UP News: उत्तर प्रदेश में राजनीति और समाजिक बयानबाजी में एक नया मोड़ आया जब इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने जयपुर में मुसलमानों को दिल्ली घेरने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उनके इस बयान पर अब सनातनी विचारक और कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ठाकुर ने कहा कि हमे अब यह सोचना होगा कि हमें क्या करना चाहिए, क्योंकि दिल्ली को बचाना अब हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सनातनियों को अब एकजुट होकर इसका विरोध करना होगा।
दिल्ली को बचाने की अपील
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हमें दिल्ली को घेरने से बचाना है और इसके लिए सभी सनातनियों को एकजुट होने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग दिल्ली की सड़कों को घेरने की बात कर रहे हैं, वे कल ऐसा कर सकते हैं अगर हम आज इसका विरोध नहीं करेंगे। ठाकुर का मानना है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और जो देश विरोधी बातें कर रहे हैं, उन्हें तुरंत जेल भेजा जाना चाहिए। उनके इस बयान से स्पष्ट है कि वे ऐसे बयानों को लेकर काफी नाराज हैं और इसका विरोध कर रहे हैं।
सनातन बोर्ड के अधिकार की मांग
इसके अलावा, देवकीनंदन ठाकुर ने सनातनी समुदाय के अधिकारों की रक्षा की बात की और कहा कि यह 100 करोड़ सनातनियों का मामला है। उन्होंने हाल ही में बालाजी के प्रसाद में मिलावट के मामले को उठाया और सवाल किया कि गैर-सनातनी लोग धर्म की शुद्धता को कैसे बनाए रख सकते हैं। ठाकुर ने कहा कि दिल्ली में 16 तारीख को धर्म संसद बुलाई गई है और इस मौके पर वे सनातन बोर्ड के अधिकार की भी मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अधिकार स्वतंत्रता संग्राम के समय ही मिलना चाहिए था, लेकिन तब से लेकर अब तक मंदिरों को प्रशासन के अधीन रखा गया और वहां प्राप्त धन का गलत उपयोग किया गया।
कृष्ण जन्मभूमि और बालाजी की शुद्धता का मुद्दा
देवकीनंदन ठाकुर ने कृष्ण जन्मभूमि और बालाजी के प्रसाद की शुद्धता पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उनका कहना था कि ये मुद्दे केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के मुद्दे अब केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और सामाजिक स्थिरता से भी जुड़ गए हैं। ठाकुर ने यह भी कहा कि हमें इस विषय में कठोर कदम उठाने होंगे और सरकार से इन मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की।
उत्तर प्रदेश से सनातन बोर्ड के गठन की मांग
देवकीनंदन ठाकुर ने विशेष रूप से उत्तर प्रदेश से सनातन बोर्ड के गठन की बात की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया कि सनातन धर्म बोर्ड का गठन उत्तर प्रदेश से ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातनियों को बहुत संघर्षों का सामना करना पड़ा है और अब वे और सहन नहीं कर सकते। यह विश्वास के साथ जुड़ा मामला है और यह केवल सनातनियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है। ठाकुर ने यह भी कहा कि जब वक्फ बोर्ड का गठन हो सकता है, तो सनातन धर्म बोर्ड का गठन क्यों नहीं किया जा सकता।
केंद्र सरकार से भी अपील
देवकीनंदन ठाकुर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वे सरकार से सनातन धर्म बोर्ड के गठन की मांग करेंगे और इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की अपील करेंगे। ठाकुर ने यह भी कहा कि अगर सरकार ने इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं की, तो सनातनियों को और संघर्ष करना पड़ेगा। उनका यह बयान इस बात का संकेत था कि वे सनातन धर्म के हितों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे।
देवकीनंदन ठाकुर का बयान सनातनियों के अधिकारों की रक्षा और उनकी धार्मिक पहचान को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका आह्वान है कि सनातनी अब एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं और सरकार से सनातन धर्म बोर्ड के गठन की मांग करें। उनके बयान से यह भी स्पष्ट है कि वे किसी भी तरह की असहमति और देशविरोधी बयानों के खिलाफ हैं और इसके लिए वे संघर्ष करने को तैयार हैं।