Chennai ‘Breaking Bad’: चेन्नई में ‘ब्रेकिंग बैड’ की असल कहानी, एक गोल्ड मेडलिस्ट और 7 केमिस्ट्री छात्र; ऐसे हुआ ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश

Chennai 'Breaking Bad': चेन्नई में 'ब्रेकिंग बैड' की असल कहानी, एक गोल्ड मेडलिस्ट और 7 केमिस्ट्री छात्र; ऐसे हुआ ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश

Chennai ‘Breaking Bad’: 2008 में आई अमेरिकी क्राइम ड्रामा सीरीज ‘ब्रेकिंग बैड’ ने दुनियाभर में खूब लोकप्रियता हासिल की थी। इस सीरीज में दिखाया गया था कि वाल्टर व्हाइट नाम का एक केमिस्ट्री शिक्षक, जो स्टेज-थ्री फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहा होता है, अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए ड्रग माफिया का रास्ता चुनता है और अपने पूर्व छात्र जेस्सी पिंकमैन के साथ मिलकर मादक पदार्थ मेथामफेटामाइन का निर्माण शुरू कर देता है। उसी सीरीज जैसी कहानी अब भारत के चेन्नई में सच होती नजर आई, जब चेन्नई पुलिस ने एक ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया।

चेन्नई में मेथामफेटामाइन ड्रग सिंडिकेट का खुलासा

चेन्नई पुलिस ने एक सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया जो मेथामफेटामाइन नामक खतरनाक और नशे की लत पैदा करने वाले ड्रग का निर्माण कर रहा था। इस मामले में पुलिस ने कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें पांच इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स और एक प्रसिद्ध कॉलेज के केमिस्ट्री में पोस्टग्रेजुएट छात्र शामिल हैं। यह विशेष बात यह है कि गिरफ्तार छात्रों में से एक को केमिस्ट्री में स्वर्ण पदक भी मिल चुका है।

रसायन विज्ञान के छात्र बने ड्रग निर्माता

इस सिंडिकेट का मुख्य सरगना खुद एक केमिस्ट्री छात्र रहा है जिसने इस अवैध धंधे में कई इंजीनियरिंग छात्रों को भी शामिल कर लिया। इस सिंडिकेट ने शहर में गुप्त रूप से एक लैब का निर्माण किया, जहां ये प्रतिबंधित रसायन का निर्माण करते थे। उन्होंने मेथ बनाने के लिए आवश्यक रसायनों को खरीदा और अपने वैज्ञानिक ज्ञान का इस्तेमाल कर ड्रग्स तैयार करना शुरू किया।

पैसे जुटाने के लिए माता-पिता से झूठ

गिरफ्तार किए गए छात्रों में से एक ने अपने माता-पिता को कैफे खोलने की झूठी कहानी बताई और उनसे पैसे लिए। उसके माता-पिता ने भी अपने बेटे के व्यवसाय शुरू करने के लिए मदद के रूप में उधार लेकर पैसे दिए। लेकिन उस पैसे का उपयोग कैफे के लिए नहीं, बल्कि ड्रग्स बनाने के लिए किया गया था।

पुलिस ने बरामद की लैब और ड्रग्स

पुलिस ने छापा मारकर उनके गुप्त लैब का पर्दाफाश किया और वहां से 245 ग्राम मेथामफेटामाइन, 2 लैपटॉप और 7 मोबाइल फोन जब्त किए। यह ड्रग्स छात्र समुदाय के बीच में भी बेचने की तैयारी थी, लेकिन चेन्नई पुलिस के समय रहते हस्तक्षेप ने इस आपराधिक गतिविधि को रोक दिया।

Chennai 'Breaking Bad': चेन्नई में 'ब्रेकिंग बैड' की असल कहानी, एक गोल्ड मेडलिस्ट और 7 केमिस्ट्री छात्र; ऐसे हुआ ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश

ड्रग्स के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान

इस घटना के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील की। राज्य सरकार ने भी ड्रग्स के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को और मजबूती से आगे बढ़ाने की घोषणा की है।

ड्रग्स सिंडिकेट में अन्य छात्रों की भर्ती

शुरुआत में यह सिंडिकेट अरुण कुमार नामक व्यक्ति से छोटे-छोटे मात्रा में मेथामफेटामाइन लेकर ड्रग्स का व्यापार कर रहा था। लेकिन जैसे-जैसे उनकी मांग बढ़ी, उन्होंने इस ड्रग्स को खुद बनाने की योजना बनाई। इस कार्य के लिए उन्होंने अन्य केमिस्ट्री छात्रों को भी अपने गिरोह में शामिल किया और ड्रग्स का उत्पादन शुरू किया।

ड्रग्स की लत के खतरनाक परिणाम

मेथामफेटामाइन एक ऐसा ड्रग है जिसे एक बार लेने के बाद व्यक्ति इसकी लत में फंस जाता है। चेन्नई में पकड़े गए इस सिंडिकेट का पर्दाफाश होते ही युवाओं और उनके माता-पिता में चिंता की लहर दौड़ गई है। इस मामले ने युवाओं को सतर्क रहने और सही रास्ता चुनने की जरूरत पर जोर दिया है।

दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी

चेन्नई पुलिस अभी इस मामले में दो और संदिग्धों की तलाश कर रही है, जिनके नाम अरुण कुमार और कार्तिक बताए जा रहे हैं। पुलिस के अनुसार, ये दोनों भी ड्रग सिंडिकेट में शामिल थे और इस अवैध व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। पुलिस जल्द ही इन्हें पकड़ने की कोशिश में लगी हुई है।

चेन्नई में हुए इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कैसे रसायन विज्ञान का ज्ञान भी बुरी दिशा में ले जा सकता है। ‘ब्रेकिंग बैड’ जैसी घटनाएं केवल पर्दे पर ही नहीं बल्कि असल जिंदगी में भी घटित हो रही हैं, जो समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। पुलिस ने युवाओं को नशे से दूर रहने और सही मार्ग चुनने की सलाह दी है।

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