Libya के बेनगाजी शहर में 16 भारतीय कामकाजी नागरिक बुरी तरह फंसे हुए हैं। वे अब अपनी दुर्दशा को लेकर एक वीडियो भेजकर अपने परिवारों से मदद की अपील कर रहे हैं। शनिवार रात को भेजे गए इस वीडियो में इन भारतीय नागरिकों ने बताया कि उनके पास न तो खाने के लिए राशन है और न ही पीने के लिए पानी। कंपनी के मालिक की ओर से भी उन्हें वापस भेजने का कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है। इन भारतीयों ने भारतीय सरकार से तत्काल उन्हें वापस लाने की अपील की है।
कंपनी ने भेजे 3 भारतीयों को, बाकी 16 की स्थिति गंभीर
इन 16 भारतीयों में से कुछ लोग उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों से ताल्लुक रखते हैं। वे बेनगाजी स्थित एक सीमेंट कंपनी में काम करने गए थे, लेकिन कुछ महीने बाद उन्हें बंधक बना लिया गया। वीडियो में इन भारतीयों ने बताया कि वे बहुत कठिनाई में हैं, क्योंकि न तो उनके पास कोई राशन है और न ही पानी। इनकी हालत बेहद गंभीर हो गई है और किसी तरह की मदद का इंतजार कर रहे हैं।
भारतीय दूतावास के प्रयासों के बाद कंपनी ने 19 में से तीन भारतीयों को भारत भेजा था। इनमें बिहार के धर्मेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के सत्येंद्र यादव और तिगरा के वीरेंद्र कुमार शामिल हैं। इन तीनों को जल्द ही वापस भेज दिया गया, लेकिन बाकी के 16 लोग अब भी वहां फंसे हुए हैं। कंपनी मालिक ने उन्हें 15 नवंबर तक भेजने का वादा किया था, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
वीडियो के माध्यम से अपील
लीबिया में फंसे भारतीयों ने वीडियो के माध्यम से भारतीय सरकार से अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द वापस लाया जाए। वीडियो में ये भारतीय नागरिक कहते हैं कि वे किसी भी हालत में वहां और नहीं रह सकते। उनकी बुरी स्थिति को देखते हुए वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि खाने-पीने के साधन न होने के कारण उनकी स्थिति दिन-प्रतिदिन और खराब होती जा रही है।
कंपनी मालिक की बेरुखी
एक महिला अधिकारी द्वारा कंपनी के मालिक से संपर्क करने के बाद, कंपनी ने तीन भारतीयों को भारत भेजने का वादा किया था, लेकिन बाकी 16 भारतीयों को वापस भेजने के बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कंपनी के मालिक ने अब तक इन भारतीयों को घर भेजने का कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है।
लीबिया में फंसे भारतीयों की सूची
इन 16 भारतीयों में से अधिकांश लोग उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं। इनमें से कुछ नाम इस प्रकार हैं:
- धर्मेंद्र कुमार (गोरखपुर के गागहा थाना क्षेत्र के गुरमाही गांव)
- अब्बास अली (इटौली)
- मिथलेश विश्वकर्मा (झंगहा थाना क्षेत्र के सीहोरवा गांव)
- विशाल, राजकुमार साहनी, तबरेज खान (महोउरकोल)
- अब्रार अली (देवरिया जिले के एकौना थाना क्षेत्र के धर्मपुर)
- कन्हैया (सारण खुर्द, देवरिया)
- मुकेश यादव (सिलहटा, रुद्रपुर थाना)
- रामनाथ चौहान (चपरा खुर्द)
- वीरेंद्र कुमार (तिगरा खैरा)
- सत्यम यादव (सिरसिया, हाटा थाना क्षेत्र, कुशीनगर)
नजदीकी मदद के लिए भारतीय दूतावास की ओर से प्रयास
इन भारतीयों की मदद के लिए भारतीय दूतावास ने शुरुआत में कोई ठोस कदम उठाए थे, लेकिन अब तक इनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। अब भी इन भारतीयों की जिंदगी खतरों में हैं, और इनकी हालत देखकर उनके परिवारों में भी चिंता का माहौल है। वीडियो में परिवार के सदस्य सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इन भारतीयों को लीबिया से सुरक्षित वापस लाया जाए।
जिला प्रशासन में भी बढ़ी चिंता
लीबिया में फंसे भारतीय नागरिकों के मामले को लेकर अब जिले के प्रशासन में भी हलचल मच गई है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से भी बात की जा रही है। इन भारतीयों को वापस लाने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाएंगे, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इस घटना से यह सवाल भी उठ रहा है कि विदेशों में काम करने जाने वाले भारतीय नागरिकों के लिए सरकारी सुरक्षा और मदद व्यवस्था क्या होनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
लीबिया में फंसे 16 भारतीयों की स्थिति अत्यंत गंभीर है। उन्हें जल्द से जल्द भारत वापस लाने की आवश्यकता है, ताकि उनकी जान की रक्षा की जा सके। इसके लिए भारतीय सरकार, भारतीय दूतावास और संबंधित अधिकारियों से अपील की जा रही है। इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि विदेशों में काम करने गए भारतीयों के लिए सुरक्षा के उपायों की कमी हो सकती है, जिसे सख्ती से सुधारने की आवश्यकता है।