UP ByPolls 2024: उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। एक तरफ जहां BJP की उम्मीदवारों की सूची का सबको इंतजार है, वहीं दूसरी तरफ सीट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी (SP) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच रस्साकशी जारी है। इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भी उपचुनाव में अपनी एंट्री कर दी है।
यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने ओवैसी की पार्टी AIMIM की उपचुनाव में एंट्री को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने AIMIM पर आरोप लगाया कि वह इंडिया गठबंधन को हराने की कोशिश कर रहे हैं। जब अजय राय से AIMIM के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “ओवैसी यहां हमें हराने आए हैं। वह BJP को जिताने आए हैं। यह उनका हमेशा का काम है।”
SP के साथ सीट बंटवारे पर अजय राय का बयान
25 अक्टूबर को यूपी उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है, लेकिन SP-कांग्रेस के बीच अभी भी सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है। इस बीच, AIMIM ने कुंदरकी सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही खबरें आ रही हैं कि ओवैसी गाजियाबाद सीट से रवि गौतम को भी उम्मीदवार बना सकते हैं।
जब अजय राय से यूपी में सीट बंटवारे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “हमने शीर्ष नेतृत्व को पांच सीटों के लिए प्रस्ताव भेजा है। हम चाहते हैं कि कांग्रेस पांच सीटों पर समान भागीदारी के साथ चुनाव लड़े और BJP को हराए।” इससे पहले एबीपी न्यूज से बात करते हुए अजय राय ने दावा किया था कि कांग्रेस पांच सीटों से कम पर सहमत नहीं होगी। उन्होंने कहा था कि जिन पांच सीटों पर कांग्रेस ने दावा किया है, वे वे सीटें हैं जहां SP पहले हार चुकी है। उन सीटों की मांग नहीं की गई है, जो पहले SP के खाते में थीं।
कांग्रेस का रुख स्पष्ट
अजय राय ने साफ किया कि कांग्रेस पार्टी किसी भी दबाव के आगे झुकेगी नहीं। उन्होंने कहा, “पार्टी को स्थापित करने के लिए पांच सीटों की जरूरत है, नहीं तो हम किसी भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे और ना ही कोई प्रचार करेंगे और ना ही किसी भी प्रकार का सहयोग करेंगे।” SP ने गाजियाबाद और खैर सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी हैं। अगर कांग्रेस इस पर सहमत नहीं होती है, तो SP इन सीटों पर अपने उम्मीदवार भी खड़े कर सकती है।
ओवैसी का असर और राजनीतिक समीकरण
असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM की एंट्री से यूपी की राजनीति में नया समीकरण बनता नजर आ रहा है। कांग्रेस और SP पहले से ही सीट बंटवारे को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, वहीं AIMIM की एंट्री से चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। ओवैसी की पार्टी मुस्लिम वोटों पर पकड़ रखने का दावा करती है, जो कांग्रेस और SP दोनों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
ओवैसी की पार्टी ने कुंदरकी सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है, जो कि एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। ऐसे में AIMIM का यहां से चुनाव लड़ना मुस्लिम वोटों के विभाजन का कारण बन सकता है। अजय राय ने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी BJP की जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनावी मैदान में उतरती है। उनका आरोप है कि ओवैसी का मुख्य उद्देश्य विपक्षी पार्टियों के वोटों को बांटकर BJP को फायदा पहुंचाना है।
सीट बंटवारे पर सपा-कांग्रेस का गतिरोध
SP और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर लगातार गतिरोध जारी है। कांग्रेस चाहती है कि उसे पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिले, जबकि SP केवल दो सीटें देने के लिए तैयार है। SP ने गाजियाबाद और खैर सीटों को कांग्रेस के लिए छोड़ने की पेशकश की है, लेकिन कांग्रेस पांच सीटों से कम पर तैयार नहीं है।
कांग्रेस की ओर से यह साफ संदेश दिया गया है कि अगर उसे पांच सीटें नहीं मिलतीं, तो वह किसी भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी और ना ही किसी भी तरह का चुनाव प्रचार करेगी। अजय राय के अनुसार, इन पांच सीटों पर कांग्रेस का दावा इसलिए है क्योंकि ये वे सीटें हैं, जहां समाजवादी पार्टी पहले हार चुकी है और यहां कांग्रेस के जीतने की संभावना है।
AIMIM के चुनावी रणनीति
AIMIM की यूपी उपचुनाव में एंट्री ने सभी राजनीतिक दलों को नई रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है। ओवैसी की पार्टी ने कुंदरकी सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया है, और संभावना है कि गाजियाबाद से भी रवि गौतम को उम्मीदवार बनाया जाएगा। ओवैसी का दावा है कि उनकी पार्टी मुस्लिम समुदाय की आवाज बनकर उभरी है और उन्हें चुनाव में जनता का समर्थन मिलेगा।
कांग्रेस और SP के लिए चुनौती
ओवैसी की पार्टी के उपचुनाव में उतरने से कांग्रेस और SP दोनों के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। मुस्लिम वोट बैंक पर इन दोनों दलों की अच्छी पकड़ रही है, लेकिन AIMIM के मैदान में उतरने से वोटों का विभाजन हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस और SP के लिए BJP को हराना और भी मुश्किल हो सकता है।
अजय राय के बयान से साफ जाहिर है कि कांग्रेस AIMIM को एक बड़ी चुनौती के रूप में देख रही है। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि ओवैसी की पार्टी BJP को जिताने के लिए काम कर रही है। हालांकि, AIMIM ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह किसी भी पार्टी के लिए काम नहीं करती, बल्कि जनता के मुद्दों को उठाती है और उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करती है।