कांग्रेस सांसद Imran Masood का दावा, 20 वर्षों में संविधान का अंत और भारत में तानाशाही सरकार

कांग्रेस सांसद Imran Masood का दावा, 20 वर्षों में संविधान का अंत और भारत में तानाशाही सरकार

हाल ही में मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश में “संविधान बचाओ सम्मेलन” में बोलते हुए कांग्रेस सांसद Imran Masood ने संविधान के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हम संविधान की रक्षा नहीं करते, तो अगले 20 वर्षों में यह समाप्त हो जाएगा और भारत में रूस और चीन जैसे तानाशाही सरकार का गठन होगा। यह बयान न केवल गंभीर चिंता का विषय है, बल्कि यह लोकतंत्र की स्थिरता और उसके मूल्यों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण आह्वान भी है।

संविधान और उसकी सुरक्षा

Imran Masood ने कहा कि आज सभी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम संविधान को बचाएं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान में एक समूह के लोग हम पर हमले कर रहे हैं, लेकिन यह केवल शुरुआत है; भविष्य में यह हमला सभी पर होगा। उनकी यह टिप्पणी उन राजनीतिक स्थितियों को दर्शाती है जहां एक वर्ग के खिलाफ भेदभाव और उत्पीड़न बढ़ रहा है।

राहुल गांधी का समर्थन

मसूद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह लोगों को जोड़ने और संसद में संविधान की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को भी याद किया, जिन्होंने हमें स्वतंत्रता के साथ इस देश में रहने का अधिकार दिया। उनके इस विचार ने यह स्पष्ट किया कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज के मूलभूत अधिकारों और स्वतंत्रताओं का प्रतीक है।

लोकतंत्र का भविष्य

कांग्रेस सांसद ने चेतावनी दी कि अगर हम आज सचेत नहीं हुए, तो हमारे आने वाली पीढ़ियों को गुलामी की ओर बढ़ा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकारें लोकतंत्र का मुखौटा लगाकर तानाशाही का शासन स्थापित कर सकती हैं, जैसा कि चीन और रूस में हो रहा है। यह बात निश्चित रूप से सभी नागरिकों के लिए गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि यह दर्शाता है कि लोकतांत्रिक मूल्यों को खतरा है।

कांग्रेस सांसद Imran Masood का दावा, 20 वर्षों में संविधान का अंत और भारत में तानाशाही सरकार

वक्फ की समाप्ति की तैयारी

Imran Masood ने कहा कि जैसे रूस और चीन में लोग अपनी आवाज नहीं उठा पाते, वैसे ही भारत में भी ऐसा ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी और समुदाय पहले से ही उन हमलों का शिकार हैं जो उनके धार्मिक स्थलों और संपत्तियों पर हो रहे हैं। वक्फ कानून का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून उनकी मस्जिदों और संपत्तियों को समाप्त करने के लिए लाया जा रहा है। उनका यह विचार उन लोगों के लिए एक स्पष्ट संदेश है जो धार्मिक भेदभाव और विभाजन के बारे में चर्चा करते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना

मसूद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया है, वह स्पष्ट करता है कि वह समाज को विभाजित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। उनका यह सवाल कि “आप लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि मुख्यमंत्री हमें कहाँ ले जा रहे हैं,” यह दर्शाता है कि वह किस प्रकार की राजनीति की आलोचना कर रहे हैं।

नफरत के बिना देश की प्रगति

कांग्रेस सांसद ने यह भी स्पष्ट किया कि देश नफरत के आधार पर नहीं चल सकता। उन्होंने यति नरसिंहानंद सरस्वती के बारे में भी कहा कि उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियों से दंगे भड़कते हैं, और यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है। मसूद ने इस प्रकार की गतिविधियों को राजनीतिक शक्ति हासिल करने के लिए किया गया एक सुनियोजित षड्यंत्र बताया। उनका यह तर्क न केवल राजनीतिक स्थिति को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि समाज में सद्भाव बनाए रखने की कितनी आवश्यकता है।

मतदान के लिए अपील

उन्होंने UP विधानसभा उपचुनाव में भारत गठबंधन के उम्मीदवार के लिए मतदान करने की अपील की। यह केवल एक चुनावी अपील नहीं थी, बल्कि यह उस व्यापक संदेश का हिस्सा था जिसमें उन्होंने लोगों को एकजुट होकर संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया।

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