडियम में सोमवार को दो दिवसीय जिला स्तरीय बुनियादी बच्चों के खेल एवं कस्तूरबा विद्यालय प्रतियोगिता सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के 16 ब्लॉकों की 13 कस्तूरबा स्कूलों के बच्चों ने उत्साह के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया। प्राथमिक श्रेणी की 50 मीटर दौड़ में राज और प्रीति ने जीत हासिल की, जबकि सहवा विद्यालय ने पीटी में चैंपियन का खिताब जीता।
प्रतियोगिता का क्रम
पहले दिन आयोजित प्रतियोगिता में, देसाई देवरिया के साम्विलियन विद्यालय सहवा ने पीटी में जीत हासिल की और गौरी बाजार को उपविजेता घोषित किया गया। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्रा वंदना गुप्ता ने 100 मीटर दौड़ में पहला स्थान प्राप्त किया, वहीं सोनम राजक ने 400 मीटर दौड़ में जीत हासिल की।
50 मीटर प्राथमिक लड़कों की श्रेणी में राज राजभर गौरी बाजार के विजेता रहे, जबकि आकाश राजभर भागलपुर ने 100 और 200 मीटर दौड़ में जीत हासिल की। प्राथमिक लड़कियों की श्रेणी में प्रीति गुप्ता देसाई देवरिया ने 50 मीटर दौड़ जीती, और शाहीनेन पठारदेवा ने 100 और 200 मीटर में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
अन्य विजेता
किशोर वर्ग के 100 मीटर दौड़ में दिलीप गौरी बाजार, 200 मीटर में शिव सागर चौहान भागलपुर, और 100 मीटर जूनियर लड़कियों की श्रेणी में जूही रुड्रपुर ने जीत हासिल की। इसी तरह, 200 मीटर दौड़ में आतिया तारकुल्वा ने पहले स्थान पर कब्जा जमाया।
उद्घाटन समारोह
इस भव्य कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद शशांक मणि त्रिपाठी, विशेष अतिथि राज्य मंत्री विजयलक्ष्मी गौतम, जिलाधिकारी दिव्या मित्तल, और CDO प्रात्युष पांडे ने मिलकर मार्च पास्ट को सलामी दी और सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप जलाया। इस मौके पर शांति के प्रतीक के रूप में कबूतर और गुब्बारे भी उड़ाए गए।
सांसद त्रिपाठी ने कहा कि नई तकनीक और बुनियादी शिक्षा परिषद के प्रयासों से जिले के छात्र राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। इस मौके पर BSA शालिनी श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह दिए।
उद्घाटन समारोह में अव्यवस्थाएँ
हालांकि, उद्घाटन समारोह के दौरान कई अव्यवस्थाएँ भी देखने को मिलीं। कार्यक्रम की तैयारी के लिए जिम्मेदार लोग पिछले एक महीने से व्यस्त थे, लेकिन जब स्मृति चिन्ह, पुष्प गुच्छ, और अंगवस्त्र देने की घोषणा की गई, तो वहाँ पांच मिनट तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। यह स्पष्ट नहीं था कि किसे क्या देना है और किसका संरक्षण करना है। जल्दबाजी में किसी और का स्मृति चिन्ह किसी और को दे दिया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में अराजकता
इस प्रकार की अव्यवस्थाएँ इस हद तक बढ़ गईं कि सांस्कृतिक कार्यक्रम चलने के दौरान 200 मीटर दौड़ का झंडा भी फहराया गया। इसके कारण, एक प्रतिभागी को अचानक पीछे हटना पड़ा। कबड्डी प्रतियोगिता के दौरान करौता प्राथमिक विद्यालय के एक छात्र को चोट आई, जिसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
बच्चों की देखभाल की कमी
इस प्रतियोगिता में जिले के विभिन्न ब्लॉकों से 500 से अधिक छात्र आए थे। लेकिन आयोजन के दौरान, जिम्मेदार लोगों ने केवल अपने और अतिथियों के लिए नाश्ते और पानी की व्यवस्था की थी। बच्चों को समय पर नाश्ता और पानी नहीं मिल सका।
सोमवार को बच्चे तेज धूप में प्यासे दिख रहे थे। भटपर रानी के प्राथमिक विद्यालय के छात्र पदरी उमन ने कहा कि गर्मी में बैठना असहनीय हो गया था, इसलिए उन्हें अपने सिर पर कपड़ा रखना पड़ा और किसी ने भी पानी का नहीं पूछा।
जिम्मेदारियों की अनुपस्थिति
जिन्हें खेलों के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, वे इधर-उधर दिखाई दे रहे थे। इस स्थिति को समझते हुए, BSA शालिनी श्रीवास्तव और जिला शारीरिक शिक्षा शिक्षक संजय सिंह को मंच से शिक्षकों से अपील करनी पड़ी कि कार्यक्रम को आपसी सहयोग और टीमवर्क के साथ आयोजित करें।
इस कार्यक्रम से यह स्पष्ट है कि बच्चों के खेलों का आयोजन जरूरी है, लेकिन यह भी जरूरी है कि उनके स्वास्थ्य और देखभाल का भी ध्यान रखा जाए। अव्यवस्थाएँ आयोजनों की सफलता पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं और यह दर्शाती हैं कि सभी जिम्मेदार लोगों को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना चाहिए।
जिले के बच्चों को सही देखभाल और सुविधाएँ प्रदान करना आवश्यक है ताकि वे अपनी प्रतिभा को सही तरीके से प्रदर्शित कर सकें। इस घटना से सबक लेते हुए, भविष्य में ऐसी अव्यवस्थाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।