Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर जिले के भठाट क्षेत्र में बने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि 30 नवंबर तक किसी भी हाल में कार्य पूरा किया जाए। यदि समय सीमा के भीतर काम पूरा नहीं हुआ, तो जिम्मेदार एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य की भौतिक प्रगति के बारे में जानकारी ली। वह सबसे पहले प्रशासनिक भवन पहुंचे और वहां उपकुलपति प्रो. एके सिंह और निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से बातचीत की। उपकुलपति ने बताया कि प्रशासनिक भवन में अस्पताल भी स्थित है। जब मुख्यमंत्री ने इस भवन के पूर्ण होने के बारे में पूछा, तो उन्हें बताया गया कि लिफ्ट लगाने और कुछ अंतिम फिनिशिंग का कार्य अभी बाकी है।
नवंबर अंत तक काम पूरा करने का निर्देश
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन दिसंबर में करने की योजना है। इसलिए सभी शेष कार्यों को 30 नवंबर तक पूरा किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक भवन के हॉल और कमरों का निरीक्षण किया और फिर खुली कैंपस का दौरा किया। उन्होंने खाली हिस्सों में वृक्षारोपण कर इसे हरा-भरा बनाने के निर्देश दिए और भविष्य में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक उपाय करने की बात की।
विश्वविद्यालय के संचालन की तैयारियों की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने आयुष विश्वविद्यालय के संचालन के संबंध में उपकुलपति और आयुष विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी तैयारियों के बारे में पूछा। जानकारी लेने के बाद उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्ण संचालन के लिए सभी आवश्यक पदों की नियुक्ति की प्रक्रिया अगले 10 दिनों में पूरी की जानी चाहिए। इसके साथ ही, बाय-लॉज बनाने का कार्य भी शीघ्रता से पूरा किया जाना चाहिए।
दक्षिण भारत के प्रमुख आयुष संस्थानों के पाठ्यक्रम की जानकारी इकट्ठा करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण भारत के प्रमुख आयुष संस्थानों के पाठ्यक्रम के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय में पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ अनोखे पाठ्यक्रमों की शुरुआत भी की जानी चाहिए। उपकुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय की आगामी योजना में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के 12 पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं।
निर्माण कार्य की समीक्षा बैठक
इस दौरान आयुष विश्वविद्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में गोरखपुर के विधायक महेंद्रपाल सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, आनंद शाह, आयुष, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी, जिलाधिकारी और एसएसपी भी उपस्थित थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने भठाट-बांसस्थान चार लेन सड़क के निर्माण कार्य की जानकारी भी ली। अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि चार लेन का निर्माण किसी भी हालत में 31 मार्च, 2025 तक पूरा किया जाना चाहिए।
भविष्य की योजनाएँ
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आयुष विश्वविद्यालय के लिए एक व्यापक योजना बनाई जानी चाहिए ताकि यह न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश में एक प्रमुख संस्थान के रूप में स्थापित हो सके। उन्होंने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कहा कि वे विभिन्न आयुष विधाओं के लिए विशेष पाठ्यक्रम विकसित करें, ताकि छात्रों को बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण मिल सके।
अंत में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह निरीक्षण और निर्देश इस बात का संकेत है कि प्रदेश सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए कितनी गंभीर है। आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण न केवल गोरखपुर के लिए बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विश्वविद्यालय के माध्यम से आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है। सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि निर्माण कार्य समय पर पूरा हो सके और विश्वविद्यालय की स्थापना से लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं में लाभ मिले।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री के प्रयासों और निर्देशों से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है।