Deoria: देवरिया के फतेहपुर में हुए एक भयावह नरसंहार ने एक परिवार को हमेशा के लिए बर्बाद कर दिया। इस घटना की मुख्य गवाह शौभिता ने बताया कि उसके परिवार को मारने की योजना पहले से बनाई गई थी। उसने कहा, “आरोपियों ने 2 अक्टूबर से पहले ही मेरे परिवार को मारने की योजना बनाई थी। 28 सितंबर को, उनमें से एक ने मेरे पिता को एक सरप्राइज देने की बात की थी, लेकिन उस दिन वह सफल नहीं हो सके। 29 सितंबर को मेरे पिता को रास्ते में दो कारतूस मिले।”
इस जानकारी के बाद, शौभिता अपने गांव आई, लेकिन उसे नहीं पता था कि उसके परिवार के साथ इतना भयानक हादसा होने वाला है। “2 अक्टूबर वह काला दिन था जब हमारे परिवार का लगभग सफाया हो गया,” उसने कहा। फतेहगंज मामले में न्यायालय में सुनवाई 30 अक्टूबर से शुरू होगी। शौभिता ने कहा, “मैं हर संभव प्रयास करूंगी कि हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। इन आरोपियों ने मेरे निर्दोष परिवार के सदस्यों को बेरहमी से मारा है। मैं अपनी अंतिम सांस तक उनके खिलाफ लड़ाई लडूंगी।”
शौभिता ने बताया कि उसके पिता एक भूमि विवाद के मामले में न्यायालय गए थे। उस दिन कुछ आरोपियों ने कहा था कि वे अदालत में उसके पिता को सरप्राइज देंगे। शौभिता उस दिन गांव में थी। “2 अक्टूबर की सुबह, जब मैं ठीक महसूस नहीं कर रही थी, तो मैं सुबह टहलने गई। इसी दौरान आरोपियों ने पूरी साजिश के तहत हमला किया। उन्होंने मेरे पूरे परिवार को मारने की योजना बनाई थी, लेकिन मैं और मेरे दो भाई ईश्वर की कृपा से बच गए।”
इस घटना के बाद, शौभिता के घायल छोटे भाई अनमोल का इलाज पुलिस हिरासत में किया गया। इस बीच, उसने अपने भाई देवेश को, जो बलिया में एक कार्यक्रम में गए थे, सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। “मैंने उन्हें यहाँ-वहाँ छुपाया और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश की। आरोपियों और उनके परिवार ने मेरे भाइयों की खोज में दिन-रात एक कर दिया था।”
शौभिता ने जिला प्रशासन से अपील की है कि जब trial शुरू होगा, तो उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। “मेरे पिता ने छोटे भाई गांधी के जन्मदिन पर पूरे गांव में मिठाई बांटी थी। 2 अक्टूबर का दिन उनके जन्मदिन के रूप में याद किया जाता है। उसी दिन आरोपियों ने हमारी जान लेने की योजना बनाई थी।”
शौभिता ने बताया कि जब यह घटना हुई, तो वह नौ महीने की गर्भवती थी। “जब मैं ठीक महसूस नहीं कर रही थी, तो मैं सुबह टहलने निकली थी। इसी दौरान आरोपियों ने मेरे माता-पिता को मारा।”
उसने बताया कि घटना के समय उसके भाई अनमोल की सांस चल रही थी, जिसे तुरंत अस्पताल भेजा गया। “जब मैंने गोलीबारी की आवाज सुनी, तो मैं घर लौट आई और देखा कि एक भीड़ इकट्ठा हो गई थी। कुछ आरोपी भी उसी भीड़ में थे, जो मेरी तलाश कर रहे थे। मैंने अपने चेहरे को दुपट्टे से ढक लिया और वहां पहुंची जहां मेरे परिवार के सदस्य मृत पड़े थे।”
शौभिता ने यह भी कहा कि “मेरे माता-पिता मेरी सिजेरियन डिलीवरी की तैयारी कर रहे थे। मेरे छोटे भाई का जन्म 2 अक्टूबर को हुआ था, इसलिए हम उसे ‘छोटा गांधी’ कहते थे।” उसने यह भी कहा कि यदि वह सुबह टहलने नहीं जाती, तो अपराधी उसे भी मार देते।
इस घटना ने शौभिता को एक नई दिशा दी है। उसने ठान लिया है कि वह अपने परिवार के लिए न्याय दिलाने तक नहीं रुकेगी। “मैंने उस क्षण खुद से वादा किया कि मैं इन आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए किसी भी हद तक जाऊंगी।”