Gorakhpur: गोरखपुर में एक बार फिर से साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जहां एक ठग गिरोह ने वॉट्सऐप पर संदेश भेजकर एक उद्योगपति की प्रोफाइल पिक्चर (DP) का इस्तेमाल किया। यह मामला मंगलवार सुबह सामने आया, जब एक संदेश वॉट्सऐप पर नाइन जीएम के मोबाइल नंबर पर भेजा गया। पहले भी इसी तरह के साइबर ठगों ने जीएम को निशाना बना कर उन्हें 2.70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का शिकार बना लिया था। इस बार जीएम सतर्क थे और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। उन्होंने संदेश और मोबाइल नंबर को पुलिस स्टेशन में जाकर दिखाया और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।
धोखाधड़ी का नेटवर्क: कंबोडिया से जुड़ी है गतिविधि
पुलिस ने जांच में पाया कि वॉट्सऐप नंबर कंबोडिया के आईपी एड्रेस से जुड़ा हुआ था। इससे यह साफ हो गया कि साइबर ठगी का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहा था। पिछले मामले में भी पुलिस ने लखीमपुर खीरी तक जांच की थी, लेकिन ठगों का कोई ठोस सुराग नहीं मिला था। कंबोडिया से जुड़े इस नए मामले को लेकर पुलिस अंतरराष्ट्रीय साइबर एजेंसियों के सहयोग से जांच में जुटी है।
पहले के 2.70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
कई महीने पहले, एक और वॉट्सऐप संदेश जीएम को भेजा गया था, जिसमें उद्योगपति अमर तुल्स्यान की प्रोफाइल पिक्चर का उपयोग किया गया था। संदेश में कहा गया था कि दो बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर की जाए। धोखेबाजों ने जीएम पर दबाव डालकर यह धनराशि ट्रांसफर करवा ली। जीएम ने दोनों खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए, और धोखेबाजों ने तुरंत इस राशि को पश्चिम बंगाल, झारखंड और राजस्थान के 10 से ज्यादा खातों में ट्रांसफर कर दिया। इस घटना ने सभी को हैरान कर दिया और पुलिस कार्रवाई में तेजी लाने की जरूरत महसूस हुई।
पुलिस की कार्रवाई: 45 लाख रुपये का हुआ ब्यौरा
साइबर थाना पुलिस ने इस धोखाधड़ी से जुड़े बैंक खातों की जानकारी जुटाई और संबंधित खाते धारकों से संपर्क किया। बैंकों की मदद से अब तक 45 लाख रुपये की राशि रोक ली गई है। पुलिस इन खातों की जाँच कर रही है, जो कई राज्यों में फैले हुए हैं। इस मामले में पुलिस की कोशिश है कि इन ठगों तक पहुँचने के लिए जितनी भी जानकारी हो, उसे इकट्ठा किया जाए। पुलिस अब इस धोखाधड़ी के नेटवर्क को तोड़ने के लिए और भी कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रही है।
ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी
गोरखपुर पुलिस इस मामले में कंबोडिया से जुड़े ठगों को पकड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय साइबर एजेंसियों के साथ मिलकर जांच कर रही है। पुलिस राज्य पुलिस के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी के नेटवर्क को खत्म करने के लिए प्रयासरत है। इन ठगों का पता लगाने और उन्हें सजा दिलवाने के लिए पुलिस पूरी तरह से तैयार है। इस पूरे मामले की जांच के दौरान पुलिस की नजर अब उन खातों पर है, जिन्हें धोखाधड़ी के दौरान इस्तेमाल किया गया है।
साइबर ठगी: बढ़ते हुए खतरे और जागरूकता की आवश्यकता
साइबर ठगी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है और यह केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ठग अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। ठगों के द्वारा वॉट्सऐप जैसे लोकप्रिय प्लेटफार्म का इस्तेमाल करना यह दर्शाता है कि कैसे तकनीकी माध्यमों का दुरुपयोग किया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में साइबर ठगी के ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें अपराधियों ने प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर लोगों को ठगा है। इससे यह भी साफ होता है कि साइबर सुरक्षा में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अधिक मजबूत करना होगा ताकि इन अपराधों को रोका जा सके।
पुलिस की सतर्कता और नागरिकों की जिम्मेदारी
गोरखपुर पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जीएम की सतर्कता ने इस बार साइबर ठगी के इस प्रयास को नाकाम किया। हालांकि, यह घटना हमें यह सिखाती है कि साइबर ठगों से बचने के लिए सतर्क रहना कितना जरूरी है। नागरिकों को अब अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है और उन्हें हर संदिग्ध संदेश, लिंक और कॉल से बचने की कोशिश करनी चाहिए। साइबर ठगों से बचने के लिए निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ बरतनी चाहिए:
- संदिग्ध संदेशों से बचें: किसी भी अनजान नंबर से आए संदेश पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें। यदि कोई व्यक्ति आपको पैसे ट्रांसफर करने का अनुरोध करता है, तो पहले खुद से उसकी पुष्टि करें।
- सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करें: अपने मोबाइल और ऑनलाइन अकाउंट्स में मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और कभी भी पासवर्ड साझा न करें।
- साइबर सुरक्षा में जागरूकता: अपने स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य उपकरणों को सुरक्षा उपायों से लैस करें। हमेशा अपडेट रखें और कोई भी ऐप्स या सॉफ़्टवेयर तभी डाउनलोड करें, जब वे विश्वसनीय स्रोतों से हों।
- पुलिस से संपर्क करें: यदि कोई संदिग्ध गतिविधि या ठगी का प्रयास हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें और अपनी जानकारी साझा करें
गोरखपुर में हुई साइबर ठगी की घटनाएं इस बात को और भी स्पष्ट करती हैं कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में हमें और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस और साइबर एजेंसियों के साथ मिलकर इन अपराधों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन नागरिकों का जागरूक होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इस मामले में जीएम की सतर्कता और पुलिस की सक्रियता ने धोखाधड़ी के प्रयास को नाकाम किया, लेकिन यह हमें यह याद दिलाता है कि साइबर ठगों से बचने के लिए हम सभी को हमेशा तैयार रहना होगा।