Gorakhpur News: गोरखपुर के कैंपियरगंज और संत कबीर नगर के तीन युवकों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर झारखंड के जामताड़ा में बंधक बना लिया गया। कैंपियरगंज के अब्दुल सलाम ने बताया कि जामताड़ा में रहने वाले एक पुराने रसोइए ने उन्हें काम देने का वादा किया था। अब्दुल सलाम के साथ संत कबीर नगर के खलीलाबाद निवासी पिंटू और राजू भी उसके झांसे में आ गए। तीनों युवक 3 अप्रैल को ट्रेन से जामताड़ा पहुंचे थे। स्टेशन पर वही शख्स उन्हें एक कार से अपने साथ एक कमरे में ले गया।
रात में अचानक टूटा कहर
जब तीनों युवक रात को खाना खाकर सो गए तब उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि अगली सुबह उनकी जिंदगी बदल जाएगी। रात करीब दो बजे कुछ लोग कमरे में घुसे और लाठियों से तीनों की बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी। उन्हें नींद से जगाकर मारा गया और यह साफ कर दिया गया कि जब तक उनके परिवार पैसे नहीं भेजते तब तक उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। उस समय तीनों को अपनी जान के लाले पड़ गए और डर के मारे वे कुछ बोल भी नहीं पाए।
पिटाई के बाद आरोपियों ने युवकों को धमकाया और परिवार वालों से संपर्क कर फिरौती मांगी। तीनों के परिजनों को कहा गया कि अगर वे उन्हें सही सलामत देखना चाहते हैं तो एक लाख तीस हजार रुपये तुरंत भेजें। परिजन भयभीत हो गए और उन्होंने जल्दी से पैसे का इंतजाम कर दिया। जैसे ही पैसे पहुंचे तीनों युवकों को छोड़ दिया गया। हालांकि उन्हें यह हिदायत भी दी गई कि इस बारे में किसी से कुछ न कहें वरना अंजाम बुरा होगा।
पुलिस को मिली शिकायत लेकिन फिर मना किया गया
इस मामले में सबसे पहले एक महिला ने कैंपियरगंज थाने में अपने पति के अपहरण की शिकायत दी थी। लेकिन जब युवक वापस लौट आए तो महिला ने केस दर्ज करवाने से इनकार कर दिया। थाना प्रभारी राकेश रोशन ने बताया कि पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। हालांकि केस न होने के कारण कानूनी कार्यवाही में अड़चन है लेकिन पुलिस तथ्यों को खंगाल रही है।
इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कौन था वह व्यक्ति जिसने नौकरी के नाम पर फंसाया। क्या यह कोई संगठित गिरोह है जो बेरोजगार युवाओं को ऐसे ही फंसाता है। युवकों की चुप्पी और परिजनों का केस न करना भी एक बड़ी बात को छिपा रहा है। अब पुलिस को चाहिए कि वह गहराई से जांच कर इस तरह के नेटवर्क का पर्दाफाश करे।