Hyderabad में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में अपार्टमेंट से गिरकर मौत हो गई। यह घटना 25-26 नवंबर की रात को हुई। मृतक महिला, जो ओडिशा की रहने वाली थी, सरोगेसी के लिए हैदराबाद आई थी। इस घटना ने महिला के पति द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के कारण और भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
व्यवसायी पर यौन शोषण का आरोप
महिला के पति ने आरोप लगाया है कि 54 वर्षीय एक व्यवसायी ने उसकी पत्नी का यौन शोषण किया। उनके अनुसार, व्यवसायी ने सरोगेसी के लिए महिला को नियुक्त किया था। पति का दावा है कि इसी प्रताड़ना के चलते महिला ने आत्महत्या की। पुलिस ने व्यवसायी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (Abetment to Suicide) का मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।
महिला और पति के रहने की व्यवस्था
पुलिस ने बताया कि महिला पिछले एक महीने से व्यवसायी के फ्लैट के एक कमरे में रह रही थी, जबकि उसका पति अलग कमरे में ठहराया गया था। व्यवसायी अपने परिवार के साथ उसी फ्लैट में रहता है। सरोगेसी प्रक्रिया अगले महीने शुरू होनी थी।
घटनास्थल पर मिले सुराग
पुलिस ने घटनास्थल से कुछ चौंकाने वाले सुराग पाए हैं। महिला के कमरे की बालकनी में लोहे की ग्रिल से साड़ियों को बंधा हुआ पाया गया, जो नौवीं मंजिल से सातवीं मंजिल तक लटक रही थीं। पुलिस को शक है कि महिला भागने की कोशिश कर रही थी। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह गलती से गिरी या यह आत्महत्या का मामला है।
पुलिस की जांच और संभावित कारण
पुलिस ने मृतक महिला के पति के आरोपों के आधार पर जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या महिला किसी दबाव या प्रताड़ना का शिकार थी। जांच अधिकारी घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज और परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ कर रहे हैं।
सरोगेसी और विवादों का मुद्दा
यह मामला सरोगेसी से जुड़े मुद्दों और संभावित शोषण के मामलों को उजागर करता है। सरोगेसी प्रक्रिया, जो कई बार जरूरतमंद परिवारों के लिए वरदान साबित होती है, यदि सही निगरानी और नियमों के बिना संचालित की जाए, तो यह शोषण का कारण बन सकती है।
न्याय की मांग और निष्पक्ष जांच
महिला की मौत ने उसके परिवार और समाज में गहरा आक्रोश पैदा किया है। यह जरूरी है कि पुलिस निष्पक्ष जांच कर सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर कार्रवाई करे। व्यवसायी और सरोगेसी प्रक्रिया से जुड़े सभी विवरणों की गहन जांच होनी चाहिए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। इस घटना ने यह भी संकेत दिया है कि सरोगेसी कानूनों और उनके कार्यान्वयन में सुधार की आवश्यकता है।