Abbas Ansari Bail: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी राहत देते हुए जमानत प्रदान की है। यह निर्णय तब आया जब अंसारी ने हाई कोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका को खारिज करने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अब्बास अंसारी, जो बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे हैं, फिलहाल कासगंज जेल में बंद हैं। इस मामले में जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने अंसारी को जमानत दी है।
हाई कोर्ट का निर्णय
9 मई को, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्बास अंसारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए 14 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया।
ईडी का मामला
ईडी ने 4 नवंबर 2022 को अब्बास अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत मामला दर्ज किया था। आरोप है कि अंसारी ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए दो कंपनियों, विकास कंस्ट्रक्शन और आगाज़, का इस्तेमाल किया। अंसारी के खिलाफ यह मामला उनके पिता मुख्तार अंसारी की आपराधिक गतिविधियों के संदर्भ में जुड़ा हुआ है।
खोजी अभियान और नोटिस
ईडी ने पहले भी अब्बास अंसारी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। इसके अलावा, एजेंसी ने लखनऊ, दिल्ली और गाजीपुर में अंसारी और उनके पिता मुख्तार अंसारी के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को जेल में मौत हो गई, जिसके बाद उनके परिवार ने उन पर जहर देकर हत्या का आरोप लगाया था।
जबरन वसूली का आरोप
सितंबर 2023 में, चिटकूट जिले की करवी कोतवाली में अब्बास अंसारी सहित पांच लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। अंसारी पर आरोप है कि उन्होंने चिटकूट जेल में रहते हुए जबरन वसूली की मांग की थी। यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय पुलिस ने उनकी गतिविधियों की जांच शुरू की।
जेल से बाहर निकलने में रुकावट
हालांकि, अब्बास अंसारी को चिटकूट जेल में अपनी पत्नी से अवैध रूप से मिलने के मामले में भी जमानत मिली है, लेकिन गैंगस्टर एक्ट के तहत उन पर लगे आरोपों के कारण वह अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। जमानत के आदेश में अदालत ने कहा है कि अब्बास अंसारी को जांच में सहयोग करना होगा। इससे यह साफ हो गया है कि उन्हें अभी भी कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
समाज पर प्रभाव
इस मामले का व्यापक प्रभाव उत्तर प्रदेश की राजनीति और समाज पर पड़ सकता है। अब्बास अंसारी जैसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करना, जो अपने परिवार की आपराधिक पृष्ठभूमि के लिए जाने जाते हैं, एक महत्वपूर्ण संकेत है कि कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार और पुलिस गंभीर हैं। इससे समाज में कानून के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और युवा पीढ़ी को सही दिशा में प्रेरित किया जा सकेगा।
क्या आगे की चुनौतियां?
अब्बास अंसारी की जमानत के बावजूद, उनकी कानूनी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। गैंगस्टर एक्ट के आरोपों के तहत उन्हें जेल से बाहर आने के लिए अभी और लंबा रास्ता तय करना होगा। ऐसे मामलों में न्याय प्रणाली की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अंसारी अपनी राजनीतिक स्थिति को बनाए रख पाते हैं या नहीं।