Crowd at Ayodhya Ram Temple: नए साल के आगमन को लेकर हर कोई अपनी-अपनी तरह से उत्सव मना रहा है। कुछ घंटे ही बाकी हैं नए साल की शुरुआत के लिए, और इस उत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो रही है। इस दौरान अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में विशेष भीड़ देखने को मिल रही है। प्रशासन भी सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन के लिए तैयार है ताकि लोग भगवान के दर्शन कर नए साल की शुरुआत करें। भगवान राम की जन्मभूमि से जुड़ा पवित्र शहर अयोध्या भी 2025 के नए साल का स्वागत करने के लिए तैयार है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों और पवित्र स्थलों पर जाएंगे।
अयोध्या में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
नए साल के स्वागत के लिए अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है, खासकर राम मंदिर में भगवान राम के दर्शन के लिए हजारों लोग आ रहे हैं। इसके लिए अयोध्या और आसपास के फैजाबाद में स्थित होटलों की बुकिंग पूरी तरह से हो चुकी है और मंदिर ट्रस्ट ने भी दर्शनों के समय को बढ़ा दिया है ताकि आने वाली भीड़ को समायोजित किया जा सके। अयोध्या के एक होटल मालिक अंकित मिश्रा ने कहा, “हम श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए तैयार हैं, और हमारे सभी कमरे 15 जनवरी तक आरक्षित हैं।”
हिंदू नववर्ष मार्च-अप्रैल के आसपास मनाया जाता है, लेकिन बहुत से श्रद्धालु अंग्रेजी कैलेंडर के पहले दिन राम लला के दर्शन करने आते हैं। स्थानीय पुजारी रामकांत तिवारी के अनुसार, “कई लोग चाहते हैं कि वे नए साल की शुरुआत भगवान राम के आशीर्वाद से करें।”
राम मंदिर में सुरक्षा उपाय
राम मंदिर में भगवान राम के बाल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, 2025 का पहला नया साल एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया है। अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राजकरण नायर ने पुष्टि की है कि राम मंदिर, हनुमानगढ़ी और गुप्तार घाट जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अयोध्या में सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
वाराणसी में श्रद्धालुओं की भीड़
भगवान शिव के पवित्र शहर वाराणसी में भी इस नए साल में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। काशी विश्वनाथ मंदिर में 31 दिसंबर से 1 जनवरी तक “स्पर्श दर्शन” पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। श्रद्धालु भगवान को दूर से ही दर्शन कर सकेंगे। काशी जोन के उप पुलिस आयुक्त (DCP) गौरव बंसल ने पुष्टि की कि मुख्य स्थानों पर एनडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की टीमों को तैनात किया गया है। काशी में 5 से 7 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जिसके लिए मंदिर क्षेत्र को 5 सेक्टरों में बांट दिया गया है और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 12 त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को तैयार रखा गया है।
मथुरा-वृंदावन में भीड़ के लिए दिशा-निर्देश
मथुरा और वृंदावन में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। मंदिर अधिकारियों ने बुजुर्गों, बीमारों और बच्चों से आग्रह किया है कि वे पीक घंटों में मंदिर का दौरा करने से बचें। बैंक बिहारी मंदिर के प्रबंधक मनीष शर्मा ने कहा, “हम श्रद्धालुओं से अनुरोध करते हैं कि वे भीड़ का आकलन करके ही मंदिर आएं, ताकि कोई असुविधा न हो।” मंदिर ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एकतरफा प्रवेश और निकासी प्रणाली लागू की है। सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाई गई है और वृंदावन में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। दर्शनार्थियों को मंदिरों तक पहुंचाने के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है। पुलिस ने सुरक्षा और यातायात को सुनिश्चित करने के लिए बैरियर लगाए हैं और अधिकारियों को तैनात किया है। इसके अलावा, विभिन्न मार्गों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष पार्किंग व्यवस्था की गई है।
प्रशासन की तैयारियां
उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में विशेष सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लागू किया गया है। अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के सुरक्षित दर्शन सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की है। इन स्थलों पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती बढ़ाई गई है और ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक से संचालित करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं के लिए जलपान और चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।
2025 के नए साल की शुरुआत को लेकर उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब इस बात का प्रमाण है कि लोग नए साल की शुरुआत भगवान के आशीर्वाद से करना चाहते हैं। प्रशासन ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। इन धार्मिक स्थलों पर यात्रा करने वाले सभी श्रद्धालुओं को प्रशासन और मंदिर प्रबंधन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए ताकि वे बिना किसी असुविधा के भगवान के दर्शन कर सकें और नए साल की शुरुआत पुण्य और आशीर्वाद से कर सकें।