New Labor Policy: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने श्रमिकों के सामाजिक और व्यावसायिक सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से श्रम शक्ति नीति 2025 का मसौदा पेश किया है। यह नीति महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ एक निष्पक्ष और समावेशी लेबर इकॉसिस्टम तैयार करके देश में वर्कफोर्स बढ़ाने पर केंद्रित होगी। मंत्रालय इसके तहत रोजगार सुविधा प्रदाता की भूमिका निभाएगा और श्रमिकों, प्रशिक्षण संस्थानों और नियोक्ताओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करेगा। नीति को तीन चरणों में लागू किया जाएगा।
इस नीति के तहत श्रम मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय श्रम रोजगार नीति कार्यान्वयन परिषद (NLEPIC) का गठन किया जाएगा। यह अंतर-मंत्रालयी निकाय नीति के तीनों चरणों के लक्ष्यों और समय-सीमाओं की प्रगति की निगरानी करेगा।
नीति के प्रमुख हस्तक्षेपों में सार्वजनिक सामाजिक सुरक्षा खाता बनाना और विभिन्न योजनाओं जैसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, ई-श्रम और राज्य कल्याण बोर्ड के लाभों का एकीकरण शामिल है। इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और स्किल इंडिया को एक कौशल-रोजगार योजना में समाहित किया जाएगा।
सरकार इस नीति के जरिए हरित रोजगार को बढ़ावा देने, एमएसएमई रिटर्न को सरल बनाने और डिजिटल एकल-खिड़की अनुपालन पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसके लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय श्रम डेटा संरचना भी बनाई जाएगी। मंत्रालय ने नीति को अंतिम रूप देने से पहले जनता और हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी है।
नीति तीन चरणों में लागू होगी। पहला चरण वित्तीय वर्ष 2027 तक संस्थागत व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा एकीकरण पर केंद्रित होगा। दूसरा चरण वित्तीय वर्ष 2027 से 2030 तक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा खाता, जिला-स्तरीय रोजगार सुविधा प्रकोष्ठ और कौशल-ऋण प्रणाली के क्रियान्वयन पर ध्यान देगा। तीसरे चरण में सभी पहलों का समेकन किया जाएगा।
इस पहल के तहत सरकार राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल को भारत के रोजगार के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। यह पोर्टल नौकरी मिलान, प्रमाणपत्र सत्यापन और कौशल संरेखण के लिए तकनीकी आधार के रूप में काम करेगा। नीति का उद्देश्य डिजिटलकरण, हरित बदलाव और सामाजिक सुरक्षा को एकीकृत करते हुए भारत के श्रम बाजार में संरचनात्मक सुधार लाना है।