UP By Election 2024: उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों के मद्देनजर BJP ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, जिससे अटकलों का दौर जारी है। नामांकन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है, लेकिन BJP की ओर से उम्मीदवारों के नामों की सूची सामने नहीं आई है। हालांकि यह अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्टी अगले सप्ताह तक उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। इस बीच, सपा के उम्मीदवारों की घोषणा भी चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसके चलते BJP की रणनीति पर भी असर पड़ सकता है।
उम्मीदवारों की घोषणा में देरी का कारण
BJP उम्मीदवारों की घोषणा में हो रही देरी का एक मुख्य कारण सपा के सभी उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी ने अब तक नौ में से छह सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। BJP के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में पिछले रविवार को BJP की उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों के पैनल पर गहन चर्चा की गई। इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उम्मीदवारों की अंतिम सूची पार्टी के शीर्ष नेताओं से चर्चा के बाद जारी की जाएगी, जो 21-22 अक्टूबर के बीच संभावित है।
रालोद को मिला एक सीट
इस बैठक में यह भी तय किया गया कि BJP रालोद (राष्ट्रीय लोक दल) के लिए केवल एक सीट मीरापुर पर चुनाव लड़ेगी। यह सीट पहले भी रालोद के पास थी, और इसलिए इसे रालोद को देने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा, BJP ने निचली पार्टी (निषाद पार्टी) को कोई सीट देने से इनकार कर दिया है, लेकिन निषाद पार्टी के प्रमुख और योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद की नाराजगी को देखते हुए मझावन सीट पर पुनर्विचार करने के संकेत मिले हैं।
मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की मांग
BJP ने न सिर्फ नौ विधानसभा सीटों के लिए बल्कि अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव कराने की मांग की है। इस संदर्भ में BJP के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा से मुलाकात की और उन्हें मिल्कीपुर सीट के लिए भी उपचुनाव कराने का अनुरोध किया। BJP के राज्य महासचिव गोविंद नारायण शुक्ला और अन्य नेताओं ने चुनाव आयोग को एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनावों में इस सीट से जीते उम्मीदवार अवधेश प्रसाद की वैधता को चुनौती दी गई याचिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में इस संबंध में कोई रोक या अंतरिम आदेश पारित नहीं हुआ है, इसलिए मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भी अन्य नौ सीटों के साथ उपचुनाव होना आवश्यक है।