UPPSC: PCS-Pre परीक्षा में ‘एक दिन, एक शिफ्ट’ की स्वीकृति, प्रतियोगी छात्रों को मिली बड़ी राहत, RO-ARO परीक्षा स्थगित

UPPSC: PCS-Pre परीक्षा में 'एक दिन, एक शिफ्ट' की स्वीकृति, प्रतियोगी छात्रों को मिली बड़ी राहत, RO-ARO परीक्षा स्थगित

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने अपनी महत्वपूर्ण निर्णयों में एक बड़ा बदलाव किया है। अब, उत्तर प्रदेश PCS-Pre परीक्षा ‘एक दिन, एक शिफ्ट’ के रूप में आयोजित की जाएगी। यह निर्णय आयोग द्वारा गुरुवार को एक बैठक में लिया गया, और यह निर्णय खास तौर पर प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन को देखते हुए लिया गया। दरअसल, पिछले चार दिनों से प्रतियोगी छात्र आयोग के कार्यालय के बाहर परीक्षा और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

आयोग ने छात्रों की मांगों को ध्यान में रखते हुए इस निर्णय को स्वीकार किया और घोषणा की कि आगामी PCS-Pre परीक्षा अब एक ही दिन में और एक शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही, 22 और 23 दिसंबर को होने वाली RO-ARO (रिव्यू अधिकारी / सहायक रिव्यू अधिकारी) परीक्षा को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।

बैठक में क्या हुआ?

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने बैठक में यह निर्णय लिया कि PCS-Pre परीक्षा अब एक शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही, प्रस्तावित RO-ARO परीक्षा को 22 और 23 दिसंबर को आयोजित करने की योजना को स्थगित कर दिया गया है और इस परीक्षा के लिए एक नई समिति का गठन किया गया है। यह समिति परीक्षा के प्रारूप पर विचार करेगी और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आगामी योजना तैयार करेगी।

बैठक के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में विभिन्न राज्यों में चयन परीक्षा में पेपर लीक की घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें विभिन्न संस्थाओं के संलिप्त होने का आरोप था। इस स्थिति को देखते हुए चयन परीक्षाओं की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने हाल ही में यह निर्णय लिया था कि आगामी चयन परीक्षाओं को पांच लाख से अधिक उम्मीदवारों के साथ कई शिफ्टों में आयोजित किया जाएगा।

इसके तहत यूपीपीएससी ने पहले घोषणा की थी कि 2024 के PCS (Preliminary) परीक्षा और RO/ARO (Pre.) परीक्षा 2023 को दिसंबर में कई शिफ्टों में आयोजित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर लिया गया निर्णय

इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतियोगी छात्रों की मांगों पर ध्यान दिया और आयोग से संवाद स्थापित कर निर्णय लेने के लिए निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के इस पहल के बाद आयोग ने छात्रों से उचित संवाद स्थापित किया और उनकी मांगों को देखते हुए इस निर्णय को लागू किया।

UPPSC: PCS-Pre परीक्षा में 'एक दिन, एक शिफ्ट' की स्वीकृति, प्रतियोगी छात्रों को मिली बड़ी राहत, RO-ARO परीक्षा स्थगित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद यह निर्णय लिया गया कि PCS Preliminary Exam 2024 को एक दिन में आयोजित किया जाएगा, जैसे कि पहले होता था। इसके साथ ही, RO-ARO परीक्षा 2023 की पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से आयोजित करने के लिए आयोग ने एक समिति का गठन किया है, जो जल्द ही इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

परीक्षा के संचालन की नई व्यवस्था

पहले उत्तर प्रदेश PCS-Pre परीक्षा को 7 और 8 दिसंबर को आयोजित किया जाने की योजना थी, और इसमें नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लागू किया जाने का प्रस्ताव था। आयोग का यह निर्णय छात्रों को यह आश्वासन देने का था कि परीक्षा का परिणाम निष्पक्ष और पारदर्शी रहेगा। नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का उद्देश्य विभिन्न शिफ्टों में बैठने वाले उम्मीदवारों के प्रदर्शन में असमानता को सुधारना था, ताकि सभी को समान अवसर मिल सके।

लेकिन छात्रों के विरोध को देखते हुए आयोग ने इस प्रक्रिया को बदलने का फैसला किया। अब, परीक्षा एक ही दिन और एक शिफ्ट में होगी, जिससे छात्रों को बेहतर माहौल मिलेगा और नॉर्मलाइजेशन के प्रभाव को भी समाप्त किया जाएगा।

RO-ARO परीक्षा की स्थगन

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 22 और 23 दिसंबर को प्रस्तावित RO-ARO परीक्षा 2023 को स्थगित कर दिया है। यह निर्णय आयोग ने छात्रों की मांगों और परीक्षा के पारदर्शी संचालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया है। RO-ARO परीक्षा के लिए एक नई समिति का गठन किया गया है, जो परीक्षा के आयोजन की पूरी प्रक्रिया का मूल्यांकन करेगी और सभी पहलुओं पर विचार करेगी। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगामी निर्णय लिया जाएगा।

प्रतियोगी छात्रों को मिली बड़ी राहत

उत्तर प्रदेश PCS-Pre परीक्षा में ‘एक दिन, एक शिफ्ट’ के निर्णय से प्रतियोगी छात्रों को बड़ी राहत मिली है। छात्रों का यह कहना था कि दो शिफ्टों में परीक्षा देने से उनकी मेहनत पर असर पड़ता है, और नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया से उनका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता था। इस निर्णय के बाद छात्रों को यह विश्वास हुआ है कि आयोग उनके हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रहा है।

यह निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर लिया गया है, जो हमेशा प्रतियोगी छात्रों के हितों के लिए काम करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस निर्णय से यह भी साबित हुआ कि सरकार और आयोग दोनों ही छात्रों की परेशानियों को समझते हैं और उनके लिए बेहतर व्यवस्था करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

परीक्षा की पारदर्शिता

इस निर्णय के बाद यह भी स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भविष्य में अपनी परीक्षाओं के संचालन में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग अब इस बात पर विचार करेगा कि किसी भी प्रकार की अनियमितता या धांधली को रोका जा सके, ताकि छात्र बिना किसी डर के परीक्षा में भाग ले सकें।

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