Cancer Medicine: कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए केंद्र सरकार का नया आदेश राहत लेकर आया है। महंगी दवाओं और इलाज से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने फार्मास्युटिकल कंपनियों को तीन एंटी-कैंसर दवाओं की कीमतें कम करने के लिए कहा है ताकि ग्राहक कस्टम ड्यूटी और जीएसटी छूट का लाभ उठा सकें। मंत्रालय ने कहा है कि इन दवाओं की अधिकतम खुदरा कीमत (MRP) को बाजार में कम किया जाना चाहिए और कम करों और शुल्कों का लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाना चाहिए।
कीमत घटाने के लिए निर्देश
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने संबंधित दवा निर्माताओं को पत्र लिखकर तीन एंटी-कैंसर दवाओं – ट्रास्टुज़ुमैब (Trastuzumab), ओसिमर्टिनिब (Osimertinib), और डूर्वालुमैब (Durvalumab) की कीमतें कम करने के निर्देश दिए हैं। यह कदम सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जिससे कि दवाओं की उपलब्धता को उचित कीमतों पर सुनिश्चित किया जा सके।
कस्टम ड्यूटी को शून्य करने का निर्देश
रसायन और उर्वरक मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, ये तीन एंटी-कैंसर दवाएं 2024-25 के सामान्य बजट में किए गए एलान के तहत कस्टम ड्यूटी से मुक्त की जा रही हैं। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने 23 जुलाई को इन तीन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी को शून्य करने का निर्देश जारी किया था। इसके अनुसार, इन दवाओं की अधिकतम खुदरा कीमत में कमी आएगी और ग्राहक करों और शुल्कों में कमी का लाभ उठा सकेंगे।
मूल्य परिवर्तन की सूचना NPPA को देना अनिवार्य
मंत्रालय ने कहा है कि निर्माताओं को इन परिवर्तनों को दर्शाते हुए एक मूल्य सूची या अनुपूरक मूल्य सूची जारी करनी होगी, जिसे वे डीलरों, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार को देंगे, और मूल्य परिवर्तन के बारे में NPPA को जानकारी प्रस्तुत करेंगे। इससे उपभोक्ताओं को सही और समय पर जानकारी प्राप्त होगी, जिससे वे सस्ती दवाओं का लाभ उठा सकें।
वित्त मंत्री का प्रस्ताव
कस्टम ड्यूटी से छूट और जीएसटी दरों में कमी के कारण, इन दवाओं की बाजार में अधिकतम खुदरा कीमत (MRP) में कमी आनी चाहिए, और करों और शुल्कों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए। इसलिए, NPPA ने सोमवार के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से उपरोक्त दवाओं के सभी निर्माताओं को इनकी MRP को कम करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 का केंद्रीय बजट प्रस्तुत करते समय ट्रास्टुज़ुमैब, ओसिमर्टिनिब और डूर्वालुमैब पर कस्टम ड्यूटी को 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव किया था।
दवाओं की कीमतों में अपेक्षित कमी
इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों कैंसर मरीजों के लिए राहत प्रदान करना है, जो महंगी दवाओं के कारण आर्थिक बोझ उठाने को मजबूर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से कैंसर के इलाज की लागत में कमी आएगी और मरीजों को उनकी आवश्यक दवाएं अधिक सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, इससे दवा बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जो और भी अधिक दवाओं की कीमतों में कमी लाने में मदद कर सकती है।
कैंसर उपचार में नई दिशा
कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसके उपचार में आमतौर पर उच्च लागत आती है। ट्रास्टुज़ुमैब, ओसिमर्टिनिब, और डूर्वालुमैब जैसी दवाएं कैंसर के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन ये आमतौर पर महंगी होती हैं। सरकारी हस्तक्षेप से, इन दवाओं की लागत को कम करना संभव होगा, जिससे मरीजों को उपचार में आसानी होगी।
दवा उद्योग में प्रभाव
इस फैसले से दवा उद्योग पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कंपनियां अब अपने उत्पादों की कीमतों को प्रतिस्पर्धात्मक स्तर पर लाने के लिए प्रेरित होंगी। इससे न केवल मरीजों को फायदा होगा, बल्कि उद्योग में नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। जब कंपनियों को अपने उत्पादों की कीमतें कम करने के लिए कहा जाता है, तो वे नए और बेहतर तरीकों की खोज करने के लिए प्रेरित होती हैं, जिससे उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है।
सरकार की प्रतिबद्धता
केंद्र सरकार ने हमेशा से ही स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में काम किया है। इस निर्णय के माध्यम से, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि मरीजों को सस्ती और प्रभावी दवाएं उपलब्ध हों। इसके अलावा, यह पहल मरीजों को मानसिक और आर्थिक दोनों प्रकार से राहत प्रदान करेगी। जब मरीजों को उनके इलाज के लिए अधिक बोझ नहीं उठाना पड़ेगा, तो उनकी मानसिक स्थिति भी बेहतर होगी, जिससे वे जल्दी स्वस्थ हो सकेंगे।
मरीजों की प्रतिक्रिया
इस पहल के बारे में मरीजों और उनके परिवारों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कैंसर मरीजों के लिए दवा की कीमतें अक्सर एक बड़ी चिंता का विषय होती हैं। इस कदम से, कई मरीजों ने आशा जताई है कि उन्हें अब दवाओं के लिए अधिक पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा, जिससे वे अपनी अन्य आवश्यकताओं पर भी ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार
सरकार की यह पहल केवल कैंसर के उपचार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में व्यापक सुधार का हिस्सा है। इसके माध्यम से, सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। भविष्य में, ऐसी और भी पहलों की आवश्यकता होगी ताकि सभी वर्गों के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।
कुल मिलाकर, एंटी-कैंसर दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाने और उनकी कीमतों में कमी लाने का निर्णय कैंसर रोगियों के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल मरीजों को राहत प्रदान करेगा, बल्कि दवा उद्योग में भी सुधार लाएगा। सरकार की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में अधिक मरीजों को लाभ होगा। आशा है कि यह दिशा आने वाले समय में और भी व्यापक और प्रभावी होगी।