Raebareli: पुलिस चौकी में घुसकर दरोगा की वर्दी फाड़ी, पूर्व सैनिक समेत 9 पर FIR दर्ज, 6 गिरफ्तार

Raebareli: पुलिस चौकी में घुसकर दरोगा की वर्दी फाड़ी, पूर्व सैनिक समेत 9 पर FIR दर्ज, 6 गिरफ्तार

Raebareli, उत्तर प्रदेश में पूर्व सैनिक और पुलिस के बीच हुई मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में नया मोड़ तब आया जब दिवाली के दिन का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पुलिस चौकी में घुसकर पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी करते हुए कुछ लोग दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह वीडियो गुरुवारा पुलिस चौकी का है, जहां पर काफी हंगामा हुआ था।

इस वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पूर्व सैनिक इंदल सिंह, इंस्पेक्टर हिमांशु मलिक की वर्दी फाड़ रहे हैं और उनका कॉलर पकड़कर खींच रहे हैं। इसके अलावा, पुलिस चौकी में कई युवा हंगामा करते हुए नजर आ रहे हैं। इस घटना के बाद इंस्पेक्टर हिमांशु मलिक की शिकायत पर पूर्व सैनिक इंदल सिंह समेत नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

पुलिस चौकी में मारपीट

इस घटना से पहले मंगलवार को कई संगठनों और परिवार के सदस्यों ने पूर्व सैनिक इंदल सिंह के समर्थन में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने पुलिस स्टेशन में एक पूर्व सैनिक के साथ मारपीट की है। इस मामले ने धीरे-धीरे राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है, खासकर दलमऊ कोतवाली क्षेत्र की गुरुवारा पुलिस चौकी में हुई इस घटना के बाद।

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का बयान

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले पर टिप्पणी की और उत्तर प्रदेश पुलिस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि “उत्तर प्रदेश में सेना में पदक प्राप्त एक सैनिक के साथ हुई हिंसा अत्यंत आपत्तिजनक है। मुख्यमंत्री को कम से कम सैनिकों को न्याय देना चाहिए। अब देखना यह है कि क्या पूरी पुलिस चौकी को निलंबित किया जाएगा या उस पर बुलडोजर चलेगा।” उनके इस बयान से मामले की गंभीरता और बढ़ गई है और इसे लेकर राजनीति गरमा गई है।

Raebareli: पुलिस चौकी में घुसकर दरोगा की वर्दी फाड़ी, पूर्व सैनिक समेत 9 पर FIR दर्ज, 6 गिरफ्तार

घटना का पूरा मामला

इस मामले की शुरुआत तब हुई जब पूर्व सैनिक इंदल सिंह और पुलिसकर्मियों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हुई, जो बाद में मारपीट में बदल गई। पुलिस का दावा है कि पूर्व सैनिक और उनके साथ आए युवाओं ने पुलिस चौकी में घुसकर हंगामा किया और पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी की। वहीं, पूर्व सैनिक और उनके परिवार का आरोप है कि पुलिस ने इंदल सिंह के साथ बुरी तरह मारपीट की और उनकी इज्जत को ठेस पहुंचाई है।

कानूनी कार्रवाई

इंस्पेक्टर हिमांशु मलिक की शिकायत पर पुलिस ने पूर्व सैनिक इंदल सिंह और अन्य नौ लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में पुलिस ने अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय जनता का गुस्सा और समर्थन

इस मामले ने रायबरेली के स्थानीय लोगों के बीच गुस्सा और समर्थन का माहौल पैदा कर दिया है। एक ओर जहां पुलिस के खिलाफ पूर्व सैनिक के समर्थन में लोग खड़े हैं, वहीं पुलिसकर्मियों का कहना है कि वे अपनी ड्यूटी कर रहे थे और पूर्व सैनिक और उनके साथियों ने पुलिस चौकी में आकर अशांति फैलाई। इस घटना से इलाके में तनाव का माहौल बन गया है और जनता में इस मुद्दे को लेकर मतभेद हैं।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन की विफलता के रूप में प्रस्तुत करना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने जहां सरकार को आड़े हाथों लिया है, वहीं अन्य दलों ने भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इस घटना ने लोगों के बीच यह चर्चा छेड़ दी है कि क्या वास्तव में पुलिस और सरकार जनता के साथ न्याय कर रही है या सत्ता का दुरुपयोग कर रही है।

रायबरेली में पुलिस और पूर्व सैनिक के बीच हुई इस मारपीट की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की भूमिका और कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं पूर्व सैनिक और उनके समर्थकों का यह कहना है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। जनता को यह उम्मीद है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को सजा मिलेगी, चाहे वे किसी भी पक्ष से हों।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *