Chhath Puja: छठ पूजा का त्योहार इस साल देवरिया में बेहद धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर के बीच बहने वाली बथुआ नदी का रिवर फ्रंट इस बार दुल्हन की तरह सज गया है, जिसमें दूधिया रोशनी और कलाकृतियों ने लोगों का ध्यान खींचा है। हर साल छठ पूजा पर लगभग 50 हजार उपवासी महिलाएं उगते और अस्त होते सूरज को जल अर्पित करती हैं। सूर्योदय के समय, पूरा शहर रिवर फ्रंट की ओर उमड़ता है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए आते हैं।
नगर पंचायत की विशेष तैयारियाँ
छठ पूजा को लेकर नगर पंचायत प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं। रिवर फ्रंट का सौंदर्यीकरण इस बार एक नए रूप में किया गया है। लगभग दो किलोमीटर लंबा नदी घाट दूधिया रोशनी में नहाया हुआ है। सुबह और शाम को लोग इस रिवर फ्रंट पर यूं टहलते हैं जैसे वे जुहू चौपाटी पर हों।
रिवर फ्रंट की दीवारों पर की गई पेंटिंग्स ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। दीवारों पर भगवान और देवी-देवताओं के चित्र उकेरे गए हैं, और धार्मिक ग्रंथों जैसे रामायण और महाभारत की कहानियों को चित्रित किया गया है। यह कलाकृति न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गई है।
युवाओं के लिए सेल्फी पॉइंट
नगर पंचायत के द्वारा बनवाया गया सेल्फी पॉइंट विशेष रूप से युवाओं को आकर्षित कर रहा है। यहाँ आने वाले लोग अपने दोस्तों के साथ सेल्फी लेकर इस खास मौके को यादगार बनाना चाह रहे हैं। इसके अलावा, नदी के किनारे बनाए गए फव्वारे ने इस स्थान की सुंदरता को और बढ़ा दिया है।
बथुआ नदी का कायाकल्प
इस प्रोजेक्ट के बारे में चट्टे लाल निगम, जो कि नगर पंचायत के अध्यक्ष के प्रतिनिधि हैं, ने बताया कि “2014 से पहले बथुआ नदी का किनारा एक वीरान जगह था। मैंने अपने कार्यकाल के दौरान इसे एक रिवर फ्रंट बनाने का निर्णय लिया। यह मेरा सपना प्रोजेक्ट है। अब, मैं अपनी पत्नी और अध्यक्ष सुधा निगम के साथ मिलकर इस रिवर फ्रंट को एक नया आयाम देने की कोशिश कर रहा हूँ।”
वह आगे बताते हैं, “आने वाले दिनों में यह क्षेत्र विभाग का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल बनने जा रहा है।” इसके लिए नदी के प्रदूषित पानी को साफ करने का कार्य चल रहा है और इसके लिए सरकार से एक बड़ा प्रोजेक्ट लाने की कोशिश की जा रही है।
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा एक प्राचीन भारतीय त्योहार है जो विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देवता और छठी माई की पूजा करना है। इस दौरान उपवासी महिलाएं 36 घंटे का उपवास रखती हैं और सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जल अर्पित करती हैं।
इस पर्व की मान्यता है कि यह सूर्य देवता से स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशहाली की कामना करने का अवसर है। इस अवसर पर किए गए व्रत और पूजा का विशेष महत्व होता है। महिलाएं अपने परिवार की खुशहाली और स्वास्थ्य के लिए इस उपवास को अदा करती हैं।
सांस्कृतिक महोत्सव
छठ पूजा के दौरान रिवर फ्रंट पर होने वाले कार्यक्रमों में सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन भी होता है। विभिन्न सांस्कृतिक समूह लोक नृत्य और संगीत प्रस्तुत करते हैं, जो इस अवसर को और भी खास बना देता है। यह त्योहार न केवल धार्मिक होता है बल्कि यह सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है।
पर्यटकों के लिए आकर्षण
देवरिया का रिवर फ्रंट अब पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है। यहाँ की खूबसूरती, सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भरपूरता इसे एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाती है। स्थानीय प्रशासन की कोशिश है कि इसे विकसित करके एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्तुत किया जाए।
रिवर फ्रंट पर की गई सजावट और कलाकृतियों के माध्यम से स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। यह केवल छठ पूजा के अवसर पर ही नहीं, बल्कि पूरे साल पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
छठ पूजा के इस अवसर पर देवरिया का रिवर फ्रंट निश्चित रूप से एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा। नगर पंचायत की मेहनत और लोगों की श्रद्धा इसे एक खास जगह बना देती है। आने वाले समय में, यह न केवल धार्मिक स्थल होगा, बल्कि एक आकर्षक पर्यटन स्थल भी बनेगा।
इस तरह के आयोजनों से यह स्पष्ट होता है कि स्थानीय प्रशासन अपने क्षेत्रों के विकास और संस्कृति को बनाए रखने के लिए कितना प्रतिबद्ध है। उम्मीद की जाती है कि आने वाले वर्षों में देवरिया का यह रिवर फ्रंट पर्यटकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनेगा, जहाँ लोग न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे, बल्कि यहाँ की संस्कृति और परंपरा का भी अनुभव कर सकेंगे।