अयोध्या में राम मंदिर के साथ-साथ रामजन्मभूमि परिसर में बने पूरक मंदिरों और सप्तमंडपों में भी जल्द ही दर्शन शुरू हो सकते हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ध्वजारोहण समारोह की तारीख 23 से 25 नवंबर तय की है। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अंतिम दिन होगा, जब राम मंदिर सहित सभी पूरक मंदिरों के शिखरों पर धर्मध्वजा फहराई जाएगी।
ट्रस्ट अब इस पर विचार कर रहा है कि ध्वजारोहण समारोह के बाद भक्तों के लिए पूरक मंदिरों के दर्शन भी शुरू कर दिए जाएं। संभावना है कि दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को दो घंटे का समय दिया जाएगा ताकि वे आराम से पूरे परिसर में घूम सकें और पूजा-अर्चना कर सकें।
राम मंदिर के प्रथम तल पर बने राम दरबार के साथ ही परकोटे में छह पूरक मंदिर बनाए गए हैं। इनमें सूर्यदेव, शिव, गणेश, दुर्गा, अन्नपूर्णा और हनुमान के मंदिर शामिल हैं। पांच जून को इन सभी मंदिरों में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। हालांकि, फिनिशिंग का काम पूरा न होने के कारण अब तक यहां दर्शन शुरू नहीं हो पाए हैं।
ट्रस्ट ने मंदिर परिसर के बाहर बने सप्तर्षि मंदिरों में भी दर्शन शुरू करने की योजना बनाई है। निर्माण समिति के अनुसार पत्थरों से जुड़ा सारा काम 30 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद नवंबर में ध्वजारोहण का भव्य समारोह होगा। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए बड़े पैमाने पर उत्सव मनाने की तैयारी है।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए ट्रस्ट दर्शन की रूपरेखा पहले से ही तय कर रहा है। सुगम और विशिष्ट पास के लिए छह स्लॉट तय किए गए हैं, हर स्लॉट दो-दो घंटे का होगा। सुरक्षा बलों की ओर से भी आश्वासन दिया गया है कि जब दर्शन शुरू होंगे तो सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से मंदिरों में प्रवेश कराया जाएगा।