Bhojpuri: काईमुर जिले में एक भोजपुरी गायक महिला ने यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला तब सामने आया जब उन्होंने महिला पुलिस स्टेशन में आवेदन दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें एक व्यक्ति द्वारा यौन शोषण का शिकार बनाया गया है। यह व्यक्ति उन्हें वीडियो वायरल करने की धमकी देकर शोषण कर रहा था।
लॉकडाउन के दौरान हुई दोस्ती
महिला ने बताया कि वह कोरोना के लॉकडाउन के दौरान मुंबई से काईमुर आई थीं। यहाँ उन्होंने संगीत सीखना शुरू किया, जहाँ उनकी मुलाकात कुश कुमार से हुई। कुश कुमार, जो कि स्थानीय निवासी हैं, से उनकी दोस्ती हो गई। उन्होंने 2022 में कुश के घर भी गईं, जहाँ कुश ने उनका शोषण करना शुरू किया।
आर्थिक शोषण का आरोप
महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने कुश को तीन और बाद में पांच लाख रुपये दिए। इस पैसे का उपयोग दोनों ने पटना में एक संगीत स्टूडियो खोलने के लिए किया। लेकिन कुश ने इस बीच महिला की आपत्तिजनक तस्वीरें भी खींच लीं और उन्हें जानबूझकर बंधक बनाकर यौन शोषण किया।
पति को दी गई धमकी
महिला ने कहा कि जुलाई 2024 में कुश ने उन्हें कहा कि यदि वे अपने पति को तलाक नहीं देंगी, तो वह उनके और उनके पति के निजी चित्र सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। महिला ने अपने पति को तलाक देने से इनकार कर दिया क्योंकि उनकी एक छोटी बेटी भी है। इसके बाद, कुश ने महिला को शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया और उनके पति को इस मामले की जानकारी दे दी।
बलात्कारी का हमला
11 अक्टूबर को कुश कुमार ने महिला के कमरे में जाकर उनके साथ बलात्कार किया और धमकी दी कि यदि उन्होंने उससे संबंध नहीं बनाए, तो वह उनके सारे वीडियो और तस्वीरें वायरल कर देगा। महिला ने इसके बाद महिला पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज कराई। महिला थाने की प्रभारी अंजू कुमारी ने बताया कि इस मामले में FIR दर्ज कर ली गई है और जांच शुरू की जा चुकी है।
समाज में बढ़ती समस्या
यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि समाज में यौन शोषण की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं, विशेषकर महिलाओं के खिलाफ। भोजपुरी सिनेमा की दुनिया में भी इस तरह के मामले चर्चा का विषय बनते हैं। ऐसे मामलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि महिलाओं को सुरक्षित वातावरण मिले।
यह मामला भोजपुरी सिनेमा की दुनिया में यौन शोषण के एक गंभीर पहलू को उजागर करता है। समाज को इस दिशा में जागरूक होना होगा और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ खड़ा होना होगा। प्रशासन को भी ऐसी घटनाओं पर कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि महिलाएँ बिना किसी भय के अपने हक की आवाज उठा सकें।
महिला की इस शिकायत से एक बार फिर यह स्पष्ट होता है कि समाज में ऐसी दुराचार की घटनाएँ रुकने का नाम नहीं ले रही हैं, और इसे रोकने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता है।