तिरुपति के ISKCON Temple को बम की धमकी, तीन दिन में चौथी फर्जी मेल

तिरुपति के ISKCON Temple को बम की धमकी, तीन दिन में चौथी फर्जी मेल

तिरुपति के ISKCON Temple को रविवार को एक बम की धमकी मिली, जिससे मंदिर के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें बताया गया है कि उन्हें एक धमकी भरी ईमेल मिली है, जिसमें दावा किया गया है कि ISIS आतंकवादी मंदिर को उड़ाने की योजना बना रहे हैं। यह घटना तिरुपति के लिए कोई नई बात नहीं है, क्योंकि यह पिछले तीन दिनों में मंदिर को मिली चौथी फर्जी धमकी है।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

तिरुपति पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक खोज अभियान शुरू किया। स्थानीय पुलिस ने बम निरोधक दस्ते और कुत्तों की मदद से यह सुनिश्चित करने के लिए जांच की कि कहीं मंदिर परिसर में कोई विस्फोटक सामग्री तो नहीं है। हालांकि, पुलिस ने मंदिर परिसर से कोई भी विस्फोटक या अन्य आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं की।

सर्कल इंस्पेक्टर श्रीनिवासुलु ने इस समाचार की पुष्टि की और आश्वासन दिया कि इस धमकी के पीछे के लोगों की पहचान करने के लिए उचित और आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस को संदेह है कि यह एक और फर्जी मेल हो सकता है।

बम धमकी की पृष्ठभूमि

तिरुपति के पुलिस अधीक्षक एल सब्बारायुडु ने कहा, “जब हमें शिकायतें मिलीं, तो हमने तुरंत कार्रवाई की और हमारी टीम ने एक गहन जांच की। लेकिन ये (फर्जी ईमेल धमकियां) फर्जी साबित हुईं।” वे आगे कहते हैं कि हम मामले दर्ज कर रहे हैं और उनकी जांच कर रहे हैं। जिला के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि साइबर क्राइम ब्रांच की मदद से मामलों की जांच की जा रही है।

तिरुपति के ISKCON Temple को बम की धमकी, तीन दिन में चौथी फर्जी मेल

पिछले धमकियों का सिलसिला

इससे पहले शनिवार को दो होटलों को भी बम धमकी मिली थी, जो बाद में फर्जी साबित हुई। इससे पहले, शहर के तीन अन्य होटलों को भी बम धमकियां मिली थीं, जिससे निवासियों और श्रद्धालुओं में चिंता बढ़ गई थी। अज्ञात लोगों ने ईमेल के माध्यम से धमकी दी थी कि अगर 55,000 डॉलर (लगभग 4,624,288 रुपये) की फिरौती नहीं दी गई, तो होटलों को उड़ा दिया जाएगा। धमकी भरी ईमेल में लिखा था, “बम आपके होटल के परिसर में काले बैग में छिपे हुए हैं। मैं 55,000 डॉलर चाहता हूं, अन्यथा मैं विस्फोट करूंगा। चारों ओर खून बहेगा। बमों को निष्क्रिय करने की किसी भी कोशिश में सफलता नहीं मिलेगी।”

गिरोह का संदर्भ

इस धमकी का संदर्भ उस जाफर सादिक का था, जो एक ड्रग तस्करी नेटवर्क का प्रमुख है और जिसे तमिलनाडु में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया था। यह संदर्भ इस बात की ओर इशारा करता है कि शायद ये धमकियां किसी व्यक्तिगत प्रतिशोध का परिणाम हो सकती हैं या फिर उन अपराधियों द्वारा डराने-धमकाने की कोशिश हो सकती हैं, जिनका पुलिस के साथ टकराव हो चुका है।

समाज पर प्रभाव

इन धमकियों ने तिरुपति में न केवल धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है। श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों में भय का माहौल है, क्योंकि ऐसे धमकी भरे ईमेल किसी भी समय जीवन को खतरे में डाल सकते हैं।

विस्फोटक धमकियों का इस प्रकार से आना स्थानीय प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। क्या तिरुपति का प्रशासन इन प्रकार की धमकियों से निपटने के लिए पर्याप्त तैयार है? क्या मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है?

तिरुपति के इस्कॉन मंदिर को मिली बम धमकी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक स्थलों को भी अब आतंकवाद और अपराधियों के निशाने पर रखा जा रहा है। इस प्रकार की घटनाओं ने न केवल मंदिर की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि समाज में भय और चिंता का माहौल कितना बढ़ता जा रहा है।

स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह इस प्रकार की फर्जी धमकियों का सामना करने के लिए एक ठोस योजना बनाए। इसके साथ ही, स्थानीय नागरिकों को भी सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को देनी चाहिए। इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर ही हम अपने धार्मिक स्थलों और समुदाय की सुरक्षा कर सकते हैं।

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