Gorakhpur में महिला को अश्लील मैसेज भेज कर परेशान करने का मामला, पुलिस ने शुरू की गहन जांच

Gorakhpur में महिला को अश्लील मैसेज भेज कर परेशान करने का मामला, पुलिस ने शुरू की गहन जांच

Gorakhpur के तारामंडल इलाके में एक महिला कर्मचारी पिछले एक महीने से लगातार मिल रहे अश्लील और परेशान करने वाले मैसेजेस से बेहद परेशान है। यह मैसेजेस अलग-अलग तीन नंबर्स से भेजे जा रहे हैं, और पीड़िता के बार-बार नंबर्स को ब्लॉक करने के बाद भी ये सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। तंग आकर आखिरकार महिला ने रामगढ़ताल थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

घटना की पूरी जानकारी

महिला, जो गोरखपुर के तारामंडल इलाके में किराए के मकान में रहती है, का कहना है कि उसे ये मैसेजेस विशेष रूप से ऑफिस टाइम में अधिक मिलते हैं। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक, जब वह ऑफिस जाती है, तो सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच इन मैसेजेस की फ्रिक्वेंसी बढ़ जाती है। महिला ने बताया कि बार-बार ब्लॉक करने के बाद भी ये अश्लील मैसेज नए नंबर्स से आते रहते हैं। इससे उसका मानसिक तनाव इतना बढ़ गया है कि ऑफिस में काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो रहा है।

Gorakhpur में महिला को अश्लील मैसेज भेज कर परेशान करने का मामला, पुलिस ने शुरू की गहन जांच

पुलिस की जांच और संभावित आरोपी

पुलिस ने महिला की शिकायत के आधार पर तीनों नंबर्स की कॉल डीटेल्स निकालनी शुरू कर दी है और डिजिटल साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस उत्पीड़न के पीछे महिला के ऑफिस का ही कोई व्यक्ति हो सकता है, लेकिन इस पर पक्की मुहर तभी लगाई जा सकती है जब पूरी तरह से साक्ष्य जुटाए जा सकें। पुलिस को शक है कि महिला के ऑफिस का कोई सहकर्मी या फिर कोई अन्य परिचित ही उसे जानबूझकर परेशान कर रहा है। साथ ही महिला ने भी पुलिस को संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि इस मामले में संतकबीरनगर के किसी व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है, क्योंकि वह मूल रूप से वहीं की निवासी है।

मानसिक तनाव और महिला का बयान

महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि शुरुआत में उसने इसे गलती समझकर नज़रअंदाज़ कर दिया, लेकिन जब लगातार ऐसे मैसेजेस आने लगे, तो उसे समझ में आ गया कि यह एक साजिश है। महिला का कहना है कि इन अश्लील मैसेजेस के कारण उसका मानसिक तनाव काफी बढ़ गया है। उसने यह भी बताया कि इस तनाव के कारण उसे अपने काम पर फोकस करना मुश्किल हो गया है, और रोज़मर्रा के कामों में भी कठिनाई महसूस हो रही है। महिला ने बताया कि वह अब इतनी अधिक परेशान हो चुकी है कि उसे यह डर सताने लगा है कि कहीं यह उत्पीड़न और न बढ़ जाए।

पुलिस का बयान और कार्यवाही

रामगढ़ताल थाने के सीओ कैंट योगेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और सभी जरूरी डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगर आरोपी की पहचान होती है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि पीड़िता को जल्द से जल्द राहत मिल सके। पुलिस का कहना है कि यदि आरोपी की पहचान हो जाती है, तो उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत पकड़ने में देर नहीं की जाएगी।

तकनीकी जांच और संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित

पुलिस इस मामले में तकनीकी पहलुओं पर भी ध्यान दे रही है। नंबर्स की कॉल डीटेल्स, मैसेज के समय का पैटर्न, और डिजिटल ट्रेसिंग के माध्यम से पुलिस आरोपी तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। इस प्रकार के मामलों में तकनीकी जांच महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और पुलिस पूरी सतर्कता के साथ इस दिशा में कार्य कर रही है।

महिला सुरक्षा और समाज में उत्पीड़न के खिलाफ जागरूकता

यह मामला समाज में महिलाओं के प्रति हो रहे उत्पीड़न और मानसिक हिंसा की ओर भी इशारा करता है। ऐसे मामलों में पीड़ित को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। आज के आधुनिक दौर में, जहां डिजिटल माध्यम के जरिए किसी को परेशान करना आसान हो गया है, वहीं कानून की सख्ती और जागरूकता के माध्यम से इस पर नियंत्रण करना भी उतना ही आवश्यक है।

 विशेषज्ञों की राय

मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के उत्पीड़न से पीड़िता के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। इसे रोकने के लिए केवल कानूनी कार्यवाही ही नहीं बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना भी आवश्यक है। डिजिटल उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कानून होना चाहिए, जिससे कि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार के अपराध करने से पहले सौ बार सोचे।

गोरखपुर के इस मामले में पुलिस की जांच जारी है और जल्द ही आरोपी का पता चलने की उम्मीद है। ऐसे मामले यह दर्शाते हैं कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए समाज में कड़े कदम उठाने की जरूरत है। पुलिस ने वादा किया है कि मामले में तेजी से कार्रवाई होगी और महिला को जल्द राहत मिलेगी।

इस प्रकार की घटनाएं समाज में चिंता का विषय हैं और इन्हें रोकने के लिए कानून का सख्त पालन और लोगों में जागरूकता दोनों आवश्यक हैं।

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