Basti News: मेडिकल कॉलेज में बढ़ रही है सुरक्षा… महिला स्टाफ रूम तैयार

Basti News: मेडिकल कॉलेज में बढ़ रही है सुरक्षा... महिला स्टाफ रूम तैयार

Basti News: बस्ती मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं। कैंपस की सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए गेट से लेकर इमरजेंसी तक हर जगह सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा रहा है। महिला डॉक्टरों और अन्य महिला स्टाफ के लिए एक विशेष स्टाफ रूम तैयार किया गया है, जहां वे ड्यूटी के दौरान आराम से बैठ सकेंगी। अस्पताल के अंदर सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाने के प्रयास भी शुरू हो चुके हैं।

कोलकाता की घटना के बाद बढ़ी सुरक्षा की मांग

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई घटना के बाद बस्ती मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में सुरक्षा को लेकर मांग उठाई गई थी। हाल ही में, आंदोलन कर रहे रेजिडेंट और इंटर्न डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को एक मांग पत्र भी सौंपा था। इसके बाद एक महीने के भीतर कॉलेज प्रशासन की तैयारियों का असर दिखने लगा है। अस्पताल और आवासीय क्षेत्र की सभी सड़कों पर लाइटिंग की व्यवस्था की गई है, जिससे परिसर रात में भी सुरक्षित बना रहे।

महिला स्टाफ के लिए विशेष ध्यान

महिला डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी बिल्डिंग में एक अलग स्टाफ रूम तैयार किया गया है। इस कमरे का उपयोग केवल महिला डॉक्टर और महिला स्टाफ कर सकेंगी, जहां वे अपनी ड्यूटी के दौरान आराम कर सकेंगी। इसके अलावा, अस्पताल में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखने के लिए हर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।

Basti News: मेडिकल कॉलेज में बढ़ रही है सुरक्षा... महिला स्टाफ रूम तैयार

50 सीसीटीवी कैमरों का पहला चरण

अस्पताल के दोनों प्रवेश द्वारों से लेकर इमरजेंसी बिल्डिंग, ओपीडी बिल्डिंग, और वार्डों से जुड़े सभी गलियारों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। पहले चरण में कुल 50 कैमरों को स्थापित किया जा रहा है। इन कैमरों से लगातार निगरानी रखने के लिए एक विशेष कंपाउंड रूम तैयार किया जा रहा है। यहां शिफ्ट के अनुसार 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेंगे। यदि अस्पताल के अंदर कोई संदिग्ध गतिविधि देखी जाती है, तो तत्काल उच्च चेतावनी सायरन बजाने की भी व्यवस्था की जा रही है।

रात की ड्यूटी से महिला डॉक्टरों को छूट

सुरक्षा इंतजामों की कमी के चलते महिला रेजिडेंट और इंटर्न डॉक्टरों को फिलहाल रात की ड्यूटी पर नहीं लगाया जा रहा है। उन्हें केवल दिन के समय में ही ड्यूटी पर तैनात किया जा रहा है। आंदोलन के दौरान डॉक्टरों ने यह मांग उठाई थी कि महिला डॉक्टरों को रात की ड्यूटी से मुक्त रखा जाए। कोलकाता की घटना के बाद, डीएम रविश गुप्ता और एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी ने सरकार के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया और सुरक्षा मानकों के अनुसार व्यवस्थाओं को बेहतर करने के निर्देश दिए।

सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाने की मांग

वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में 36 सुरक्षा गार्ड हैं, जो कि रामपुर में स्थित कॉलेज और काली ओपीसी अस्पताल दोनों स्थानों की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं। 24 घंटे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह संख्या अपर्याप्त है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 100 और सुरक्षा गार्डों की मांग की है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद, उम्मीद है कि मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

महिला डॉक्टरों के लिए अलग आवासीय व्यवस्था

मेडिकल कॉलेज में महिला एमबीबीएस छात्रों, जूनियर रेजिडेंट और इंटर्न डॉक्टरों के लिए अलग से आवासीय व्यवस्था की गई है। ओपीसी अस्पताल परिसर में स्थित पुराने आवासीय भवन को महिला और पुरुष इंटर्न डॉक्टरों के लिए अलग-अलग हॉस्टल के रूप में विकसित किया गया है। इसके साथ ही एमबीबीएस महिला छात्रों के लिए भी मेडिकल कॉलेज में अलग हॉस्टल की व्यवस्था की गई है।

अस्पताल की टूटी हुई बाउंड्री वॉल की मरम्मत

अस्पताल परिसर की टूटी हुई बाउंड्री वॉल को भी ठीक कर दिया गया है। अब केवल मुख्य गेट से ही लोग परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। पहले, पीछे की टूटी बाउंड्री वॉल से अवैध रूप से लोग आवासीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहे थे, जिससे कई आपत्तिजनक घटनाएं भी सामने आई थीं। अब बाउंड्री वॉल की मरम्मत के बाद अवैध लोगों का प्रवेश बंद हो जाएगा।

पुलिस पोस्ट की भी आवश्यकता

रेजिडेंट डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज परिसर में एक पुलिस पोस्ट की स्थापना की मांग भी उठाई थी। हालांकि, इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कॉलेज प्रशासन ने प्रशासन से पुलिस पोस्ट स्थापित करने की मांग की है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

कॉलेज प्रशासन की गंभीरता

मेडिकल कॉलेज प्रशासन रेजिडेंट डॉक्टरों और इंटर्न्स की मांगों को लेकर गंभीर है। सीसीटीवी कैमरों की स्थापना का कार्य शुरू हो चुका है और यह जल्द ही पूरी तरह से सक्रिय हो जाएंगे। महिला स्टाफ रूम की व्यवस्था भी कर दी गई है। जैसे ही सरकार से मंजूरी मिलेगी, गार्डों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, जिससे अस्पताल और परिसर की सुरक्षा और बेहतर हो सकेगी।

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