Chhath Puja 2024: छठ पूजा का पर्व इस बार भी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जा रहा है। इस पावन अवसर पर गुरुवार को भक्तगण जलहीन उपवास रखते हुए अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। पूजा का यह पर्व शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा। इस दौरान गोरखपुर के विभिन्न घाटों और पूजा स्थलों को सुंदरता से सजाया गया है और घाटों पर रौशनी से वातावरण जगमगा उठा है।
घाटों और पूजा स्थलों की शानदार सजावट
गोरखपुर के प्रमुख घाटों जैसे राजघाट, शंकरघाट, तकीया, डोमिंगढ़, रामगढ़ ताल, महेसरा ताल, गोरखनाथ मंदिर, विष्णु मंदिर और अन्य पूजा स्थलों पर अस्थायी तालाबों की व्यवस्था की गई है। यहां श्रद्धालु पूजा के लिए आकर अपने परिजनों के साथ पवित्र स्नान करने के बाद सूरज को अर्घ्य देंगे। इन स्थानों पर साफ-सफाई के साथ पूजा सामग्री की व्यवस्था की गई है और घाटों को सजाया गया है। गोरखपुर के निवासी इस अवसर पर अपने घरों की विशेष सफाई कर पूजा की तैयारी करते हैं, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो जाता है।
खरना और जलहीन व्रत की शुरुआत
छठ पूजा के पहले दिन, बुधवार को भक्तगणों ने ‘खरना’ का पर्व मनाया। इस दिन व्रति रसीयाव-रोटी का भोग अर्पित करते हैं, और फिर जलहीन उपवास की शुरुआत होती है। ‘खरना’ का महत्व इस प्रकार है कि यह दिन विशेष रूप से उपवासी व्रतियों द्वारा मनाया जाता है, जहां वे रात्रि को प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस दिन सूर्य की पूजा नहीं की जाती, बल्कि संतान सुख की प्राप्ति और सुख-समृद्धि के लिए माता छठ की पूजा की जाती है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां
इस पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने भी विशेष तैयारियां की हैं। गोरखपुर शहर के प्रमुख छठ पूजा स्थलों पर डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है। गोरखनाथ मंदिर, रामगढ़ ताल, सूर्यकुंड, बैकुंठ धाम, बहरामपुर, हनुमानगढ़ी, डोमिंगढ़ जैसे घाटों पर स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं। इसके अलावा, जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) 24 घंटे खुले रहेंगे। छठ घाटों पर एंबुलेंस सेवा और मेडिकल टीम भी पूरी तरह से अलर्ट पर है, ताकि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
सभी तैयारियां पूर्ण, श्रद्धालुओं की भव्य श्रद्धा
पंडित शारदचंद्र मिश्र के अनुसार, छठ पूजा का पर्व विशेष रूप से सूर्य देवता की पूजा और उनकी कृपा प्राप्त करने का पर्व है। व्रति इस दिन सूर्य के अस्ताचल जाने के बाद उन्हें अर्घ्य अर्पित करते हैं, और अगले दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद उनका उपवास समाप्त होता है। इस अवसर पर छठ माता की पूजा का आयोजन भी विभिन्न स्थानों पर किया गया है, जहां श्रद्धालुओं ने दीप जलाकर पूजा की और छठ माता की आराधना की।
गोरखपुर में इस साल छठ पूजा का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रशासन की ओर से की गई तैयारियां और स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए प्रबंध इस बात का प्रमाण हैं कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है। घाटों और पूजा स्थलों की भव्य सजावट, स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था, और श्रद्धालुओं की अपार श्रद्धा इस पर्व को और भी खास बना रही है। इस दौरान भक्तगण सूर्य देवता की पूजा कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करेंगे।