Deoria: भारत स्काउट गाइड का जिला परिषद बैठक गांधी ऑडिटोरियम विकास भवन में जिला मजिस्ट्रेट दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें टीम पंजीकरण, नवीनीकरण, और वित्तीय मामलों की समीक्षा शामिल थी। बैठक का उद्देश्य स्काउट-गाइड गतिविधियों को स्कूलों में अनिवार्य बनाने की दिशा में कदम उठाना था।
बैठक की शुरुआत
बैठक की शुरुआत स्काउट गाइड प्रार्थना के साथ हुई। इसके बाद, जिला मजिस्ट्रेट दिव्या मित्तल और मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य उपस्थित अधिकारियों का स्कार्फ पहनाकर स्वागत किया गया। इस तरह की औपचारिकताएं स्काउट-गाइड के मूल्यों और संस्कारों को दर्शाती हैं, जो बच्चों में अनुशासन और सेवा की भावना का विकास करती हैं।
स्काउट-गाइड शिक्षा का महत्व
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्काउट गाइड शिक्षा बच्चों में अनुशासन और सेवा की भावना को बढ़ावा देती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर स्कूल में स्काउट गाइड शिक्षा को अनिवार्य रूप से दिया जाना चाहिए और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की जानी चाहिए। इससे बच्चों में नेतृत्व क्षमता और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास होगा।
स्काउट गाइड की वर्तमान स्थिति
बैठक के दौरान जिला सचिव आशुतोष शाह ने बताया कि वर्तमान में 144 स्काउट समूह और 62 कंपनियां माध्यमिक विद्यालयों में पंजीकृत हैं। इसके अलावा, 18 क्यूब्स, 21 बलबुल्स, 30 स्काउट्स और 28 गाइड्स यूनिट्स CBSE स्कूलों में पंजीकृत हैं। परिषद के स्कूलों में 179 यूनिट्स, जिसमें स्काउट्स, गाइड्स, क्यूब्स और बलबुल्स शामिल हैं, पंजीकृत हैं। इन सभी यूनिट्स का नवीनीकरण अनिवार्य है, ताकि स्काउट-गाइड गतिविधियों का सही ढंग से संचालन हो सके।
वित्तीय योजनाएँ और अनुमोदन
बैठक में वर्ष 2023-24 के आय-व्यय का अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही, वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित आय-व्यय पर भी चर्चा की गई। जिला परिषद ने इस बात पर सहमति जताई कि स्काउट-गाइड गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए वित्तीय संसाधनों का सही तरीके से प्रबंधन किया जाना चाहिए।
कार्य योजनाएँ और कार्यक्रम
दौरे में 2023-24 में आयोजित कार्यक्रमों की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। इन कार्यक्रमों में बच्चों की सहभागिता और उनकी शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाले कई कार्य शामिल थे। 2024-25 के लिए कार्य योजना का अनुमोदन किया गया, जिसमें विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है।
समाज में स्काउट-गाइड का प्रभाव
स्काउट-गाइड गतिविधियों का समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ये गतिविधियाँ न केवल बच्चों को सामाजिक और व्यक्तिगत विकास में मदद करती हैं, बल्कि समुदाय में एकजुटता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देती हैं। स्कूलों में स्काउट-गाइड शिक्षा की अनिवार्यता बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करती है।
भविष्य की योजनाएँ
बैठक में यह भी तय किया गया कि भविष्य में स्काउट-गाइड गतिविधियों का दायरा बढ़ाना आवश्यक है। इसके तहत विशेष सामुदायिक कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण अभियान, और स्वास्थ्य जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह न केवल बच्चों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी लाभकारी होगा।
स्काउट-गाइड गतिविधियों के लाभ
स्काउट-गाइड गतिविधियों से बच्चों को कई लाभ होते हैं:
- व्यक्तिगत विकास: आत्म-विश्वास, अनुशासन, और नेतृत्व क्षमता का विकास।
- सामाजिक कौशल: समूह में काम करने की क्षमता, संवाद कौशल, और सहयोग की भावना।
- शारीरिक स्वास्थ्य: विभिन्न शारीरिक गतिविधियों और खेलों के माध्यम से स्वास्थ्य में सुधार।
- सेवा की भावना: समाज सेवा और परोपकार की भावना का विकास।
समुदाय की भागीदारी
स्काउट-गाइड गतिविधियों के सफल संचालन के लिए समुदाय की भागीदारी भी आवश्यक है। स्थानीय निकायों, सामाजिक संगठनों, और माता-पिता को इस पहल में शामिल करने की योजना बनाई जाएगी। इससे बच्चों को प्रेरित किया जाएगा कि वे स्काउट-गाइड गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी करें और अपने समुदाय के विकास में योगदान दें।
समापन
इस बैठक का उद्देश्य स्काउट-गाइड गतिविधियों के महत्व को समझना और स्कूलों में इन गतिविधियों को अनिवार्य बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाना था। जिला परिषद ने सभी सदस्यों से अपील की है कि वे इस दिशा में कार्य करें और सुनिश्चित करें कि सभी स्कूलों में स्काउट-गाइड गतिविधियों का संचालन किया जाए। यह बच्चों के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
इस प्रकार, स्काउट-गाइड शिक्षा को स्कूलों में अनिवार्य बनाना न केवल बच्चों के विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज के समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह बच्चों को मजबूत, अनुशासित, और जिम्मेदार नागरिक बनाने में सहायक होगा, जो भविष्य में अपने समाज और देश की सेवा करेंगे।