Gorakhpur News: गोरखपुर में सड़क हादसे रोकने के लिए हर साल परिवहन विभाग, प्रशासन, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, और पुलिस मिलकर बैठक में ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करते हैं। लेकिन इन खतरनाक जगहों को सुधारने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया जाता, जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 2022 में जहां दुर्घटनाओं की संख्या 848 थी, वहीं 2023 में यह बढ़कर 935 हो गई। 2024 में भी 30 सितंबर तक 901 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 318 लोगों की मौत हो गई और 604 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
ब्लैक स्पॉट्स की स्थिति
गोरखपुर के 13 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई थी, लेकिन जगनर की पड़ताल में पाया गया कि एक साल बाद भी इन स्पॉट्स में सुधार नहीं हुआ है। कुछ जगहों को छोड़कर, कहीं भी संकेतक बोर्ड, स्पीड लिमिट, रंबल स्ट्रिप्स, कैट आई या अन्य सुरक्षा संकेत नहीं लगे हैं। 13 में से 8 ब्लैक स्पॉट्स चार लेन वाली सड़कों पर स्थित हैं।
मार्चा कुटी हाईवे पर स्थिति
नेशनल हाईवे संख्या 24 के कैंपियरगंज से आनंद नगर मार्ग पर शिवपुरा चौराहा, लोहारपुरवा, और आईटीआई स्कूल के पास न तो लाइट बोर्ड, संकेतक, रंबल स्ट्रिप्स, सोलर ब्लिंकर्स और कैमरों की व्यवस्था है। हाईवे के दोनों किनारों पर झाड़ियों की वजह से चालकों को ट्रैक की स्थिति समझ में नहीं आती, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
अन्य ब्लैक स्पॉट्स की स्थिति
गोरखपुर-सोनौली रोड पर रावतगंज गोडवारी पुल, जसवाल रोड, बदिया रोड जैसे स्थानों पर भी संकेतक लाइट्स और स्पीड लिमिट बोर्ड नहीं लगे हैं। जंगल कौड़िया के पास लाइटें लगाई गई हैं, लेकिन कुछ लाइटें खराब हैं। चार लेन के बीच में बने कट पर बैरिकेडिंग की गई है, लेकिन हटाए जाने के बाद भी वहां से दोपहिया वाहन आ-जा रहे हैं।
रामनगर करजहां, फुथावा इनार, तर्कुलहा देवी मोड़, फुलवारिया मोड़, और बारही मोड़ जैसे स्थानों पर भी संकेतक बोर्ड, स्पीड लिमिट, कैमरे नहीं हैं। इनकी अनुपस्थिति में पैदल यात्रियों को परेशानी होती है और अचानक मुड़ने वाले वाहनों से दुर्घटनाएं हो रही हैं।
हादसों में रात में होती है वृद्धि
रात के समय इन ब्लैक स्पॉट्स पर दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। कुशीनगर चार लेन पर जगदीशपुर के पास सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। स्पीड लिमिट और संकेतकों की अनुपस्थिति के कारण यहां वाहन तेज गति से अचानक मुड़ जाते हैं, जिससे हादसों की संख्या बढ़ रही है।
गोरखपुर-वाराणसी चार लेन पर वन-वे से हो रहे हादसे
गोरखपुर-वाराणसी चार लेन का निर्माण कार्य अभी चल रहा है, जिसके कारण कई जगहों पर सड़कों को एक-तरफा कर दिया गया है। एक ही लेन पर तेज गति से चलने वाले वाहन आपस में टकरा जाते हैं। गगहा और बेलिपार थाना क्षेत्रों में इस सड़क पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं।
चंपा देवी पार्क मोड़ बना नया ब्लैक स्पॉट
बोटिंग रूट पर चंपा देवी पार्क के पास कट पर एक नया ब्लैक स्पॉट उभर कर सामने आया है। हर महीने यहां दो से तीन दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें अधिकतर मामलों में मौत या गंभीर चोटें आती हैं। इस रूट के बीच बने डिवाइडर पर पौधे लगाए गए हैं, जो बढ़ने के कारण चालकों के लिए रुकावट बनते हैं। स्पीड लिमिट की अनुपस्थिति में वाहन अचानक चंपा देवी पार्क और सर्किट हाउस मोड़ से मुड़ते हैं, जिससे अन्य लेन से आने वाले वाहनों से टक्कर की संभावना होती है।
हादसों के आंकड़े (वर्षवार)
- 2022: 848 दुर्घटनाएं, 369 मौतें, 562 घायल
- 2023: 935 दुर्घटनाएं, 374 मौतें, 650 घायल
- 2024 (सितंबर तक): 901 दुर्घटनाएं, 318 मौतें, 604 घायल
चिन्हित ब्लैक स्पॉट्स
- नौसाढ़, NH 29, थाना गीडा
- कलेसर, NH 29, थाना गीडा
- बोकटा, NH 29, थाना गीडा
- मार्चाही कुटी, NH 24, थाना कैंपियरगंज
- रावतगंज, NH 24, थाना पीपीगंज
- फुथावा इनार, SH 1, थाना चौरी चौरा
- निबियहवा ढाला, SH 1, थाना चौरी चौरा
- रामनगर करजहां, HS 1, थाना खोराबार
- जगदीशपुर (कुशीनगर रोड), NH 28, थाना एम्स
- बोटिंग रोड, चंपा देवी पार्क के सामने, थाना रामगढ़ताल
हादसों को रोकने के उपायों की कमी
हालांकि प्रशासन हर साल ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करता है और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बैठकें होती हैं, लेकिन सुधार कार्य पर ध्यान नहीं दिया जाता। ब्लैक स्पॉट्स पर स्पीड लिमिट, संकेतक बोर्ड, रंबल स्ट्रिप्स, और सुरक्षा कैमरों की अनुपस्थिति के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं।
जिम्मेदार विभागों की प्रतिक्रिया
परिवहन विभाग, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, और पुलिस को इन ब्लैक स्पॉट्स पर सुधार कार्य तेजी से करने की जरूरत है। प्रशासन ने संकेतक बोर्ड लगाने, स्पीड लिमिट तय करने, रंबल स्ट्रिप्स और कैट आई लगाने का वादा किया था, लेकिन अधिकांश जगहों पर ये सुविधाएं नहीं लगी हैं।
गोरखपुर में सड़क हादसे रोकने के लिए केवल ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करना ही पर्याप्त नहीं है। इन ब्लैक स्पॉट्स पर उचित सुधार कार्य किए जाने चाहिए ताकि हादसों की संख्या में कमी आ सके। प्रशासन को चाहिए कि वे इन ब्लैक स्पॉट्स पर तुरंत सुधार कार्य शुरू करें और सुनिश्चित करें कि संकेतक बोर्ड, स्पीड लिमिट और अन्य सुरक्षा सुविधाएं सही तरीके से स्थापित हों।
यदि इस ओर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है, जो जनता की सुरक्षा के लिए खतरनाक है।