Gorakhpur के जिला जेल में अब कुख्यात कैदियों से मिलना आसान नहीं होगा। जेल प्रशासन ने निर्णय लिया है कि कैदियों से मिलने आने वाले लोगों की फोटो खींची जाएगी। इसके पीछे का उद्देश्य सुरक्षा बढ़ाना और कुख्यात कैदियों से मिलने वालों की पहचान करना है। जेल प्रशासन, सरकारी निर्देशों के अनुसार, 10 कुख्यात कैदियों की एक सूची तैयार कर रहा है, जिसे इंटेलिजेंस विभाग (LIU) को सौंपा जाएगा।
मिलन की प्रक्रिया
अब कुख्यात कैदियों से मिलने के लिए विशेष नियम लागू किए जा रहे हैं। कैदी अब केवल सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को मिलने के लिए उपस्थित होंगे। इस दौरान, LIU की टीम भी जेल में मौजूद रहेगी। जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि गोरखपुर के अलावा, अन्य जिलों के भी कैदी इस जेल में हैं।
कुख्यात कैदियों की पहचान
जेल प्रशासन ने बताया कि 10 कुख्यात कैदियों की पहचान करने के लिए एक सूची तैयार की जा रही है। इस सूची के अंतर्गत आने वाले कैदियों से आम कैदियों की तरह नहीं मिल सकेगा। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि कुख्यात अपराधियों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके और किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों को रोका जा सके।
सुरक्षा के उपाय
कैदियों से मिलने आने वाले लोगों की पहचान करने के लिए उनके दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी। अगर किसी व्यक्ति की पहचान में कोई समस्या आती है, तो उन्हें केवल खून के रिश्तेदारों को मिलने की अनुमति दी जाएगी। इनमें केवल माता, पिता, और भाई-बहन शामिल होंगे।
फोन पर बात करने की प्रक्रिया
यदि कुख्यात कैदी किसी से फोन पर बात करना चाहते हैं, तो उनकी पहचान पहले संबंधित पुलिस थाने द्वारा सत्यापित की जाएगी। इस प्रक्रिया के बाद ही वे अपने संपर्कों से बात कर सकेंगे। इस तरह से LIU को भी सभी सूचनाओं से अवगत कराया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की पहचान की जा सके।
कैदियों के अधिकार
हालांकि, इस तरह के उपायों को लागू करना आवश्यक है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि कैदियों के अधिकारों का भी ध्यान रखा जाए। कैदियों को अपने परिवार से मिलने और बात करने का अधिकार है। इसलिए, जेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये प्रक्रिया बिना किसी भेदभाव के लागू की जाए।
समाज पर प्रभाव
इस निर्णय का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। कुख्यात कैदियों से मिलने वाले लोगों की गतिविधियों पर नज़र रखने से अपराधियों की गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सकता है। यह कदम जेल की सुरक्षा को बढ़ाने के साथ-साथ समाज में सुरक्षा की भावना को भी मजबूत करेगा।
इस कदम पर लोगों की विभिन्न प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम आवश्यक है ताकि अपराधियों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके। वहीं, कुछ लोगों ने इसे कैदियों के अधिकारों का हनन मानते हुए चिंता व्यक्त की है।
जिला जेल में कुख्यात कैदियों से मिलने के लिए उठाए गए इस कदम से यह स्पष्ट है कि सरकार और जेल प्रशासन सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके साथ ही, यह भी जरूरी है कि कैदियों के अधिकारों की रक्षा की जाए।
जेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी प्रक्रियाएँ पारदर्शिता के साथ हों और किसी भी नागरिक का अधिकार प्रभावित न हो। इस तरह के कदम उठाने से समाज में सुरक्षा की भावना मजबूत होगी और आपराधिक गतिविधियों पर नज़र रखना संभव होगा।