Child pornography case: बाल पोर्नोग्राफी के संदर्भ में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें जिले के कुछ स्कूल छात्रों के नाम शामिल हैं। इस मामले में साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक छात्र को गिरफ्तार किया है और उसकी मोबाइल डिवाइस को फॉरेंसिक जांच के लिए लखनऊ भेज दिया है। इस मामले में जांच आगे बढ़ रही है, और पुलिस ने मुख्य आरोपी राज तिवारी की तलाश के लिए एक टीम गठित की है।
बाल पोर्नोग्राफी का खुलासा
तमिलनाडु पुलिस ने सबसे पहले एक जांच के दौरान बाल पोर्नोग्राफी से संबंधित वीडियो की खोज की थी। यह वीडियो गोरखपुर के एक छात्र के सोशल मीडिया अकाउंट से भेजे गए थे। जब इस मामले की गहराई से जांच की गई, तो यह पता चला कि ये वीडियो चौरिचौरा के एक स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र के मोबाइल से लिंक थे। इसके बाद, तमिलनाडु पुलिस ने राज्य मुख्यालय को इस संबंध में जानकारी दी।
छात्र की गिरफ्तारी
साइबर पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की। चौरिचौरा के छात्र को गिरफ्तार किया गया और उसे बाल संरक्षण गृह में भेज दिया गया। छात्र के मोबाइल से जांच में 3000 से अधिक अश्लील वीडियो प्राप्त हुए हैं, जो स्पष्ट रूप से इस अपराध के विस्तृत नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं। पुलिस का मानना है कि इन वीडियो की बिक्री के पीछे एक संगठित गिरोह है, जिसके मुख्य आरोपी राज तिवारी हैं।
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश
पुलिस सूत्रों के अनुसार, राज तिवारी के पकड़े जाने के बाद कई अन्य चेहरे भी उजागर हो सकते हैं। यह गिरोह न केवल गोरखपुर में, बल्कि अन्य स्थानों पर भी सक्रिय हो सकता है। पुलिस ने इस मामले में गहन जांच करने का निर्णय लिया है और सभी संभावित सुरागों की छानबीन कर रही है।
पुलिस की जांच प्रक्रिया
गोरखपुर की साइबर पुलिस ने अपनी जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ जुटाई हैं। मोबाइल को फॉरेंसिक लैब में भेजने का उद्देश्य यह जानना है कि छात्र के मोबाइल पर और किन-किन वीडियो की मौजूदगी थी और कैसे यह सामग्री सोशल मीडिया पर फैल रही थी। इस जांच में तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है ताकि पूरे नेटवर्क को समझा जा सके।
समाज में जागरूकता
इस मामले ने बाल पोर्नोग्राफी के खिलाफ जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। पुलिस ने अभिभावकों और स्कूलों से अपील की है कि वे अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें इस प्रकार की सामग्री के प्रति जागरूक करें।